आज स्टार्टअप पॉलिसी लांच होने के बाद क्लस्टर-स्टार्टअप के नाम रहेगा यह साल
500 से ज्यादा उद्योग लगेंगे, हजारों को रोजगार मिलेगा
इंदौर। आज स्टार्टअप पॉलिसी (Startup Policy) लांच होने के बाद इस साल के बाकी महीनों में सरकार सहित एमएसएमई मंत्रालय (Ministry of MSME) का पूरा फोकस वेटिंग लिस्ट (Waiting List) में पड़े क्लस्टर सहित शुरू होने वाले नए स्टार्टअप सेक्टर (Startup Sector) पर रहेगा । सरकार की मंशा है कि शहर में अगले साल जनवरी में होने वाली दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (Global Investor Summit) और एनआरई दिवस (NRE Day) तक इंदौर सहित 22 जिलों में सभी क्लस्टर और स्टार्टअप जमीन पर उतर आएं।
एमएसएमई मंत्रालय (Ministry of MSME) के अनुसार इंदौर सहित प्रदेश के अन्य जिलों में लगने वाले 35 से ज्यादा क्लस्टर अलग-अलग इंडस्ट्री सेक्टर के होंगे। 6 क्लस्टर इंदौर रीजन में व बाकी 30 क्लस्टर की लांचिंग की तैयारियां अन्य जिलों में चल रही हैं। सरकारी अनुमान से इसमें लगभग 10,000 करोड़ के पूंजी निवेश की संभावना है। सरकार द्वारा इंदौर सहित अन्य जिलों में लांच होने वाले सभी क्लस्टर में लगभग 3 हजार उद्योग स्थापित होंगे, जिससे मप्र में लगभग 2 लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
एमएसएमई विभाग (Ministry of MSME) के अनुसार अगले लगभग 3 महीनों में 15 क्लस्टर काम शुरू कर देंगे। यह पहली बार है, जब प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों के औद्योगिक विकास (Industrial Development) और रोजगार के लिए एक साल में इतने क्लस्टर लांच होंगे। इंदौर में 6 क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा लगभग 22 जिलों में लगने वाले सभी इन क्लस्टर में 3 हजार नए उद्योग स्थापित होंगे। इसमें 50 हजार से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और डेढ़ लाख को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। प्रदेश में स्थापित होने जा रहे 35 से ज्यादा क्लस्टर में से इंदौर में 6 क्लस्टर इस साल में लांच किए जाएंगे। इन 6 क्लस्टर में लगभग 500 से ज्यादा नए उद्योग स्थापित किए जाएंगे, जिससे लगभग 18 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इंदौर में विकसित हो रहे 6 क्लस्टर में लगभग 1 हजार करोड़ रुपए के पूंजी निवेश की संभावना है। इस साल के बाकी महीनों में इस साल तय किए क्लस्टर व स्टार्टअप सम्बन्धित लक्ष्य को हासिल करने के लिए इंदौर के अलावा प्रदेश के 8 जिलों में नए एमएसएमई टूल रूम सेंटर बनाए जाएंगे। केंद्र सरकार प्रत्येक सेंटर में मशीनरी और उपकरणों के लिए 20-20 करोड़ रुपए का अनुदान दे रही है।
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