• img-fluid

    दिल्ली में हिंसा के 10 सबूत, आधार बनाकर जांच कर सकती है पुलिस!

    January 28, 2021


    नई दिल्‍ली । गणतंत्र दिवस के मौके पर लालकिले पर जो हुआ, उसने पूरे देश को शर्मसार कर दिया. सवाल उठता है कि क्या दिल्ली में सबकुछ अचानक हो गया? क्या दिल्ली के बॉर्डर से लेकर दिल्ली के लाल किले तक जो कुछ हुआ वो सबकुछ स्क्रिप्टेड और प्रायोजित था. क्या ट्रैक्टर परेड के नाम पर गणतंत्र दिवस पर देश को शर्मिन्दा करने की पूरी तैयारी की गई थी. पुलिस की तरफ से पड़ताल शुरू हो गई है और उस पड़ताल का सबसे बड़ा सिरा कैमरों में कैद है. हम एक-एक करके उन सबूतों को आपके सामने लाए हैं, जो आपको सोचने के लिए मजबूर करते हैं कि जो हुआ उसके पीछे कहीं कोई साजिश तो नहीं थी.


    सबूत नंबर- 1
    बहुत लोगों के मन में सवाल हैं कि आखिर जब ट्रैक्टर परेड का एलान किसानों ने पहले से किया था तो उन्हें रोकने का इंतजाम क्यों नहीं किया गया. इसका जवाब उन तस्वीरों में आपको दिखेगा. पत्थरों से बनी बैरेकेडिंग हो या टैंकर. बस हो या फिर सामने मौजूद पुलिसवाले हों. उपद्रवियों ने ट्रैक्टर का इस्तेमाल हथियार की तरह किया. ट्रैक्टर को सीधे-सीधे पुलिसवालों पर दौड़कार कुचलने की कोशिश की गई. ऐसे हालात में पुलिस के पास सिर्फ एक ऑप्शन था, वो गोली चलाते. लेकिन पुलिस ने धैर्य का सबूत दिया तो उपद्रवियों ने अपने ट्रैक्टर वाले प्लान को अंजाम दिया.

    सबूत नंबर- 2
    इजाजत ट्रैक्टर परेड की मांगी गई थी, लेकिन अगर मंशा सिर्फ ट्रैक्टर परेड की थी तो किसान अपने साथ डंडे लेकर क्यों आए थे. दिल्ली में अगर जगह जगह उत्पात हुआ, पुलिस पर लोहे की रॉड और डंडो से हमला किया गया. ट्रैक्टर से बैरिकेड को हटाया गया और डंडों का इस्तेमाल पुलिस पर किया गया. प्लान बड़ा था तभी तो तय वक्त से पहले ट्रैक्टर परेड निकाली गई और तय रूट का वादा तोड़ा गया.

    सबूत नंबर- 3
    तिरंगा देश की आन बान और शान की पहचान है और उसी तिरंगे का अपमान लाल किले पर किया गया. लालकिले की उन तस्वीरों को बहुत गौर से देखिए. जिस लाल किले पर 15 अगस्त पर तिरंगा फहराने की जगह है, उसी लाल किले पर धार्मिक झंडे को फहराया गया. यानी लाल किले पर पहुंचे आंदोलनकारियों का इरादा पक्का था उन्हें क्या करना है.

    सबूत नंबर- 4
    क्या आंदोलनकारी किसानों द्वारा लाल किले पर धार्मिक झंडा फहराना सोची समझी साजिश का नतीजा नहीं था, ये आप लाल किले पर भारी संख्या में पहुंचे किसानों और उनके रूट से समझ सकते हैं. दरअसल, किसान एक तरफ से नहीं बल्कि दो तरफ से लाल किले की तरफ पहुंचे. किसानों का जो दस्ता लाल किले पर पहुंचा उसमें एक दस्ता गाजीपुर से पहुंचा तो दूसरा दस्ता सिंघु बॉर्डर से. तस्वीरों का विश्लेषण करें तो लाल किले का प्लान पहले से तय नजर आता है.

