नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ती Petrol – Diesel की कीमतों ने आखिरकार सैकड़ा लगा ही दिया है। राजस्थान के श्रीगंगानगर में बुधवार को पेट्रोल 100 रुपये पर बिक रहा है जबकि दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 89.54 रुपए और मुंबई में 96 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच चुकी हैं।
ईंधन की बढ़ती कीमतें ना सिर्फ लोगों के लिए बड़ा सिरदर्द बनी हुईं हैं बल्कि इसने पेट्रोलियम उद्योग के माथे पर भी चिंता की लकीरें खींच दी हैं। ये चिंता पेट्रोल पम्पों पर लगीं Dispensing Units हैं। पट्रोल पम्प मालिकों का कहना है कि जब इन यूनिट्स को डिजिटाइज्ड किया गया था तब किसी ने भी नहीं सोचा था पेट्रोल की कीमत कभी 100 रु. प्रति लीटर का आंकड़ा भी छू सकती है। लगातार बढ़ रही कीमतों के चलते अब पेट्रोल के दामों के तीन अंकों तक पहुंचने की आशंका साफ-साफ दिख रही है।
दरअसल, पेट्रोल की कीमत अगर 100 रुपये के पार पहुंची तो पेट्रोल पम्पों पर लगीं डिस्पेंसिंग यूनिटें काम करना बंद कर देंगी। मौजूदा समय में ज्यादातर डिस्पेंसिंग यूनिट्स दो अंकों के बाद दो दशमलव अंकों तक के लिए कैलिब्रेट (Calibrate) की गईं हैं। अर्थात ये यूनिट्स 99.99 रुपये तक का ही आखिरी मूल्य ही दिखा सकती हैं। इसका मतलब यह हुआ कि अगर पेट्रोल की कीमत 100 रुपये के पार पहुंचती हैं तो डिस्पेंसिंग यूनिट्स 0.00 रुपये दिखाना शुरू कर देंगी।
उधर, तेल कंपनियां भी इस समस्या से अवगत हैं, जिसके चलते उन्होंने अपनी मशीनों को अपग्रेड करना शुरू कर दिया है। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि इसकी शुरुआत पिछले हफ्ते से ही हो चुकी है। मुंबई में कई पेट्रोल पम्पों के डिस्पेंसिंग यूनिटों को कैलिब्रेट कर भी दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि देशभर में कुल 59 हजार पेट्रोल पम्प हैं। हर एक में 2 से 40 तक डिस्पेंसिंग यूनिटस हैं। जानकारों का कहना है कि डिस्पेंसिंग यूनिट्स के रिकैलिब्रेशन का काम युद्धस्तर पर करना होगा, वरना ईंधन की कीमतों के 100 रुपये के पार पहुंचते ही पेट्रोल पम्पों को अपना काम बंद करना पड़ सकता है। (एजेंसी, हि.स.)
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