इंदौर। नियम विरुद्ध चल रहे ऑटो रिक्शा (auto rickshaw) के खिलाफ परिवहन विभाग (transport Department) के अभियान (Campaign) के कारण शहर की सडक़ों से 10 हजार ऑटो रिक्शा गायब (auto rickshaw missing) हो गए हैं। ये वे रिक्शा हैं, जिनके पास परमिट सहित अन्य दस्तावेजों (documents) की कमी है। कार्रवाई (action) के डर से इनके चालक इन्हें अभी नहीं चला रहे हैं। इसके कारण रिक्शा से सफर करने वाले यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत (Transport Minister Govind Rajput) ने निर्देश दिए हैं कि सभी आरटीओ कैंप (RTO Camp) लगाकर रिक्शा के दस्तावेजों को पूरा करेंगे।
जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) के आदेश पर प्रदेश में नियम विरुद्ध चल रहे ऑटो रिक्शा के खिलाफ परिवहन विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अब तक 514 ऑटो रिक्शा जब्त किए जा चुके हैं। परिवहन विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक (according to record) शहर में 25 हजार से ज्यादा ऑटो रिक्शा रजिस्टर्ड हैं, वहीं परिवहन विभाग ने करीब 15 हजार ऑटो रिक्शा के ही परमिट जारी किए हैं। इस तरह विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक ही 10 हजार ऑटो रिक्शा बिना परमिट के चल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से चल रही सख्त कार्रवाई के कारण ये सभी रिक्शा चलना बंद हो गए हैं। इन ऑटो के बंद हो जाने से यात्रियों को रिक्शा की कमी महसूस हो रही है और सफर में परेशानी आ रही है।
जांच अभियान के दौरान परिवहन विभाग द्वारा रिक्शा के मीटर का नापतौल विभाग द्वारा जारी सत्यापन प्रमाण पत्र (verification certificate) भी मांगा जा रहा है। नातपौल विभाग (natpaul department) इसके लिए केसरबाग रोड (Kesarbagh Road) पर अर्बन हाट मैदान में मंगलवार और गुरुवार को कैंप लगा रहा है। निरीक्षक केएस ठाकुर (Inspector KS Thakur) ने बताया कि सख्ती के डर से कल इस कैंप में 400 से ज्यादा रिक्शा पहुंचे। विभाग द्वारा इनकी जांच कर जो रिक्शा सही पाए गए, उन्हें सत्यापन प्रमाण पत्र जारी किया गया। यह अभियान आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा। ताकि सत्यापन करने के बाद अब शहर की सडक़ों पर रिक्शा नियम कायदों के साथ आसानी से संचालित हो सके। इसके अलावा विभाग द्वारा अन्य योजनाएं भी तैयार की जा रही है, जिसका क्रियान्वयन जल्द ही किया जाएगा।
मंत्री के आदेश पर अब लगेंगे कैंप, पूरे होंगे दस्तावेज
प्रदेश में परिवहन वाहनों के संगठन मप्र परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने रिक्शा चालकों की इस समस्या को लेकर कल परिवहन मंत्री गोविंदसिंह राजपूत (Transport Minister Govind Singh Rajput) से फोन पर चर्चा करते हुए कहा कि परिवहन विभाग दस्तावेज बनाने में मदद करने के बजाय कार्रवाई में लगा है। इससे रिक्शा चालकों को भारी जुर्माने से गुजरना पड़ेगा, जबकि वे दस्तावेज बनवाने के लिए तैयार हैं। इसके लिए परिवहन विभाग मदद नहीं कर रहा है। उन्होंने मंत्री से आग्रह किया कि विभाग विशेष कैंप लगाकर दस्तावेज पूरे करने में मदद करे। इस पर मंत्री ने परिवहन आयुक्त को निर्देश दिए कि कैंप लगाकर दस्तावेजों को पूरा करने में मदद करें। इंदौर में जल्द ही अधिकारी कैंप आयोजित करेंगे।
छह दिन बाद भी कोर्ट से नहीं छूटे जब्त रिक्शा
परिवहन विभाग द्वारा कोर्ट के आदेशानुसार रिक्शाओं को जब्त कर चालान कोर्ट भेजे जा रहे हैं। इंदौर कोर्ट (Indore Court) द्वारा इतने चालान आने पर यह कहते हुए रोक लगा दी गई कि पहले जबलपुर कोर्ट के आदेश देखेंगे, क्योंकि इतने चालानों पर निर्णय करने में काफी समय खर्च होगा। वहीं विभाग की ओर से भी कुछ दस्तावेजों की कमी के कारण गुरुवार से जब्त रिक्शा अब तक नहीं छूट पाए हैं। ऑटो रिक्शा चालक महासंघ के प्रमुख राजेश बिडक़र (Federation chief Rajesh Bidkar) ने बताया कि उनके वकील द्वारा कोर्ट से आग्रह किया गया है कि सुपुर्दगीनामे पर शपथपत्र लेकर रिक्शा को छोड़ा जाए, क्योंकि चालान की भारी राशि अभी जमा कर पाना रिक्शा चालकों के लिए संभव नहीं है।
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