1. गुना बस हादसे में 13 लोग जिंदा जले: 7 शव जलकर एक-दूसरे से चिपक गए
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना (Guna) में बुधवार देर रात डंपर से टक्कर के बाद यात्री बस (Bus) में आग लग गई। दिल दहा देने वाले इस हादसे में 12 लोग जिंदा जल गए। वहीं, डंपर के ड्राइवर (Driver) की भी मौत हो गई है। इस तरह हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई है। प्रशासन ने इसकी पुष्टि की है। करीब 16 लोग झुलस गए। उन्हें जिला अस्पताल (Hospital) भर्ती कराया गया है। हादसा बुधवार रात करीब साढ़े 8 बजे हुआ। बस गुना से आरोन की ओर जा रही थी, तभी सामने से आ रहे एक डंपर से बस की टक्कर हो गई। टक्कर लगते ही बस पलट गई और उसमें आग लग गई। दो से ढाई घंटे की मशक्कत के बाद बस में लगी आग पर काबू पाया जा सका। गुना के एसपी विजय कुमार खत्री ने बताया कि बस में करीब 30 सवारियां थीं। हादसे की वीभत्सता इसी से समझ सकते हैं कि शव को उठाने में भी अंग गिर रहे थे। कुल 13 शव मिले। बस के अंदर से जो 9 शव निकाले गए, उनमें 7 एक-दूसरे से चिपके थे। इनको बाहर निकालने तक में कर्मचारियों के हाथ कांप रहे थे। शव ऐसे जले कि घरवाले तक नहीं पहचान पाएंगे। प्रत्यक्षदर्शियों का दावा है कि घाटी पर चालक न्यूट्रल में डंपर उतार रहा था। इसी दौरान स्टीयरिंग और ब्रेक जाम हो गए और डंपर सीधे बस से जा टकराया। हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पहुंच गए और फंसे लोगों को निकाला। मौके पर SDRF की टीम भी पहुंची। फिलहाल मृतकों की शिनाख्त नहीं की जा सकी है।
2. भारत सरकार की पाकिस्तान से मांग, पुलवामा के मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद को जल्द हमें सौंप दो
लश्कर-ए- तैयबा का सरगना (leader of Lashkar-e-Taiba) और मुंबई में 26/11 हमले का मास्टरमाइंड आतंकी हाफिज सईद (terrorist hafiz saeed) को भारत लाने के लिए भारत सरकार ने पाकिस्तान की सरकार के सामने आधिकारिक मांग रखी है. भारत सरकार ने प्रत्यर्पण को लेकर कानूनी प्रकिया पूरी करने की अपनी मांग रखी है. हाफिज सईद पर 2008 में मुबंई हमले, 2019 में पुलवामा हमले समेत कई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी पाया गया है. वैश्विक स्तर पर भी हाफिज सईद आतंकवादी घोषित किया जा चुका है. संयुक्त राष्ट्र ने भी हाफिज सईद को आतंकवादियों की सूची में डाल दिया है. फिलहाल वह पाकिस्तान की जेल में ‘सजा काट’ रहा है.
मध्य प्रदेश के गुना (Guna) जिले में बुधवार (27 दिसंबर) की रात एक डंपर से टकराने के बाद एक बस में आग लग गई, जिससे कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है. साथ ही 14 लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं, जिनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Naredra Modi)ने इस दर्दनाक हादसे पर शोक जताया है और घायलों के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुना सड़क हादसे को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा ‘मध्य प्रदेश के गुना में हुआ सड़क हादसा हृदयविदारक है. इसमें जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं. इसके साथ ही इस दुर्घटना में घायल सभी लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा है.’
4. एक साल में 6 आतंकी हमले, जम्मू कश्मीर का पीर पंजाल क्यों बनता जा रहा है आतंकियों का नया गढ़
21 दिसंबर 2023 की दोपहर राजौरी-पुंछ इलाके में सर्च ऑपरेशन (Search operation in Rajouri-Poonch area) पर निकले सुरक्षाबलों के काफिले पर आतंकियों ने हमला कर दिया. इस हमले में चार जवानों के शहीद होने और 3 जवानों के गंभीर रूप से घायल होने की खबर सामने आई. पुंछ में हुए हमले से ठीक 1 महीने पहले यानी 22 नवंबर को इसी इलाके के बाजीमाल क्षेत्र में भी ऐसा ही हमला किया गया था, उस वक्त भी सेना के पांच जवान और दो कैप्टन को अपनी जान गवानी पड़ी थे. पिछले एक साल का रिकॉर्ड देखें तो जम्मू कश्मीर के राजौरी-पुंछ सेक्टर में 6 आतंकी हमले और 19 जवान शहीद हो चुके हैं. कश्मीर में आतंकी हमले होना कोई नई बात नहीं है. सालों से हम अखबार या टीवी में सुरक्षाबलों पर आतंकियों के हमले की खबरें सुनते आए है, लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि पहले इस तरह के हमले ज्यादातर दक्षिण कश्मीर यानी घाटी क्षेत्र में होते थे. हालांकि पिछले कुछ सालों से घाटी का इलाका शांत है जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसी घटनाएं ज्यादा होने लगी है.
