भोपाल (Bhopal)। किर्गिस्तान (Kyrgyzstan) में हो रही हिंसा के बीच उज्जैन (Ujjain) के 10 से ज्यादा विद्यार्थी (More than 10 students) फंसे हैं। वे इतने डरे और सहमे हुए हैं कि किसी भी तरह जल्द से जल्द भारत लौटना चाहते हैं। उन्होंने अपने माता-पिता को वीडियो कॉल कर जानकारी दी है कि किर्गिस्तान के युवक हॉस्टल में घुसकर उनके साथ मारपीट और गाली-गलौच कर रहे हैं और उनका कमरे से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। छात्रों और उनके माता-पिता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Chief Minister Dr. Mohan Yadav) से रेस्क्यू की गुहार लगाई है।
गौरतलब है कि किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक और आसपास के इलाकों में इन दिनों भारतीय, पाकिस्तानी और बांग्लादेशी विद्यार्थियों को खासतौर पर निशाना बनाया जा रहा है। भारत से कई विद्यार्थी मेडिकल की पढ़ाई के लिए किर्गिस्तान में हैं। इनमें उज्जैन के भी 10 से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हैं। दरअसल, किर्गिस्तान में एमबीबीएस की पढ़ाई भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश के मुकाबले काफी सस्ती है, इसीलिए इन देशों के विद्यार्थी वहां एमबीबीएस करने पहुंचते हैं।
बिश्केक में रह रहे उज्जैन के राज सोलंकी की मां अलका सोलंकी ने सोमवार को बताया कि हमारे बेटे की जान पर खतरा है। क्रिमिनल्स हॉस्टल में घुसकर मार रहे हैं। कोई सिक्योरिटी नहीं है, गेट लॉक कर और परदे लगाकर रखने को कहा जा रहा है। ऐसा बताया जा रहा है कि तीन से चार पाकिस्तानी बच्चों का मर्डर भी हो चुका है। पीएम मोदी से आग्रह है कि बच्चों को जल्द वहां से निकालें। बता दें कि राज सोलंकी एक साल पहले ही किर्गिस्तान में एमबीबीएस करने गए हैं। छात्रों ने वीडियो कॉल कर अपने परिजनों को जानकारी दी है और कहा कि यहां हालात ठीक नहीं हैं। अराजकता का माहौल है।
वहीं, उज्जैन के योगेश चौधरी भी किर्गिस्तान में एमबीबीएस कर रहे हैं। वह फोर्थ ईयर में हैं। उनके पिता डॉ. चैनसिंह चौधरी ने भारत सरकार से बच्चों को वापस लाने की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि अगर सरकार ने जल्द फैसला नहीं लिया तो दिल्ली जाकर विदेश मंत्री के सामने अपनी बात रखेंगे। एक और विद्यार्थी रवि सराटे की माता लीना सराटे का कहना है कि वहां की स्थिति इतनी भयावह है कि हम बता नहीं सकते। हम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से यही चाहते हैं कि जिस तरह उन्होंने यूक्रेन में भारतीय स्टूडेंट की मदद की वैसी ही मदद हमारे बच्चों की करें।
इस मामले को लेकर उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने कहा कि छात्रों की मदद के लिए हर संभव प्रयास करेंगे लेकिन अभी तक हमें दूतावास से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है।
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