इंदौर। शहर में पहली बार इतने विशाल स्तर पर प्लास्टिक पैकेजिंग और उससे जुड़े तमाम उत्पादों के साथ-साथ मशीनों की भी प्रदर्शनी प्लास्ट पैक-2025 के तहत लगाई गई है। कल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव दो घंटे विलंब से इंदौर पहुंचे और वे लाभगंगा स्थित प्रदर्शनी स्थल भी आए और इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि प्लास्टिक के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए रीयूज और वेस्ट मैनेजमेंट तकनीक को बढ़ावा दिया जाए, वहीं उन्होंने कोरोना काल को याद करते हुए प्लास्टिक को जीवनदाता भी बताया। वहीं इंडियन प्लास्ट पैक फोरम के चेयरमैन सचिन बंसल ने एमपीआईडीसी से अनुरोध किया कि 100 एकड़ जमीन प्लास्टिक पार्क के लिए उपलब्ध कराएं, ताकि दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों की तरह विशाल प्रदर्शनी से लेकर प्लास्टिक आधारित उद्योग आ सकें।
कार्यक्रम में मौजूद एमपीआईडीसी के एमडी चंद्रमौली शुक्ला ने कहा कि इंदौर-भोपाल के रास्ते पर डोडी में जमीन मौजूद है, जो प्लास्टिक इंडस्ट्रीज के लिए उपलब्ध कराई जा सकती है। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी कहा कि देश के प्लास्टिक उद्योग में विकास की अपार संभावनाएं हैं और इसका बड़ा बाजार भी है और रोजगार के भी अधिक अवसर इसमें मिलते हैं। इस चार दिवसीय प्लास्ट-पैक आयोजन में 400 से अधिक प्लास्टिक उद्योग से जुड़ी कम्पनियां और दो हजार प्रदर्शकों ने हिस्सा लिया है।
मशीनों को लाइव दिखाया जा रहा है, जिसमें रोबोटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का भी इस्तेमाल हुआ और श्री बंसल के मुताबिक साढ़े 7 करोड़ की कीमत वाली तीन मशीनें तो शुरुआत में ही बिक गई और अन्य मशीनों के साथ-साथ अन्य उत्पादों के भी बड़े ऑर्डर मिले हैं। वहीं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संभव में कहा कि प्लास्टिक ने अपनी उपयोगिता कोविड काल में साबित की है। यह जीवन रक्षक के रूप में सामने आया है। कोविड के दौरान पीपीई किट हो या मॉस्क आदि में प्लास्टिक का उपयोग हुआ है। जीवन में इसकी उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता है। प्लास्टिक के दुष्प्रभाव भी हैं। इन दुष्प्रभावों को दूर करने के प्रयास होंगे। पर्यावरण की चिंता भी रखी जायेगी। डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास को नई गति और नइ दिशा दी जा रही है।
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