इन्दौर। शहर के कई क्षेत्रों में नाला टेपिंग (Sewer taping) का कार्य तेजी से चल रहा है। कई जगह नई Drainage line बिछाई जा रही है। पारसी मोहल्ला में हनुमान मंदिर के ठीक पीछे नाले किनारे तक बने मकानों के कारण नाला टेपिंग की Drainage line बिछाने में दिक्कत आ रही है। अब निगम ने नाले के छोर तक बने दस मकानों को हटाने के लिए रहवासियों को नोटिस (Notice) थमाए हैं। आज वहां पुलिस बल मिलने पर मकानों को हटाने की कार्रवाई भी की जाना संभावित है।
निगम द्वारा शहर के कई छोटे-बड़े नालों में गिरने वाले आउटफॉल्स (Outfalls) बंद करने का अभियान शुरू किया गया है। इसके लिए अधिकारियों को नवम्बर के दूसरे सप्ताह तक का टारगेट दिया गया है। इसी के चलते कई क्षेत्रों में नालों में छोड़ी गई गंदे पानी की लाइनें हटाई जा रही हैं और रहवासियों द्वारा उनके कनेक्शन ड्रेनेज लाइनों में करवाए जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक करीब 50 से ज्यादा क्षेत्रों में यह कार्य चल रहा है। कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां ड्रेनेज लाइनें नहीं होने की दशा में नई लाइनें बिछाने का काम भी किया जा रहा है। नगर निगम अधिकारी देवकीनंदन वर्मा के मुताबिक पारसी मोहल्ला में हनुमान मंदिर के पीछे नाले किनारे तक बने 10 मकानों के कारण वहां Drainage line बिछाने का कार्य नहीं हो पा रहा है। वहां नाला टेपिंग (Sewer taping) कार्य के लिए निगम द्वारा नई ड्रेनेज लाइन बिछाई जाना है, जिसमें उक्त मकान बाधक हैं। निगम द्वारा मकानों को लेकर सभी 10 रहवासियों को नोटिस दिए गए हैं। आज वहां कार्रवाई के लिए रिमूवल अमले को अलर्ट पर रखा गया है। नाले किनारे बने मकानों को हटाने के लिए पर्याप्त पुलिस बल हेतु संयोगितागंज थाने के अधिकारियों से संपर्क भी किया गया है। पुलिस बल मिलने के बाद ही वहां कार्रवाई की जाएगी।
कई अन्य बस्तियों में भी आ रही है यही परेशानी
निगम अधिकारियों के मुताबिक मध्य क्षेत्र के कई इलाके साउथ तोड़ा, गाडराखेड़ी, छत्रीबाग, मच्छी बाजार, जयरामपुर के आसपास के क्षेत्रों और कई अन्य स्थानों पर लोगों ने सीवरेज के गंदे पानी को सीधे नदी-नाले में छोड़ रखा है, जिसके कारण तमाम परेशानियां आ रही हैं। अब निगम उन क्षेत्रों में ड्रेनेज की नई लाइनें बिछाने की तैयारी में है, लेकिन वहां नदी के छोर तक बने मकान परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा खराब स्थिति तो छत्रीबाग पुल के पास है। नदी के मुहाने तक लोगों ने मकान बना लिए हैं और ऐसे में उन क्षेत्रों में लाइन कहां बिछाई जाए यही समस्या है।
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