नई दिल्ली । दिल्ली के बॉर्डर (Delhi border) पर चल रहे किसान आंदोलन (Farmer movement) के आज 100 दिन पूरे हो गए हैं. इस आंदोलन के सौ दिन पूरे होने पर शनिवार को कुंडली मानेसर पलवल (Kundali Manesar Palwal) एक्सप्रेसवे की 5 घंटे की नाकाबंदी के साथ साथ काला दिवस के रूप में चिह्नित किया जाएगा. इसके अलावा डासना, दुहाई, बागपत, दादरी,ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) पर जाम किया जाएगा. सभी किसान काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराएंगे. टोल प्लाजा भी फ्री किये जाएंगे.
दिल्ली के अलावा मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर में भी 87 दिनों से किसानों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है. पुलिस प्रशासन ने अब तक उन्हें न तो टेंट लगाने की अनुमति दी ही और न ही कोई अन्य सहायता प्रदान की. यहां 3 और 4 मार्च को महापंचायत आयोजित की गई जिसके बाद टेंट लगाने की अनुमति दी गई है. आने वाले समय में मध्यप्रदेश में महापंचायत करने की योजना है.
गौरतलब है कि जब कई दौर की बातचीत के बाद भी किसान संगठन और सरकार गतिरोध खत्म करने में विफल रहे तो 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तीन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी. साथ ही एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया, जिसे दो महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया. लेकिन कमेटी से जुड़े किसान यूनियन के सदस्य ने अपना नाम वापस ले लिया.
वहीं, 26 जनवरी को नई दिल्ली में घटी घटना के बाद ऐसा लग रहा था कि आंदोलन खत्म होने की कगार पर आ गया है. लेकिन टिकैत के आंसुओं ने पूरे प्रदर्शन को नई दिशा दे दी. आधी रात को सुरक्षा बलों को वापस लौटना पड़ा और आंदोलन का नया दौर शुरू हुआ. आंदोलन के इस चरण में पंचायत और महापंचायतों का दौर शुरू हुआ. बॉर्डर के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और पंजाब में पंचायत और महापंचायत का दौर जारी है. राकेश टिकैत के अलावा कई महत्वपूर्ण किसान नेता इनकी अगुआई कर रहे हैं. किसान नेताओं ने चुनावी राज्यों में भी पंचायत करने का ऐलान किया है.
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