    सबूत नंबर- 5
    उन तस्वीरों को आपने भी देखा होगा. लाल किले की प्राचीर पर निहंग तलवार से करतब दिखा रहे थे. पहले झंडा फहराया फिर तलवारबाजी से अपने विचार को दिखाने की कोशिश की गई. यहां निहंगों ने सिर्फ तलवार का जोर नहीं दिखाया बल्कि लाल किले के अंदर निहंगों का घोड़ा भी नजर आया.

    सबूत नंबर- 6
    लाल किले में आंदोलनकारियों ने सारी सीमाएं और मर्यादाओं को तोड़ दिया. गणतंत्र दिवस के दिन देश के जवानों को इतना बेबस दुनिया देखेगी, किसी ने सोचा नहीं था. ट्रैक्टर पर सवार उपद्रवियों ने जवानों को कुचलने की कोशिश की और फिर क्या हुआ. ये सब कैमरे में कैद हो गया.

    सबूत नंबर- 7
    जिस वक्त आंदोलनकारी लाल किले पर पहुंचे, उनकी मंशा सिर्फ झंडा फहराना नहीं बल्कि तोड़फोड़ भी करना था. लाल किले परिसर के अंदर आंदोलनकारियों ने मानो आक्रमण किया था. जमकर तोड़फोड़ की और देश की सांस्कृतिक विरासत को चोट पहुंचाई.

    सबूत नंबर- 8
    दिल्ली के नांगलोई में आंदोलन कारी किसानों का संपूर्ण उत्पात वीडियो में मौजूद है. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि किस तरह से आंदोलनकारी अपने साथ लाए लाठी और डंडो से पुलिस की गाड़ियों में तोड़ फोड़ कर रहे हैं. उन दृश्यों को देखकर आप क्या कहेंगे. क्या आंदोलनकारी बिना प्लानिंग के आए थे, वे तस्वीरें गहरी साजिश की गवाही दे रही हैं.

    सबूत नंबर- 9
    दिल्ली को बंधक बनाने वाले आंदोलनकारियों के हमले में दो सौ से ज्यादा पुलिसवाले जख्मी हुए. दो दर्जन से ज्यादा पुलिसवाले सीरियस हैं. अगर परेड शांतिपूर्ण थी तो पुलिसवालों को निशाना क्यों बनाया गया.

    सबूत नंबर- 10
    दिल्ली में जो हुआ, वो क्यों हुआ? इसका सबूत किसान संगठन के नेताओं के बयान में मौजूद है. 26 जनवरी से पहले ट्रैक्टर परेड को लेकर किसान नेताओं ने जो भड़काऊ बयान दिए. उन बयानों को सुनकर आप समझिए. कौन निदोर्ष है और कौन दोषी है? मंगलवार की एक-एक तस्वीर आंदोलनकारियों के इरादों की गवाही दे रही है. अब दिल्ली पुलिस इन सबूतों की बिनाह पर आगे की इंवेस्टिगेशन को आगे बढ़ाएगी.

    Share:

    7 साल की उम्र में पास किया MTA Exam, मिला 'वंडर किड' का खिताब

    Thu Jan 28 , 2021
    भुवनेश्वर । ओडिशा के बलांगीर जिले के रहने वाले 7 साल के वेंकट रमन पटनायक ने माइक्रोसॉफ्ट टेक्नॉलाजी एसोसिएट (MTA) परीक्षा पास की है. इतनी कम उम्र में MTA एग्जाम को पास करने वाले वेंकट को इस उपलब्धि की वजह से ‘वंडर किड’ कहा जा रहा है. उन्होंने जावा, जावा स्क्रिप्ट, पायथन, एचटीएमएल, सीएसएस (Java, […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved