इन्दौर। इंदौर को गुजरात से जोड़ने वाला इंदौर-पिटोल फोरलेन शुरू से ही विवादों में रहा है। पहले तो काम करने में लेतलाली, इसके बाद रोड का मेंटेनेंस और अन्य काम समय पर नहीं करना । अब एनएचएआई (नेशनल हाईवे) के साथ बैंक के करोड़ों रुपए बकाया हो गए। लापरवाही के चलते एनएचएआई ने इसके लिए टर्मिनेशन नोटिस भी जारी कर दिया है।
इंदौर से पिटोल नेशनल हाईवे फोरलेन तकरीबन 155 किलोमीटर की दूरी है। इसमें 139 किलोमीटर फोरलेन के अनुसार टोल वसूल किया जा रहा है। इससे 16 किलोमीटर खरमोर और माचलिया में फोरलेन निर्माण का कार्य वन विभाग की परमिशन के कारण अधूरा था, जो कुछ समय पहले शुरू हुआ है। विभागीय अधिकारियों ने इसे मार्च तक पूरा करने की समयसीमा तय कर रखी है। इस पूरे मार्ग पर दो जगह दत्तीगांव और मेठवाड़ा टोल टैक्स लगाए गए हैं। यह प्रदेश के सबसे महंगे टोल वसूली के नाम से जाना जाता है। यहां पर चार पहिया वाहन कार के लिए 150 शुल्क लिया जाता है।
6 महीने से एनएचएआई को नहीं चुकाई राशि
टोल कंपनी को हर महीने नेशनल हाईवे कोई तय राशि की किस्त चुकाना होती है, लेकिन इंदौर-पिटोल मार्ग पर टोल कंपनी ने पिछले 6 महीने से नेशनल हाईवे को राशि नहीं चुकाई है। तकरीबन 100 करोड़ रुपए की वसूली नेशनल हाईवे की टोल कंपनी पर बकाया हो गई है। इसके साथ ही बैंक से लोन चुकाने ने में भी कंपनी रुचि नहीं दिखा रही। बैंक ने भी नेशनल हाईवे को टर्मिनेशन के लिए कहा है।
और महंगा होगा इस मार्ग से गुजरना
खरमोर और माचलिया के 16 किलोमीटर फोरलेन निर्माण पूरा हो जाने के बाद मौजूदा टोल नाकों पर निर्माण कार्य की लागत वसूलने के लिए टोल बढ़ाया जाएगा, यानी पहले से महंगे टोल की परेशानी झेल रहे यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को मार्च 2023 के बाद और ज्यादा अपनी जेब ढीली करना पड़ेगी
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