तीसरी लहर से भी सरकार बेपरवाह
नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में हजारों मौतों के बाद भी सरकार नहीं जागी है। तीसरी लहर (third wave) में बच्चों (children) पर प्रहार की आशंका की दस्तक महाराष्ट्र के अहमद नगर (ahmednagar) में मिलने के बावजूद अभी तक बच्चों में संक्रमण (Infection) की स्थिति जांचने और भविष्य के लिए तैयारियां करने के लिए केन्द्रीय जांच दल ( central investigation team) की टीम नहीं पहुंची। महाराष्ट्र ( maharashtra) के जिले में केवल 2 माह में 9900 बच्चे कोरोना से ग्रस्त हुए हैं। हालांकि इन बच्चों में से किसी में भी संक्रमण (Infection) की स्थिति गंभीर नहीं पाई गई, वहीं कोई भी बच्चा मौत का शिकार नहीं हुआ।
हर उम्र के बच्चे शामिल
कोरोनाग्रस्त बच्चों (children) में 6700 बच्चे 11 से 18 वर्ष की आयु के हैं तो 3100 एक से 10 वर्ष के बीच के हैं। वहीं कुछ बच्चे 1 वर्ष से कम आयु के भी हैं। इनमें से 95 प्रतिशत बच्चों में संक्रमण (Infection) के लक्षण नहीं हैं।
अस्पतालों में मां भी साथ
चूंकि कई बच्चे कम उम्र के हैं, इसलिए अस्पतालों में उनके साथ मां भी है। इनमें से कुछ बच्चों में संक्रमण (Infection) की स्थिति गंभीर होने के चलते उन्हें आईसीयू वार्ड में भी रखा गया है।
कलेक्टर की लीपापोती
अप्रैल माह में शादियों के चलते जहां भीड़ ज्यादा थी, वहीं लॉक डाउन (Lockdown) के दौरान भी सडक़ों पर बच्चे खेलते थे, इसलिए उनका पॉजिटिविटी रेट बढ़ा।
राजेन्द्र भोंसले, जिला कलेक्टर अहमद नगर
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