दिल्ली शराब नीति घोटाला (Delhi liquor policy scam) मामले में सीबीआई (CBI) द्वारा गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) की जमानत (bail) याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 5 सितंबर (September 5) को सुनवाई (Hearing) होगी. कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई के लिए लिस्ट किया है. सीएम केजरीवाल को पहले ईडी ने अरेस्ट किया था लेकिन उस मामले में जमानत मिलने के बाद सीबीआई ने उन्हें जेल से ही गिरफ्तार कर लिया था. जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस सीटी रविकुमार और जस्टिस उज्जल भुइयां की स्पेशल बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी. ईडी मामले में पहले कोर्ट ने सीएम की रिहाई का आदेश दिया था. अब सीबीआई मामले में उनकी जमानत याचिका पर कोर्ट में सुनवाई होगी और फिर तय होगा कि उन्हें जमानत मिलेगी या नहीं.
2. आप-कांग्रेस हरियाणा में एक बार फिर साथ? गठबंधन के मूड में हैं राहुल गांधी
हरियाणा विधानसभा चुनाव(Haryana Assembly Elections) में भी कांग्रेस(Congress), आम आदमी पार्टी(Aam Aadmi Party) के साथ मिलकर चुनाव लड़ने के मूड (mood to contest election)में है। हालांकि, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन खबरें हैं कि सांसद राहुल गांधी आप के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। कहा जा रहा है कि इस संबंध में उन्होंने हरियाणा के कांग्रेस नेताओं से बात भी की है। इससे पहले आप और कांग्रेस दिल्ली, चंडीगढ़ समेत कई क्षेत्रों में साथ मिलकर मैदान में उतर चुकी है। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राहुल गांधी हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से गठबंधन करना चाहते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया है कि पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक के दौरान उन्होंने हरियाणा कांग्रेस के नेताओं से आप संग गठबंधन की संभावनाओं पर राय भी पूछी थी। हालांकि, अब तक इसे लेकर कांग्रेस की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है।
शंभू बॉर्डर (Shambhu border) पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने प्रदर्शनकारी किसानों (protesting farmers) की शिकायतों के सौहार्दपूर्ण निवारण के लिए पांच सदस्यीय समिति (Five-member committee) का गठन किया है। समिति की अध्यक्षता पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति नवाब सिंह करेंगे। न्यायालय ने समिति को एक सप्ताह के अंदर बैठक बुलाने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पैनल से यह भी कहा है कि वह तत्काल शंभू बॉर्डर जाएं और उसे खुलवाने के लिए किसानों से बातचीत करें। शीर्ष अदालत से किसानों से भी कहा है कि वह मु्द्दे का राजनीतिकरण करने से बचें और गैरवाजिब मांग न करें। कोर्ट ने कहा कि हाई पॉवर कमेटी को प्रदर्शनकारी किसानों से जाकर मिलना चाहिए। कमेटी किसानों से अनुरोध करे कि वह अपने ट्रैक्टर्स हटा लें। शीर्ष अदालत ने उम्मीद जताई कि जब किसानों की परेशानी को सही ढंग से सुना जाएगा तो वह भी कमेटी की बात सुनेंगे और अपने ट्रैक्टर्स वहां से हटा लेंगे। इससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को चेतावनी भी दी कि वह राजनीतिक दलों से दूरी बनाकर रखें। कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा कि पंजाब और हरियाणा द्वारा सुझाए गए सभी नाम अपने विशिष्ट क्षेत्र में प्रतिष्ठित और ईमानदार हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के सामने आने वाली मुश्किलों के बारे में भी जानते हैं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा मकानों पर राज्य सरकारों द्वारा बुलडोजर (Bulldozer) चलाने को गलत कहने की टिप्पणी का स्वागत किया है और इसके बहाने केंद्र की सत्ताधारी भाजपा (BJP) पर निशाना साधा है। राहुल ने एक पोस्ट में कहा कि भाजपा की अन्यायपूर्ण ‘बुलडोजर नीति’ पर SC की टिप्पणी स्वागत योग्य है। राहुल ने यह भी कहा कि अब भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा देश के सामने बेनक़ाब हो चुका है। उन्होंने कहा कि देश बाबा साहब के संविधान से चलेगा, सत्ता की चाबुक से नहीं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा,”भाजपा की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण ‘बुलडोज़र नीति’ पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी स्वागत योग्य है। बुलडोज़र के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली भाजपा का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनक़ाब हो चुका है। बेलगाम सत्ता का प्रतीक बन चुके बुलडोज़र ने नागरिक अधिकारों को कुचल कर कानून को निरंतर अहंकार भरी चुनौती दी है। ‘त्वरित न्याय’ की आड़ में ‘भय का राज’ स्थापित करने की मंशा से चलाए जा रहे बुलडोज़र के पहियों के नीचे अक्सर बहुजनों और गरीबों की ही घर-गृहस्थी आती है।”
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के इतिहास (History) में पहली बार (first time), राज्य के 2 लाख कर्मचारियों (2 lakh employees) और 1.5 लाख पेंशनर्स (1.5 lakh pensioners) को 1 तारीख को सैलरी (salary) और पेंशन (pension) नहीं मिल पाई. राज्य में मौजूदा आर्थिक संकट के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनर्स के जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. हिमाचल प्रदेश पर वर्तमान में लगभग 94 हजार करोड़ रुपये का भारी कर्ज है. इस वित्तीय बोझ ने राज्य की वित्तीय स्थिति को अत्यधिक कमजोर कर दिया है, जिसके कारण राज्य सरकार को पुराने कर्ज चुकाने के लिए नए कर्ज लेने पड़ रहे हैं. कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए राज्य सरकार पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारियां बकाया हैं. इस राशि का भुगतान न कर पाने की स्थिति में सरकार को भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को आज भी सैलरी-पेंशन न मिलने के आसार दिख रहे हैं.
