नई दिल्ली। देश में (In the Country) 100 नए सैनिक स्कूलों (100 New Sainik Schools) की स्थापना की जा रही है (Being Installed) । देश में सैनिक स्कूलों का विस्तार, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार (To Improve the quality of Education) के लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है। इन नए सैनिक स्कूलों की मदद से लड़कियों को सशस्त्र बलों में शामिल होने का मौका मिलेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 जनवरी, 2022 को सैनिक स्कूलों पर एक वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए कहा, 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना से लड़कियों को सशस्त्र बलों में शामिल होने और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान करने का अवसर मिलेगा। राजनाथ सिंह ने कहा सरकार सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने में विश्वास करती है और उस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं, जिसमें सैनिक स्कूलों में लड़कियों के प्रवेश का रास्ता साफ करना और महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान करना शामिल है।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नए सैनिक स्कूल स्थापित करने का निर्णय लड़कियों को देश की सेवा करने के अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। रक्षा मंत्री ने सैनिक स्कूलों के विस्तार की घोषणा को पिछले छह-सात वर्षों में बच्चों की बुनियादी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और देश के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा लिए गए कई महत्वपूर्ण फैसलों में से एक बताया।उन्होंने आशा व्यक्त की कि रक्षा और शिक्षण सैनिक स्कूलों का समामेलन आने वाले समय में राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि जहां ‘सैनिक’ एकता, अनुशासन और भक्ति का प्रतीक है, वहीं ‘स्कूल’ शिक्षा का केंद्र है, इसलिए सैनिक स्कूल बच्चों को सक्षम नागरिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि सरकार देश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि यह समाज के सर्वांगीण विकास के लिए एक ठोस नींव रखती है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए 17 सतत विकास लक्ष्यों में से चौथा है। ‘गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ के तहत कई अन्य लक्ष्य हैं। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए हमारी मजबूत राजनीतिक प्रतिबद्धता रही है।
सर्व शिक्षा अभियान और राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान जैसी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना इस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। रक्षा मंत्री ने स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, डॉ बीआर अंबेडकर और सर्वपल्ली राधाकृष्णन जैसे दूरदर्शी आदशरें को लागू करने के लिए सैनिक स्कूल सोसाइटी की सराहना की, जिन्होंने शैक्षणिक शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के शारीरिक, मानसिक, नैतिक और आध्यात्मिक विकास पर जोर दिया था।
उन्होंने इस तथ्य की सराहना की कि सैनिक स्कूलों ने अब तक सशस्त्र बलों में 7,000 से अधिक अधिकारियों की भर्ती में योगदान दिया है और देश को पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल दीपक कपूर (सेवानिवृत्त) और जनरल दलबीर सिंह सुहाग (सेवानिवृत्त) जैसे अधिकारी दिए हैं। राजनाथ सिंह ने शिक्षा को एक प्रमुख क्षेत्र बताया जो अन्य सभी क्षेत्रों के विकास में एक भूमिका निभाता है, निजी क्षेत्र से हाथ मिलाने का आह्वान करता है।
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