1. भारत में गूगल 10 अरब डॉलर का निवेश करेगी: सुंदर पिचाई
अमेरिकी बहुराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी कंपनी (American multinational technology company) गूगल (Google) भारत (India) में डिजिटाइजेशन (digitization) के लिए 10 अरब डॉलर (करीब 82 हजार करोड़ रुपये) का निवेश करेगी। गूगल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मुलाकात के बाद यह जानकारी दी। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने घोषणा की है कि कंपनी गुजरात के गिफ्ट सिटी में अपना ग्लोबल फिनटेक ऑपरेशन सेंटर खोलेगी। प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद पिचाई ने कहा कि कंपनी अपने 10 अरब डॉलर के डिजिटलीकरण फंड के माध्यम से भारत में निवेश करना जारी रखेगी। सुंदर पिचाई ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से मिलना उनके लिए सम्मान की बात है। पिचाई ने डिजिटल इंडिया के लिए प्रधानमंत्री के नजरिये की सराहना की। पिचाई ने कहा कि डिजिटल इंडिया के लिए प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण उनके समय से कहीं आगे है। मैं अब इसे एक ब्लूप्रिंट के रूप में देखता हूं, जिसे अन्य देश करना चाह रहे हैं।
2. एक मालगाड़ी ने दूसरी को पीछे से मार दी टक्कर, 12 डिब्बे पटरी से उतरे
पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा (Bankura of West Bengal) में एक रेल हादसा हो हो गया है। यहां दो मालगाड़ियां (freight trains) आपस में टकरा गईं। इसके बाद कम से कम 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। मिली जानकारी के मुताबिक सुबह 4 बजे के करीब ओंडा स्टेशन के पास यह हादसा हुआ। एक मालगाड़ी का चालक घायल हो गया है। सूत्रों का कहना है कि एक मालगाड़ी ने दूसरी को पीछे से टक्कर मार दी। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक दोनों ही मालगाड़ियों में कोई सामान नहीं लदा था। हादसे के आद्रा मंडल में ट्रेन रूट प्रभावित है और यातायात रुक गया है। रेलवे के अधिकारी जल्द ही रूट को रीस्टोर करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
3. अमेरिका की खुफिया एजेंसी का बड़ा दावा, कहा- वुहान की लैब से लीक नहीं हुआ था कोरोना वायरस
अमेरिकी अधिकारियों (american officials) ने एक खुफिया रिपोर्ट जारी करके उन लोगों के उठाए कुछ बिंदुओं को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 वायरस चीन की एक प्रयोगशाला से लीक हुआ था। रिपोर्ट में दोहराया गया कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की राय इसको लेकर विभाजित है कि महामारी की उत्पत्ति कैसे हुई। इसका एक कारण चीन द्वारा स्वतंत्र समीक्षा में रोड़ा अटकाना भी रहा है। यह रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस (संसद) के कहने पर जारी की गई। कांग्रेस ने मार्च में एक विधेयक पारित करके वुहान वायरस संस्थान से संबंधित खुफिया रिपोर्ट को खुफिया दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के लिए अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी को 90 दिनों का वक्त दिया था। रिपोर्ट में कहा गया कि प्रयोगशाला में काम करने वाले शोधकर्ताओं का 2019 में बीमार पड़ना व उन्हें श्वास संबंधी लक्षण होना भी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचाते। अमेरिकी एजेंसियां ये जानकारी महामारी की उत्पत्ति को लेकर कयास का न तो समर्थन करती हैं और न उसे खारिज करती हैं।
देश को जल्द ही अंडरवॉटर रेलरोड टनल (First Railroad Tunnel of India) मिल सकती है. रेलरोड टनल का मतलब है कि इस पर ट्रेन और मोटर व्हीकल (कार-ट्रक-बस) दोनों चल सकेंगे. इसका निर्माण ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे किया जाएगा. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसकी घोषणा एक सभा को संबोधित करते हुए की है. उन्होंने कहा कि अगर सबकुछ ठीक रहा था तो इसका निर्माण कार्य उनके कार्यकाल में ही शुरू हो जाएगा. सरमा ने शनिवार को एक सभा में कहा, “मेरा एक सपना है, क्या यह संभव है कि ब्रह्मपुत्र के अंदर एक सुरंग का निर्माण किया जाए जिस रपर रेल और मोटर दोनों चल सकें.” मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने फिर सोचा कि सपने में ज्यादा खोने की जरूरत नहीं है और उन्होंने इसका प्लान लगभग छोड़ ही दिया. बकौल सीएम, एक दिन दिल्ली हाईकमान से अचानक ब्रह्मपुत्र के नीचे सुरंग बनाने के बारे में राय मांगी गई. इसके बाद उन्होंने इस पर अधिकारियों के साथ चर्चा की और अंतत: इस नतीजे पर पहुंचे की 6000 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण किया जा सकता है.
मणिपुर में हिंसा प्रभावित इलाके (Violence affected areas in Manipur) में गश्त करते सेना के जवानमणिपुर में पिछले महीने से चली आ रही हिंसा अभी तक नहीं थमी है. हिंसा को कंट्रोल करने के लिए कई जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है. इटरनेट पर बैन है. सरकार शांति बहाली के लिए सेना को मोर्चे पर लगा रखी है. इस बीच शनिवार को एक बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला. जहां, सुरक्षाबलों को कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) के 12 उग्रवादियों को भीड़ की वजह से मजबूरन छोड़ना पड़ गया. सुरक्षा बलों ने कांगलेई यावोल कन्ना लुप के 12 उग्रवादियों को एक गांव में घेर लिया था तभी महिलाओं की अगुवाई में करीब 1500 लोगों की भीड़ सामने आई गई. भीड़ को देखते हुए मजबूरी में सुरक्षाबलों को उन 12 उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा था. 12 उग्रवादियों में मोइरंगथेम तम्बा उर्फ उत्तम भी शामिल था. तम्बा को साल 2015 में हुए उस हमले का मास्टरमाइंड था जिसमें सुरक्षा बलों के 18 जवानों की मौत हुई थी.
6. रूस में बगावत को लेकर बड़ा खुलासा, अमेरिका-प्रिगोझिन में हुई सीक्रेट डील
कभी पुतिन (Putin) के सबसे भरोसेमंद रहे प्रिगोझिन (Prigozhin) ने अचानक मोर्चा नहीं खोला, बल्कि इसके पीछे एक सोची-समझी साजिश थी. हालांकि कहा तो यह भी जा रहा है कि रूस में जो कुछ हुआ (24 घंटे की जो बगावत चली) उसके पीछे अमेरिका का हाथ है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि प्रिगोझिन ने जो कदम उठाया, उसके बाद उसको यूएस की तरफ से बड़ी राहत दी गई. प्रिगोझिन की बगावत की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं और सूत्रों से जो जानकारी मिली है, उसके हिसाब से साफ-साफ इसके पीछे यूएस का हैं. अमेरिका और प्रिगोझिन में सीक्रेट डील को लेकर एक बहुत ही बड़ा खुलासा हुआ है. इस खुलासे के बाद बगावत की इनसाइड स्टोरी बाहर आ गई है.
7. PM मोदी को मिला मिस्त्र का सर्वोच्च सम्मान, जानिए क्या है ‘Order Of The Nile’ अवार्ड
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अमेरिका दौरे के बाद मिस्र में हैं। इस दौरान उन्होंने मिस्त्र की राजधानी काहिरा में राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी (Egypt President Abdel Fattah al-Sisi) से मुलाकात की। वहीं पीएम मोदी को मिस्त्र के सबसे बड़े सम्मान से नवाजा गया है। पीएम मोदी को राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने इजिप्ट के सर्वोच्च पुरस्कार ‘Order of the Nile’ से नवाजा है। पिछले नौ साल के कार्यकाल में पीएम मोदी को कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिले। मिस्त्र का राजकीय पुरस्कार 13वां ऐसा सर्वोच्च राजकीय सम्मान है जो दुनिया भर के विभिन्न देशों ने पीएम मोदी को प्रदान किया है। ऑर्डर ऑफ द नाइल (किलादत एल निल) की स्थापना 1915 में मिस्र के सुल्तान हुसैन कामेल ने की थी इसकी स्थापना देश के लिए उपयोगी सेवा प्रदान करने वाले व्यक्तियों को पुरस्कार देने के लिए की गई थी। 1953 में राजशाही समाप्त होने तक यह मिस्र साम्राज्य के प्रमुख आदेशों में से एक था। 1953 में मिस्र के गणतंत्र बनने के बाद यहां के सर्वोच्च सम्मान ऑर्डर ऑफ द नाइल को पुनर्गठित किया गया था। ऑर्डर ऑफ़ द नाइल एक शुद्ध सोने का कॉलर है जिसमें तीन वर्गाकार सोने के टुकड़े होते हैं फ़ारोनिक और इनपर प्रतीक होते हैं।
8. जबलपुर में फंदे पर झूले एक ही परिवार के 3 लोग
