विदिशा। समाजसेवी और बेतवा नदी से लगाव रखने वाले लोग चाहते हैं कि नदी की सूरत और घाटों की मरम्मत की जाए। इसके लिए कई जतन किए जा चुके हैं। लेकिन इस तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। नदी के संरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर युवाओं ने पदयात्रा निकाली और इसी के साथ सिस्टम पर कटाक्ष किया कि 10 साल पुराने मंदिर के घाटों को संवारा जा रहा है यह अच्छी बात है लेकिन 300 साल पुराने मंदिरों और घाटों को भी तो संवारो। बेतवा के घाटों की दुर्दशा और बदहाली को उजागर करने सोमवार को महलघाट सेवा समिति ने पदयात्रा निकाली। पदयात्रा में समितियों और समाजिक संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल हुए। सुबह 9 बजे चरणतीर्थ मंदिरों से पदयात्रा शुरू हुई।
बेतवा के किनारे. किनारे करीब 3 घंटे में 10 किमी की पदयात्रा कर बेतवा प्रेमी और सामाजिक संगठनों के लोग कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहां कलेक्टर के नाम 8 मांगों को लेकर ज्ञापन देकर चेतावनी दी की तीन दिन में चोर घाट नाले को बेतवा में मिलने से नहीं रोका गया तो सीएम के विदिशा आने पर काले झंडे दिखाकर विदिशा में आने से रोका जाएगा। महलघाट सेवा समिति के आनंद प्रताप सिंह ने बताया की सालभर में 50 हजार से अधिक लोग बेतवा के तटों पर पहुंचते हैंए लेकिन यहां न तो सुरक्षा व्यवस्था है न ही सफाईए महिलाओं को वस्त्र बदलने के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था नहीं हैए बेतवा के घाटों तक स्ट्रीट लाइट, पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। 10 साल पहले बने घाट पर सारी व्यवस्थाएं और 350 साल पुराने घाटों की उपेेक्षा बर्दाश्त नहीं। ज्ञापन के दौरान आनंद प्रताप सिंह ने कहा की बेतवा के घाट और मंदिर 350 साल पुराने हैं उनकी अनदेखी कर सिर्फ 10 साल पहले बने बाढ वाले गणेश मंदिर पर सारी व्यवस्थाएं हैं। पुरातत्व विभाग के पैसे से यदि गणेश मंदिर घाट का निर्माण हो सकता है तो अन्य घाटों का क्यों नहीं हो सकता। अपने नंबर बढ़वाने के लिए प्रशासन और नपा ने सीएम के बाढ़ वाले गणेश मंदिर पर सारी व्यवस्था कर रखी हैं। यहां पुलिस भी तैनात रहती है और नपा के सफाई कर्मचारी भी सफाई करते हैं। सिर्फ बाढ़ वाले गणेश मंदिर के घाट को छोड़कर बेतवा के सभी घाट बदहाली और दुर्दशा के शिकार हैं।
चोर घाट नाले को तुरंत बंद किया जाए और इसी पर एक फिल्टर प्लांट लगाया जाए। बेतवा के सभी प्राचीन घाटों का जीर्णोद्धार और संरक्षण किया जाए। सुरक्ष व्यवस्थाए पीने के पानी की व्यवस्था और महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम की व्यवस्था घाटों पर की जाएए स्ट्रीट लाइट लगवाएं। बेतवा के सभी घाटों को एक वार्ड मानकर एक मेट दरोगा और सफाई कर्मियों की नियुक्ति की जाएए बाढ़ में घाटों पर आने वाली मिट्टी नपा के कर्मचारियों से साफ कराई जाए। हादसों को रोकने के लिए बेतवा के सभी घाटों पर चैन की व्यवस्था की जाए। वहीं घाटों को एक वीट मानकार पुलिस प्रशासन द्वारा स्थाई पुलिसकर्मियों की व्यवस्था की जाए। बेतवा के बड़वाले घाट पर सोमवार को हजारों की संख्या में महिलाएं दीपदान करने के लिए पहुंची थीं। लेकिन आस्था भरे इस घाट की ना तो साफ-सफाई कराई गई और ना ही यहां की किसी ने कोई फिक्र की।
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