5 9 साल तक महासचिव रहने के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने दिया इस्तीफा
भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया है. कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा. पार्टी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय साल 2014 में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बनाए गए थे. तभी से वो इस पद पर लगातार बने रहे. उन्हें इस पद पर 9 साल हो गए हैं. हालांकि हाल ही में उन्होंने मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा था और जीत भी दर्ज की. माना जा रहा है कि बीजेपी मध्य प्रदेश सरकार में उन्हें कोई बड़ा मंत्रालय दे सकती है. ऐसे में बीजेपी की एक व्यक्ति एक पद की नीति के तहत उन्होंने इस्तीफा दे दिया है. बीजेपी महासचिव के पद से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा, “आज मैं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रसाद नड्डा से मिला. हमारी पार्टी के सिद्धांत ‘एक व्यक्ति एक पद’ के अनुसार मैंने महासचिव पद से इस्तीफा देते हुए उन्हें सौंप दिया.” विजयवर्गीय ने आगे कहा, “मेरा सौभाग्य रहा कि मैंने 9 वर्ष तक पहले अमित शाह फिर जेपी नड्डा के मार्गदर्शन में देश के अलग-अलग स्थानों पर संगठन को गढ़ने में प्राणप्रण से कार्य किया.”
6. ‘नीतीश कुमार कभी भी मुख्यमंत्री पद से हट सकते हैं’, इस नेता के बयान से मची खलबली
केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा और चौंकाने वाला बयान दिया है. गिरिराज सिंह ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार कभी भी मुख्यमंत्री पद से हट सकते हैं. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब JDU में अंतर्कलह की बातें उभर कर सामने आ रही हैं. जेडीयू के वरिष्ठ नेता फिलहाल पार्टी कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार भी राष्ट्रीय राजधानी पहुंच चुके हैं. बता दें कि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को लेकर भी लगातार चौंकाने वाली खबरें सामने आ रही हैं. दरअसल, इन दिनों जेडीयू में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह को लेकर खबरें आम हैं. इन सबके बीच भाजपा के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार कभी भी मुख्यमंत्री पद से हट सकते हैं. उनके पास दो ही विकल्प हैं. वह या तो पार्टी का विलय करें या मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दें. बिहार के मुख्यमंत्री पद से हटने वाले हैं, यह बात 200 फीसद तय है.’ बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार अपनी ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह से नाराज चल रहे हैं. ललन सिंह से पद छोड़ने के लिए कहा जा सकता है.
7. भारत की बढ़ती ताकत! जयशंकर से मिलने के लिए पुतिन ने तोड़ा प्रोटोकॉल
भारत और रूस (India and Russia) के संबंध इस वक्त चर्चा में हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि विदेश मंत्री एस जयशंकर मौजूदा वक्त में पांच दिन के रूस दौरे पर हैं. इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कुछ ऐसा किया जिसकी उम्मीद कम ही की जाती है. दरअसल, पुतिन सभी प्रोटोकॉल तोड़ते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से मिले और उन्होंने पीएम मोदी को रूस आने का न्योता भी दिया. आमतौर पर पुतिन केवल अपने समकक्ष से ही इस तरह वन टू वन मुलाकात करते हैं. इससे पहले वो इसी तर्ज पर भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मिलकर परंपरा तोड़ चुके हैं. राष्ट्रपति पुतिन की सेना ने बीते साल फरवरी में यूक्रेन पर हमला किया था. जिसके बाद अमेरिका और यूरोप के देशों द्वारा रूस को आर्थिक रूप से अलग थलग कर दिया गया. भारत ने मुश्किल वक्त पर भी रूस का साथ नहीं छोड़ा. पीएम मोदी की डिप्लोमेसी काम आई और उन्होंने पश्चिमी देशों व रूस से संबंधों के बीच संतुलन बनाए रखा. भारत ने न सिर्फ रूस से कच्चा तेल खरीदा बल्कि जी20 बैठक के दौरान रूस व अन्य देशों के बीच अलगाव के बीच सभी को एक मंच पर लाने में कामयाब रहे थे. यही वजह है कि पुतिन भारत के विदेश मंत्री को काफी अहमियत दे रहे हैं.