मध्य प्रदेश के जबलपुर (Jabalpur) शहर में एक परिवार के तीन सदस्यों की आत्महत्या (Suicide of three members of a family) करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस घटना से इलाके में सनसनी फैल गई है. पुलिस का कहना है कि अभी इस घटना के पीछे की वजह नहीं पता चल सकी है, क्योंकि आत्महत्या करने वाले परिवार का फिलहाल कोई सुसाइड नोट (Suicide note) नहीं मिला है. घर के अंदर परिवार के तीनों सदस्यों के साथ रस्सी पर लटके हुए मिले. जबलपुर की सीएसपी प्रतिष्ठा राठौर (Jabalpur CSP Pratishtha Rathore) ने बताया कि गोरखपुर थाना क्षेत्र के रामपुर इलाके में रहने वाले रवि शंकर बर्मन (40 वर्ष), उनकी पत्नी पूनम बर्मन और दस साल के बेटे आर्यन की लाश आज रविवार की सुबह उनके घर पर मिली. प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का लग रहा है, लेकिन पुलिस ने घटना की विस्तृत जांच शुरू कर दी है. प्रतिष्ठा राठौर के मुताबिक मौत की वास्तविक वजह का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा.
9. केदारनाथ में भारी बारिश, रोकी गई यात्रा, पत्थर गिरने से 1 की मौत
उत्तराखंड (Uttarakhand) में रविवार सुबह से हो रही बारिश से पहाड़ों पर जनजीवन अस्त-व्यस्त (life in the mountains is busy) हो गया। केदारनाथ पैदल मार्ग पर गदेरे उफान पर आ गए। भारी बारिश को देखते हुए रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने सुबह करीब 10:30 बजे केदारनाथ यात्रा रोक दी (Kedarnath yatra stopped)। यात्रियों को सोनप्रयाग में ही रोक दिया गया। सोनप्रयाग में एक्रो पुल (Acro bridge in Sonprayag) के समीप खड़ी मैक्स के ऊपर पहाड़ी से पत्थर गिर गए जिससे चालक की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के दौरान वाहन में अन्य कोई और नहीं था। रविवार को अपराह्न (Afternoon) लगभग साढ़े तीन बजे सोनप्रयाग बाजार से लगभग आधा किमी आगे एक्रो पुल के दूसरे छोर पर अनिल सिंह बिष्ट (50) निवासी बरम्वाड़ी ने अपना वाहन हाईवे किनारे खड़ा किया। इस दौरान वह वाहन का लॉक ठीक करने लग गए। तभी पहाड़ी से पत्थर वाहन की छत को तोड़ते हुए अंदर जा गिरे जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
10. असम में बाढ़ का कहर, 4 लाख से अधिक लोग प्रभावित, NDRF की 10 टीमें तैनात
असम (Assam) में बाढ़ की स्थिति रविवार को भी गंभीर बनी रही. इस विनाशकारी बाढ़ (devastating flood) से नौ जिलों में चार लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. हालांकि बाढ़ का पानी अब धीरे-धीरे घटने लगा है. बाढ़ को लेकर सरकार ने राहत बचाव के कार्य तेज कर दिए हैं. नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स (National Disaster Relief Force) की तैनाती की गई है. गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने सीएम हिमंता विस्व सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) से बात की और हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. बाढ़ के हालात देखते हुए राज्य और जिला प्रशासन (State and District Administration) के समन्वय से असम के बाढ़ प्रभावित जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल ‘एनडीआरएफ’ की 10 टीमों को तैनात किया गया है. एनडीआरएफ की टीमें निचले इलाकों से बचाव और निकासी का काम कर रही हैं. एनडीआरएफ ने कई मुश्किल चुनौतियों का सामना करते हुए अब तक 123 से अधिक लोगों और कई मवेशियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है. रेस्क्यू के दौरान 11 लोगों की जान बचाई गई है. टीमों ने राहत सामग्री के वितरण में स्थानीय अधिकारियों की भी सहायता की है.
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