नई दिल्ली । निजीकरण के विरोध (Privatization conflict) में सोमवार की तरह आज भी सरकारी बैंकों में हड़ताल रहेगी. सरकारी बैंकों (Public banks) को प्राइवेट क्षेत्र (Private sector) को सौंपने के सरकार के कदम के खिलाफ पब्लिक सेक्टर (Public sector) के बैंक दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं, पब्लिक सेक्टर के नौ बैंकों की यूनियन, यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स Banks’ Unions, United Forum of Bank Unions ने इस हड़ताल का एलान किया है. इस बार बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि इस साल सरकार दो सरकारी बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण करेगी .
सरकारी बैंकों की हड़ताल के पहले दिन बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ. हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी, जमा, चेक समाशोधन और कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ. यूनियन नेताओं ने दो दिन की इस हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के शामिल होने का दावा किया है.
नौ यूनियनों के संगठन यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 15 और 16 मार्च को हड़ताल का आह्वान किया है. बैंक यूनियनों ने कहा कि हड़ताल की वजह से तीन राष्ट्रीय ग्रिड…चेन्नई, मुंबई और दिल्ली में 16,500 करोड़ रुपये के 2.01 करोड़ चेकों का समाशोधन नहीं हो सका. ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएश्न (एआईबीईए) ने बयान में कहा कि अतिरिक्त मुख्य श्रम आयुक्त के साथ 4, 9 और 10 मार्च को हुई सुलह-सफाई बैठक में हमने कहा था कि यदि सरकार अपने फैसले पर पुनर्विचार करे, तो हम हड़ताल के फैसले पर पुनर्विचार करेंगे. लेकिन सरकार ने हमारी पेशकश स्वीकार नहीं की.
बयान में कहा गया है कि सोमवार को शुरू हुई हड़ताल सफल रही. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने ग्राहकों को सूचित कर दिया था कि वे लेनदेन के लिए डिजिटल माध्यम मसलन इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग का इस्तेमाल करें. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि हड़ताल की वजह से उसकी शाखाओं में बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ.
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओसी) के महासचिव सौम्य दत्ता ने कहा कि सरकार की नीतियों का अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा. इसका परिणाम राज्यों के आगामी विधानसभा चुनावों के नतीजों में भी दिखेगा. उन्होंने कहा कि कुछ शीर्ष स्तर के कर्मचारियों को छोड़कर बैंकों के सभी कर्मचारी इस दो दिन की हड़ताल में शामिल हुए हैं.
उल्लेखनीय है कि नौ अलग अलग बैंकों की यूनियन के संगठन, यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने इस हड़ताल का एलान किया था – इसमें ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉयज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक एम्प्लॉयज कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) शामिल हैं. इसके अलावा इंडियन नेशनल बैंक एम्प्लॉयज फेडरेशन (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (एनओबीओ) भी इसमें शामिल हैं.
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