8. कतर से आई खुशखबरी, 8 पूर्व नेवी अफसरों की मौत की सजा पर लगी रोक, जाने पूरा मामला?
कतर (Queue) से भारत के लिए गुरुवार को एक अच्छी खबर आई है. जासूसी के मामले में मौत की सजा पाने वाले 8 भारतीय पूर्व नेवी के सैनिकों की सजा पर रोक लगा दी गई है. विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि हमने मामले में कतर की अपील अदालत के आज के फैसले पर गौर किया है, जिसमें सजाएं कम कर दी गई हैं. विस्तृत फैसले की प्रतीक्षा है. हम अगले कदम पर निर्णय लेने के लिए कानूनी टीम के साथ-साथ परिवार के सदस्यों के साथ निकट संपर्क में हैं. विदेश मंत्रालय ने कहा कि कतर में हमारे राजदूत और अन्य अधिकारी परिवार के सदस्यों के साथ आज अपील अदालत में उपस्थित थे. हम मामले की शुरुआत से ही उनके साथ खड़े हैं और हम सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेंगे. हम इस मामले को कतरी अधिकारियों के समक्ष भी उठाना जारी रखेंगे. इस मामले की कार्यवाही की गोपनीय और संवेदनशील प्रकृति के कारण, इस समय कोई और टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.
9. ‘राम मंदिर न जाने का मतलब हिंदू विरोधी होना नहीं’, शशि थरूर बोले- हमारी विचारधारा CPIM से अलग
अयोध्या (Ayodhya) में बन रहे राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Life consecration program in Ram temple) की तारीख नजदीक आ रही है। इस बीच कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों के इस कार्यक्रम में शामिल होने या न होने को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं। राम मंदिर के कार्यक्रम में जाने के लिए सबसे ज्यादा कांग्रेस के नेताओं में असमंजस की स्थिति है। बता दें कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन को भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का न्योता मिला है। अब इस मामले में अपनी कांग्रेस पार्टी के बचाव में सांसद शशि थरूर सामने आए हैं। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मंदिर राजनीतिक मंच नहीं है, मंदिर प्रार्थना की जगह है। मंदिर जाना या न जाना किसी का भी व्यक्तिगत फैसला है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को न्योता मिला है वो तय करेंगे की जाना है या नहीं। अगर मंदिर के आयोजन को राजनीतिक बनाया जा रहा है तो वह मंदिर जाना नहीं है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि उन्हें प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला है। इसलिए उन्हें कोई फैसला नहीं करना है।
10. केंद्र में आए तो कराएंगे जातिगत जनगणना…‘हैं तैयार हम’ रैली में बोले राहुल गांधी
कांग्रेस (Congress) आज गुरुवार को पार्टी की स्थापना दिवस (Establishment Day) पर महाराष्ट्र के नागपुर (Nagpur, Maharashtra) में ‘हैं तैयार हम’ रैली कर रही है. इस रैली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) समेत कई बड़े नेता शामिल हो रहे हैं. रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि देश में विचार और सत्ता की लड़ाई चल रही है. देश में दो विचारधारा की लड़ाई चल रही है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र में सत्ता में लौटने पर हमारी सरकार जातिगत जनगणना (caste census) कराएगी. कांग्रेस के 139वें स्थापना दिवस के अवसर पर ‘हैं तैयार हम’ रैली में कांग्रेस सांसद और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, “देश में इस समय विचारधारा की लड़ाई चल रही है, लोगों को लगता है कि यह राजनैतिक लड़ाई है, जो सही है लेकिन इस लड़ाई की नींव विचारधारा है. बहुत सारी पार्टियां NDA और INDIA गठबंधन (INDIA ALLIANCE) में है लेकिन असल में लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच है.” राहुल गांधी ने कहा कि हमारी विचारधारा कहती है कि देश की लगाम जनता के हाथों में होना चाहिए. देश को जैसे वर्षों पहले चलाते थे वैसे नहीं चलाना चाहिए. देश की लड़ाई आम जनता ने लड़ी थी. राजा-महराजाओं ने नहीं लड़ी थी. उनका तो अंग्रेजों के साथ पार्टनरशिप था. राजा-महराजाओं और अंग्रेजों के बीच पार्टनरशिप के खिलाफ कांग्रेस ने संघर्ष किया था.
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