उज्जैन। जिले के एक गाँव में माँ-बेटे के प्रेम की एक ऐसी घटना घटित हुई जिससे पूरे गाँव में मातम छा गया। बेटे की मौत की खबर सुनकर माँ की साँसे भी थम गई। फिर माँ-बेटे की एक साथ अर्थी निकली जिसमें शामिल गाँव का हर व्यक्ति गमगीन था। जिले के महिदपुर रोड स्थित एक गाँव में एक ऐसी घटना घटित हुई जिससे पूरे गाँव में मातम छा गया। इस घटना के बारे में जिसने भी सुना वह गमगीन हो गया और उसके आँसू नहीं थम सके।
सभी इस घटना को सुनने के बाद सिर्फ यही कहते नजर आए कि माँ और बेटे का कुछ ऐसा अटूट स्नेह था कि दोनों एक-दूसरे के बिना नहीं रह सके और भगवान ने दोनों को एक साथ अपने पास बुला लिया। महिदपुर रोड के ग्राम झूटावद में रहने वाले जुझारलाल राठौर उम्र 60 वर्ष की गुरुवार शाम अचानक तबीयत खराब हो गई थी। तबीयत बिगडऩे पर परिजन उन्हें तुरंत अस्पताल ले गए लेकिन यहाँ डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि हार्ट अटैक के कारण जुझारलाल की मौत हो चुकी है। जुझारलाल की मौत की खबर जब उनके घर पर पहुँची तो जुझारलाल की माँ कावेरी बाई उम्र 100 वर्ष को इस खबर से कुछ ऐसा गहरा आघात पहुँचा कि वह सिर पर हाथ रखकर गमगीन हो गई, परिजन कुछ देर तक तो कुछ समझ नहीं पाए लेकिन जब उन्होंने कावेरी बाई को हिलाने डुलाने की कोशिश की तो पता चला कि उनकी भी मौत हो चुकी है। जुझारलाल की मौत के सदमे में कावेरी बाई की मौत होने की सूचना जैसे ही ग्राम झूटावद में फैली, वैसे ही पूरे गाँव में जैसे मातम छा गया। इस घटना के बारे में जिसने भी सुना उसकी आंखों में आँसू आ गए। माँ-बेटे की एक साथ मौत होने पर परिजनों ने बैंड बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाली जिसमें आगे-आगे कावेरी बाई तो पीछे जुझारलाल की अर्थी चल रही थी। इस अंतिम यात्रा में झूटावद ही नहीं बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्र के भी काफी लोग शामिल हुए थे। परिजनों ने बताया कि जुझारलाल और माँ कावेरी बाई के बीच अटूट स्नेह था। कावेरी बाई की उम्र 100 वर्ष थी, जुझारलाल आज भी उनका पूरा ख्याल रखते थे। यही कारण रहा कि दोनों के बीच प्रेम और स्नेह का जो रिश्ता था उसी के कारण जब कावेरी बाई को जुझारलाल की मौत की खबर लगी तो उनकी भी साँसे थम गई।
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