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    किन्नौर भूस्खलन हादसे में 10 शव बरामद, 13 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

  • August 12, 2021

    – मलबे में दबी एचआरटीसी बस, कई यात्रियों की मौत की आशंका

    शिमला। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के जनजातीय जिला किन्नौर के निगलसूरी में नेशनल हाईवे पर हुए भीषण भूस्खलन की घटना (major landslide event) में मलबे में फंसे लोगों को निकालने का कार्य युद्वस्तर पर चल रहा है। स्थानीय पुलिस, होमगार्ड के अलावा एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें मुस्तैदी से राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। बचाव टीमों ने अब तक घटनास्थल से 10 शव बरामद किए हैं। इनमें आठ शव मलबे में दफन एक टाटा सूमो जीप से निकाले गए हैं जबकि मलबे में फंसे 13 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। कई लोगों के अभी भी मलबे में फंसे होने की आशंका है।


    भीषण भूस्खलन के कारण एचआरटीसी बस समेत दो वाहन और एक ट्रक मलबे में दब गए। एचआरटीसी बस अभी भी मलबे में दबी है और बचाव टीमें इसमें मौजूद यात्रियों को बाहर निकालने का भरसक प्रयास कर रही हैं। भूस्खलन का ये खौफनाक मंजर बुधवार दोपहर 12ः30 बजे निचार तहसील के तहत निगलसूरी में हुआ। पहाड़ से भारी मात्रा में चट्टानें और मलबा गिरने के कारण हाईवे पर से गुजर रहे वाहन इसकी चपेट में आ गए। इससे घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। इसके बाद वहां पर आसपास और स्थानीय प्रशासन के लोग पहुंच और अपने स्तर पर मदद करने लगे। सूचना पर आलाधिकारी सक्रिय हुए और राहत-बचाव तेज हुआ।

    राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक सुदेश कुमार मोक्टा ने बताया कि अब तक 10 शव बरामद हुए हैं। इन्हें पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। 13 लोगों को घटनास्थल से सुरक्षित निकालकर उपचार के लिए भावानगर सामुदायिक अस्पताल में भर्ती किया गया है। उन्होंने कहा कि रिकांगपिओ-हरिद्वार रूट की एचआरटीसी बस मलबे में दबी है और राहत टीमें यात्रियों के रेस्क्यू में जुटी हैं। भूस्खलन की चपेट में आई एक टाटा सुमो पूरी तरह तबाह हो गई, जबकि एक कार को आंशिक नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा पहाड़ी से गिरी चट्टानों की जद में आने से एक ट्रक लुढ़क कर नदी के किनारे जा गिरा। ट्रक चालक के शव को भी बरामद कर लिया गया है।

    किन्नौर के उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि इस घटना के दो मृतकों की शिनाख्त रोहित (24) पुत्र सैंज राम निवासी रामपुर जिला शिमला और विजय कुमार (32) पुत्र जगदीश चंद निवासी सुजानपुर टीहरा जिला हमीरपुर के रूप में हुई है। जबकि आठ शवों की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि घायलों में उना निवासी प्रशांत व वरूण, हमीरपुर के सुजानपुर टीहरा निवासी राजेंद्र, किन्नौर के निचार निवासी दौलत, पंजाब के फतेहगढ़ निवासी चरण जीत सिंह, बिलासपुर निवासी महिंद्र पाल, मंडी निवासी गुलाब सिंह, नेपाल निवासी सवीण शर्मा, शिमला के रामपुर निवासी जाप्ती देवी और अरुण, किन्नौर निवासी चंद्र, कैजंग नेगी और अनिल कुमार शामिल हैं।

    उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर अभी भी कई लोग फंसे हुए हैं। इन्हें निकालने के लिए राहत व बचाव कार्य युद्वस्तर पर चल रहा है। स्थानीय पुलिस, होमगार्ड के अलावा एनडीआरएफ और आईटीबीपी की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।

    राज्य के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने बुधवार को विधानसभा में एक विशेष वक्तव्य में कहा कि भूस्खलन में फंसे लोगों को निकालना सरकार की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए सरकार की ओर से हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, सेना तथा अन्य राहत व बचाव एजेंसियों के लोग मौके पर पहुंच गए हैं और राहत व बचाव कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेना ने भी इस हादसे में राहत व बचाव कार्य के लिए पेशकश की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सेना से हादसे में राहत एवं बचाव के लिए हेलीकाप्टर की भी मांग की है। (एजेंसी, हि.स.)

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