उज्जैन। प्रदेश भाजपा द्वारा 10 प्रतिशत मतदान बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रमों का अभियान चलाया था लेकिन भाजपा का यह अभियान फेल रहा। क्योंकि मतदान 10 प्रतिशत बढऩे की बजाय 15 प्रतिशत घट गया। अब ठीकरा चुनाव आयोग और बीएलओ के माथे थोड़ा जा रहा है। बात उज्जैन नगर निगम की की जाए तो यहां वर्ष 2015 में हुए नगर निगम चुनाव में 65 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान किया था। भाजपा संगठन द्वारा कुशाभाऊ ठाकरे जन्मशती वर्ष के उपलक्ष में 10 फ़ीसदी मतदान बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए भाजपा ने फिजिकल से डिजिटल त्रिदेव पन्ना प्रमुख जैसी व्यवस्था की थी और इसके लिए अभियान भी चलाया गया था। यहां तक कि भाजपा ने विस्तारक अभियान भी चलाया था, जिसमें पार्टी के नेता बूथ पर अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए क्षेत्र में घूमे थे और सूची भी बनाई थी।
लेकिन इस बार नगर निगम चुनाव में 5 प्रतिशत मतदान कम हुआ। जिसने भाजपा के पूरे अभियान पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। यदि इस अभियान से मतदान पिछली बार की अपेक्षा 75 प्रतिशत होता तो अभियान सफल माना जाता। लेकिन यह 15 प्रतिशत घटकर मात्र 60 प्रतिशत रह गया। अब इसके पीछे असफलता का कारण भाजपा के नेता चुनाव आयोग और बीएलओ को बता रहे हैं। बताया जाता है कि बीएलओ ने कई वार्डों में मतदान पर्ची नहीं बांटी। मतदान में कई मतदाताओं ने हिस्सा नहीं लिया इससे भी प्रतिशत गिरा है। इस संबंध में विधायक पारस जैन ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। अब आने वाले दिनों में छोटे स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई की गाज गिर जाएगी और ठीकरा चुनाव आयोग तथा बीएलओ पर फोड़ा जाएगा। मतदान ने भाजपा की चिंता वैसे भी बढ़ा दी है। अब परिणाम आने के बाद संभावना है कि बहुत सी कार्रवाईयां होगी।
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