भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा है कि किसानों को सिंचाई के लिए दस घंटे बिजली (Ten hours electricity for irrigation to farmers) आवश्यक रूप से उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए प्रत्येक स्तर पर आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करें। प्रदेश में किफायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। सौर ऊर्जा भविष्य का ऊर्जा स्त्रोत है, अत: सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में कोई कसर नहीं छोड़ी जाए। एक-दो मेगावॉट तक के प्लांट स्थापित करने को प्रोत्साहन देने के लिए आवश्यक नीति बनाई जाए। मुख्यमंत्री चौहान ने यह निर्देश मंत्रालय में आयोजित रबी फसल के लिए विद्युत आपूर्ति संबंधी ऊर्जा विभाग की बैठक में दिए। बैठक में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा श्री संजय दुबे तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
राजस्व बढ़ाने के लिए सभी स्तर पर प्रयास आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा है कि बिजली उत्पादन में कोयले पर निर्भरता कम करने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाना आवश्यक है। राजस्व बढ़ाने के लिए सभी स्तर पर प्रयास आवश्यक हैं। यदि हम क्वालिटी बिजली का प्रदाय सुनिश्चित करते हैं, तो बिजली बिलों के नियमित भुगतान के लिए जन-सामान्य की मानसिकता बनाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ट्रांसफार्मर जल्द खराब होने या जलने की समस्या पर नाराजगी जताते हुए ट्रांसफार्मरों के फेलीयर रेट का अध्ययन कराने के निर्देश दिए।
ट्रांसफार्मर और कोयले की उपलब्धता के संबंध में हुई चर्चा
ऊर्जा मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विभागीय अमले में वृद्धि की आवश्यकता बताई। बैठक में रबी सीजन में विद्युत प्रदाय सुनिश्चित करने, फ्लेक्सी प्लान, ट्रांसफार्मरों और कोयले की उपलब्धता के संबंध में चर्चा हुई। रबी सीजन में अधिकतम विद्युत मांग को दोपहर में शिफ्ट करने की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई, क्योंकि दोपहर में ही सौर विद्युत ऊर्जा की उपलब्धता अधिकतम रहती है।
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