उज्जैन: साइंस 2028 को लेकर सरकार ने अभी से तैयारी शुरू कर दिए इसी कड़ी में उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने साधु संतों को बुलाकर उनकी बैठक ली और संघर्ष के लिए आगामी कार्य योजना को लेकर विस्तृत चर्चा ली की संघर्ष स्नान के लिए नए घाटों का निर्माण कराया जाएगा इसके अलावा पुराने घंटे की मार मत भी होगी इस पर 1000 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है इसके लिए राज्य शासन को जिला प्रशासन ने प्रस्ताव भेजा है.
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि घाटों के विस्तार, निर्माण एवं मरम्मत इत्यादि कार्यों के लिए 1000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है. शिप्रा नदी के शुद्धिकरण का कार्य तीन स्तर पर किया जा रहा है. मेला क्षेत्र के प्रमुख अतिक्रमण को चिन्हित कर हटाने की कार्रवाई भी की जाएगी.
इस संबंध में दिए गए सुझाव
साधु संतों द्वारा बैठक में सुझाव दिए गए जिसमें प्रमुख रूप से सिंहस्थ मेला क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने, शिप्रा नदी के शुद्धिकरण, रामघाट-खाक चौक मार्ग का चौड़ीकरण, घाटों की मरम्मत किए जाने, इंदिरा नगर कॉलोनी से अतिक्रमण हटाने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव दिए. इसके अलावा ग्रीन बेल्ट की दूरी को कम किए जाने, रामघाट पर महिलाओं के लिए स्थाई चेंजिंग रूम बनाने, भगवान महाकाल की पालकी की ऊंचाई बढ़ाएं जाने, मांस मदिरा एवं अवैध शराब की दुकानों का संचालन न होने, रामघाट क्षेत्र पर विशेष साफ सफाई किए जाने के संबंध में सुझाव दिए गए. कलेक्टर द्वारा कहा गया कि सिंहस्थ के कार्य योजना के संबंध में साधु-संतों द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझावों पर प्रशासन द्वारा आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
सिंहस्थ में 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु आएंगे
उज्जैन में महाकाल लोक के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है. इसी तरह सिंहस्थ मेले में भी 12 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. इसे दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अभी से तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने दावा किया है कि इस बार का सिंहस्थ मेला देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व देखेगा. यह अब तक का सबसे विशाल और भव्य मेला होने वाला है.
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