इंदौर। प्रदेश सरकार की ओर से जारी बजट में ऊर्जा विभाग को गत वर्ष के मुकाबले 1000 करोड़ से ज्यादा की राशि मे बढ़ोतरी की गई है। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने माना कि बिजली व्यवस्था एक चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन बिजली कर्मचारी और इंजीनियरो के समर्पण भाव से इसे और ज्यादा सुव्यवस्थित बनाएंगे। सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास जारी रहेगा।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा द्वारा विधानसभा में वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तुत किया गया। बजट प्रदेश के विकास और सर्वहारा वर्ग के कल्याण के लिए समर्पित है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में बनाए गए इस बजट में युवाओं, किसानों और गरीबों सहित सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। ऊर्जा विभाग के लिए इस वर्ष 19 हजार 406 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में एक हजार 46 करोड़ रुपए अधिक है। इससे बिजली उपभोक्ताओं को निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने में सहूलियत होगी। तोमर ने बताया कि अटल गृह ज्योति योजना के लिए 3500 करोड़ रुपए और अटल कृषि ज्योति योजना के लिए 6290 करोड़ रुपए की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। आर.डी.एस.एस. योजना के लिए 3150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। ट्रांसमिशन एवं वितरण प्रणाली के सुद्ढ़ीकरण के लिए 565 करोड़ रुपए एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के 5 एच.पी. पंपों तथा एक बत्ती कनेक्शन को नि:शुल्क बिजली देने के लिए 2475 करोड़ रुपए की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
चुनौतियां… 70 फीसदी राशि सब्सिडी पर
प्रदेश सरकार की 1 रुपए यूनिट बिजली योजना के साथ ही किसानों को सिंचाई पंपों पर सर्वाधिक सब्सिडी देने के कारण प्रदेश सरकार के मौजूदा 19000 करोड़ रुपए के बजट में तकरीबन 13000 करोड रुपए की राशि सब्सिडी पर ही खर्च हो रही है, यानी 70 फ़ीसदी से ज्यादा राशि फ्री की योजनाओं में जा रही है यह बिजली कंपनियो के साथ प्रदेश के आम जनता जो लगातार समय पर बिजली बिल जमा कर रही है उसे पर अतिरिक्त भार लग रहा है जिसे कंपनियां घटाने की बात कर हर बार नियामक आयोग से बिजली की दरें बढाने की गुहार लगाती रहती हैं।
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