कोलकाता (Kolkata) के RG Kar अस्पताल की ट्रेनी डॉक्टर (trainee doctor) से रेप और हत्या मामले पर बवाल जारी है. जूनियर डॉक्टर कोलकाता पुलिस मुख्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. पीड़ित डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की जा रही है. इस बीच बंगाल विधानसभा (assembly) के दो दिवसीय विशेष सत्र के आखिरी दिन आज ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Government) एंटी रेप बिल पेश कर दिया है. इसमें रेप के दोषियों के लिए 10 दिनों के भीतर फांसी की सजा सुनिश्चित करने का प्रावधान है. इसका नाम अपराजिता वीमेन एंड चाइल्ड (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून व संशोधन) बिल 2024 है. मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा विधानसभा में ममता के इस कदम का समर्थन करेगी. बीजेपी का कहना है कि उनकी पार्टी बलात्कार के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार के विधेयक का समर्थन करेगी. बंगाल में हो रहे इन घटनाक्रमों की पल-पल की अपडेट जानने के लिए इस पेज से जुड़े रहें.
7. UP में 7 लाख महिलाओं के साथ… चुप क्यों बीजेपी? विधानसभा में केंद्र पर जमकर भड़कीं ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल विधानसभा (West Bengal Legislative Assembly) में मंगलवार (3 सितंबर 2024) को रेप के खिलाफ विधेयक पेश किया गया, जिसमें दोषी को फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है. इस दौरान विधानसभा (Assembly) के अंदर ममता बनर्जी ने कहा, “बलात्कार के खिलाफ सख्त सजा होनी चाहिए, ये समाज का विष है. जब भी इस तरह की घटना होती है तो मैं खुद अपनी कलम से लिखती हूं. जब कोलकाता की घटना हुई थी तब भी मैंने अपने शब्दों को कलमबद्ध किया था.” पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “43 साल पहले इसी दिन 1981 में, संयुक्त राष्ट्र ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए ‘महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर सम्मेलन’ के लिए एक समिति बनाई थी… मैं नागरिक समाजों से लेकर छात्रों तक सभी का अभिनंदन करती हूं, जो महिला सुरक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं.”
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (RG Kar Medical College and Hospital) के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष (Sandeep Ghosh) को सीबीआई (CBI) ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जहां संदीप घोष को 8 दिन की हिरासत (8 Days Custody) में भेज दिया गया और 3 अन्य आरोपियों को भी सीबीआई हिरासत में भेजा गया है। अब 10 सितंबर को अगली पेशी होगी। हिरासत में लिए जाने के बाद डॉ संदीप घोष के CBI दफ्तर से निकलते ही इकट्ठे हुए लोग संदिप घोष को चोर-चोर बोलने लगे और उनकी गाड़ियों को रोकने की कोशिश की। गाड़ी के शीशे पर भी लोगों ने हाथ मारना शुरू कर दिया। CRPF की सुरक्षा में डॉ संदीप घोष के काफिले को बाहर निकाला गया। जिसके बाद उन्हें कोर्ट पहुंचाया गया। पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और 3 अन्य आरोपियों को बीती रात सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने गिरफ्तार किया था। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की वित्तीय अनियमितताओं के मामले में अलीपुर जज कोर्ट में लाया गया था।
9. कर्नाटक सरकार ने डेंगू बुखार को घोषित किया महामारी, सालभर में दर्ज किए गए इतने हजार मामले
कर्नाटक सरकार (Karnataka Government) ने मंगलवार को राज्य में डेंगू बुखार को महामारी (Dengue fever epidemic) के रूप में अधिसूचित किया है। इसमें इसके सभी स्वरूप शामिल हैं। इसके अलावा, कर्नाटक महामारी रोग विनियम 2020 (Karnataka Epidemic Diseases Regulations 2020) में संशोधन के लिए नियम बनाए गए हैं। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल जनवरी से जुलाई तक डेंगू के 7362 मामले दर्ज किए गए हैं। डेंगू से निपटने के लिए कार्य योजना का एलान करते हुए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, इस साल अब तक 7,362 डेंगू के मामले दर्ज किए गए हैं। अब तक सात लोगों की मौत हुई है। डेंगू के मरीजों को भर्ती करने के लिए अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में दस बेड रखने को कहा गया है। झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को मच्छरदानियां प्रदान की जाएंगी।
10. CM मोहन यादव के पिता का निधन, 100 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Madhya Pradesh Chief Minister Dr. Mohan Yadav) के पिता पूनमचंद यादव का आज 100 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे एक हफ्ते से बीमार चल रहे थे। उज्जैन (Ujjain) के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। रविवार को मुख्यमंत्री भी अपने पिता से मिलने अस्पताल पहुंचे थे। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) और उनके बेटे महान आर्यमन सिंधिया ने सोमवार को अस्पताल जाकर उनका हाल जाना था। आज सीएम मोहन यादव का शेड्यूल व्यस्त था वे आज कैबिनेट बैठक में शामिल हुए थे। इसी बीच उनके पिता के निधन की खबर आई।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved