उज्जैन। पॉलीटेकनिक कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर अपने बेेटे को सरकारी नौकरी पर लगवाना चाहते थे। इस पर चपरासी ने उन्हें अपने झाँसे में लिया और पिछले दिनों अपने साथ भोपाल ले गया और वहाँ हमीदिया अस्पताल के समीप एक फर्जी डॉक्टर से मुलाकात कराई, जिसने उनके पुत्र को आगर में नौकरी दिलवाने का दावा किया और 10 लाख रुपए ऐंठ लिए। जब उन्हें ठगी का पता चला तो गत दिवस नीलगंगा थाने में शिकायत की।
नीलगंगा थाना पुलिस ने बताया कि विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाले हरसिद्धि प्रसाद श्रीवास्तव पॉलीटेकनिक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं और वे अपने पुत्र सौरभ को सरकारी नौकरी दिलाने के प्रयास में लगे थे। इस दौरान कॉलेज के चपरासी बाबूलाल परमार ने अपने झाँसे में लिया तथा उनके बेटे को नौकरी दिलाने के लिए अपने साथ भोपाल ले गया। भोपाल के हमीदिया अस्पताल के गेट पर उसने अशोक वर्मा नामक व्यक्ति से मिलवाया और उसे डॉक्टर बताया। अशोक वर्मा ने हरसिद्धि प्रसाद को अपनी बातों में फाँस लिया और कहा कि आगर जिले में शासकीय नौकरी दिलवा दूंगा और इसके बदले में 10 लाख रुपए देना होंगे। इस पर हरसिद्धि प्रसाद ने उन्हें 10 लाख रुपए दे दिए लेकिन उनके पुत्र की नौकरी नहीं लगी। इस पर उन्होंने बाबूलाल से बात की तो वह आनाकानी करने लगा और फिर उक्त डॉक्टर के बारे में पता किया तो वह भी फर्जी निकला। इस पर हरसिद्धि प्रसाद ने नीलगंगा थाने में 10 लाख रुपए ठगने को लेकर बाबूलाल और उक्त फर्जी डॉक्टर अशोक वर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। इसी तरह विष्णुपुरा निवासी लालचंद भारती उम्र 48 साल को छत्तीसगढ़ निवासी दंपत्ति ने ठेका दिलाने का हवाला देकर अपने झाँसे में लिया और उससे 5 लाख रुपए ले लिए। दोनों ने उसे पैसे भी नहीं लौटाए और ठेका भी नहीं मिला घटना की रिपोर्ट नीलगंगा थाने में दर्ज करा दी गई है।
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