जगरेब। क्रोएशिया (Croatia) के दो गांवों (two villages) में न जाने कैसी प्राकृतिक स्थिति (natural state) बन गई हैं. यहां जनवरी से अब तक 100 से ज्यादा गड्ढे (Sinkhole) बन गए हैं, कुछ सूखे तो कुछ पानी से भरे. इनमें से करीब आधे तो पिछले एक महीने में जमीन से निकले हैं. खेतों में, रास्तों पर, घरों की दलानों में..ये कहीं भी बन जा रहे हैं. इससे क्रोएशिया के वैज्ञानिक (Croatian scientists) हैरान हैं और परेशान भी. उन्हें समझ में ये नहीं आ रहा है कि क्या ये दोनों गांव जमीन में धंसने वाले हैं. या फिर यह कोई प्राकृतिक अजूबा है।
क्रोएशिया (Croatia) के इन दो गांवों में इस साल की शुरुआत कुछ अजीब हुई. इन गांवों के नाम हैं मेसेनकानी (mesenkani) और बोरोजेविसी (borojevici). यहां पर नए साल से ही जमीन में अजीबोगरीब हलचल होने लगी थी. मेसेनकानी में अचानक एक बड़ा सिंकहोल (Sinkhole) बन गया. सिंकहोल यानी जमीन में अचानक एक गहरा गड्ढा बन जाना. यह सिंकहोल करीब 98 फीट व्यास का है और 49 फीट गहरा है।
मेसेनकानी क्रोएशिया की राजधानी जगरेब (Zagreb) से करीब 40 किलोमीटर दूर है. इसके पास में ही बोरोजेविसी गांव भी है. धीरे-धीरे हफ्ते-दर-हफ्ते इस गांव में सिंकहोल की संख्या बढ़ती चली गई. बोरोजेविसी में भी गड्ढे दिखने लगे. जनवरी खत्म होते-होते इन दोनों गांवों पर 54 सिंकहोल अपना मुंह खोलकर वैज्ञानिकों को चिढ़ा रहे थे. इस बात की पुष्टि क्रोएशियन जियोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ने भी की किया।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी AFP ने मार्च में अंदाजा लगाया कि दोनों गांवों और उनके आसपास 100 से ज्यादा सिंकहोल बन चुके हैं. कई तो खेतों में उग रहे थे, लेकिन कुछ लोगों के घरों के आंगन में या फिर घर के पीछे की दीवार के नीचे. जो कि इन दो गांवों में रहने वाले लोगों के लिए खतरनाक है।
मेसेनकानी गांव के निवासी स्टोजन क्रेसोजेविक ने मार्च में रॉयटर्स से बात करते हुए कहा था कि वो लोग बहुत ही ज्यादा बुरी हालत में हैं. स्टोजन ने कहा कि हमारे चारों तरफ सिंकहोल बन गए हैं. ये किसी भी दिन हमें निगल सकते हैं. हो सकता है कि हमें कुछ दिन में मजबूरीवश यह जगह छोड़नी पड़े. ये गड्ढे बेहद खतरनाक है, क्योंकि ये अचानक से बनते हैं और उनमें पानी भर जाता है।
खुशी की बात ये है कि वैज्ञानिकों ने इस भूगर्भीय रहस्य (Geological Mystery) का लगभग खुलासा कर लिया है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका सीधा संबंध क्रोएशिया में दिसंबर 2020 में आए भूकंप से है. यह भूकंप 6.4 तीव्रता का था, जिसकी वजह से मध्य क्रोएशिया में करीब 7 लोगों की मौत हुई थी. 2 दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इसके झटके पूरे क्रोएशिया और पड़ोसी मुल्क बॉस्निया और सर्बिया में भी महसूस किए गए थे।
आमतौर पर भूगर्भीय हलचल के बाद सिंकहोल नहीं बनते. ये वहां बनते हैं जहां पर जमीन के भीतर कैविटी या गुफाएं हों. जैसा कि क्रोएशिया में है. क्रोएशिया में जमीन के भीतर दर्जनों गुफाएं, कैविटी हैं. इसे डाइनेरिक कार्स्ट जियोलॉजी (Dinaric Karst Geology) कहते हैं।
क्रोएशिया में तीन ऐसी गुफाएं हैं जो करीब 3262 फीट यानी करीब एक किलोमीटर गहरी हैं. ये गुफाएं पानी के बहाव की वजह से बनी हैं. यहां पर पानी थोड़ा सा अम्लीय (Acidic) है. जिसकी वजह से लाइमस्टोन और अन्य बेडरॉक धीरे-धीरे पिघलते रहते हैं. मिट्टी नरम होती है और ऊपरी सतह कमजोर होकर सीधे गुफा में चली जाती है. इससे यहां पर सिंकहोल बन जाता है, उसमें थोड़ी ही देर में पानी भार जाता है।
पिछले साल आए भूकंप की वजह से क्रोएशिया में जमीन की ऊपरी सतह कमजोर हो गई है. नीचे की गुफाएं और कैविटी इन्हें धीरे-धीरे अंदर की तरफ से खुरच रही हैं. जिसकी वजह से इन दो गांवों के ऊपर 100 सिंकहोल बन गए हैं. इन गुफाओं की छत यानी ऊपरी जमीन, जिस पर लोगों के घर बने हैं, खेत हैं, रास्ते हैं ये धंसे जा रहे हैं।
क्रोएशियन जियोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के मुताबिक बिना भूकंप के भी ऐसे सिंकहोल्स बन सकते हैं. अगर जमीन के नीचे गुफाएं या कैविटी हो और वहां पानी का बहाव भी हो तो ऊपरी सतह धंस सकती है. ये गड्ढे बन सकते हैं. हालांकि पिछले साल के भूकंप ने सिंकहोल बनने की प्रक्रिया को और गंभीर बना दिया है.
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