भाजपा के मिशन 370 (BJP’s mission 370)की रणनीति में दक्षिण भारत सबसे अहम(South India is most important in strategy) है। यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसकी रणनीति (Narendra Modi his strategy)के केंद्र में हैं। पार्टी मोदी के व्यक्तित्व, उनके इस क्षेत्र के लगातार दौरों, अयोध्या में राम मंदिर (Ram temple in Ayodhya)की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अनुष्ठान में दक्षिण में रामेश्वरम, श्री रंगम समेत प्रमुख मंदिरों के दर्शन, काशी तमिल संगमम, काशी तेलुगु संगमम जैसे आयोजनों को जनता तक लेकर जा रही है। इसमें केंद्र की विकसित भारत यात्रा भी उसकी मददगार है। चुनाव अभियान में भी मोदी दक्षिण भारत में पिछली बार से ज्यादा प्रचार करेंगे। पूरे देश की तरह दक्षिण भारत में भी भाजपा का सबसे बड़ा ट्रंप कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। फर्क यह है कि अन्य राज्यों में उसके राज्यों के बड़े नेता और संगठन भी काफी प्रभावी हैं, लेकिन दक्षिण का अधिकांश दारोमदार मोदी के व्यक्तित्व पर ही है। खुद मोदी लगातार दक्षिण भारत के दौरे कर रहे हैं। अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अनुष्ठान में उन्होंने दक्षिण में रामेश्वरम, श्रीरंगम समेत प्रमुख मंदिरों के दर्शन किए। काशी तमिल संगमम, काशी तेलुगु संगमम जैसे आयोजनों से उत्तर दक्षिण के साथ भाजपा को भी दक्षिण के साथ जोड़ने की कोशिश की है।
2. Pakistan: नई सरकार गठन का रास्ता साफ, शहबाज होंगे नए PM, जरदारी बनेंगे राष्ट्रपति
पाकिस्तान (Pakistan) में नई सरकार के गठन (New Government formation) का रास्ता साफ हो गया है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (Pakistan Muslim League-Nawaz) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) प्रधानमंत्री (Prime Minister) बनेंगे। वहीं, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (Pakistan People’s Party) के सह-चेयरमैन आसिफ जरदारी (Asif Zardari) पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति (Pakistan new president) होंगे। कई दिनों की बातचीत के बाद दोनों दलों के बीच सरकार गठन को लेकर समझौता हो गया है। मंगलवार की देर रात संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में पीपीपी के चेयरमैन बिलावल भुट्टो जरदारी ने गठबंधन सरकार के गठन को लेकर दोनों दलों में हुए करार की घोषणा की। जियो न्यूज ने बिलावल के हवाले से कहा, पीपीपी और पीएमएल-एन ने आवश्यक संख्या हासिल कर ली है। अब हम सरकार बनाने की स्थिति में हैं। यह घोषणा सोमवार को दोनों दलों के नेताओं के बीच नवीनतम दौर की बातचीत बेनतीजा समाप्त होने के एक दिन बाद आई है।
3. सिद्धू के भाजपा में लौटने की अटकलें, युवराज सिंह भी लड़ सकते हैं लोकसभा चुनाव
नवजोत सिंह सिद्धू के भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में लौटने की जोरदार अटकलें लगाई (speculated)जा रही हैं। वहीं, भगवा पार्टी एक और पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह (Former cricketer Yuvraj Singh)को गुरदासपुर सीट से मैदान में उतारने की तैयारी (preparation for fielding)कर रही है। दोनों को ही लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। आपको बता दें कि सिद्धू किसानों के मुद्दों पर केंद्र के तरीकों के आलोचक रहे हैं। हालांकि, पंजाब कांग्रेस में वह अलग-थलग पड़ते जा रहे हैं। वह पार्टी लाइन से अलग हटकर अपनी रैलियां निकाल रहे हैं। इसलिए कहा जा रहा है कि वह अपनी पुरानी पार्टी में वापसी करना चाहते हैं। कहा जाता है कि नवजोत सिंह सिद्धू के राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। इसके बावजूद पंजाब कांग्रेस में उनकी एक नहीं चल रही है। इस सबके बीच भाजपा नेताओं को लगता है कि वह अपनी मूल पार्टी में फिर से शामिल हो सकते हैं। उन्हें पंजाब से लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार भी बना सकती है। भाजपा के पदाधिकारी सोमदेव शर्मा ने कहा कि सिद्धू के पार्टी में शामिल होने के पुख्ता संकेत मिले हैं। उन्होंने कहा, “उनके शामिल होने की प्रत्याशा में अन्य भाजपा नेताओं और संभावित उम्मीदवारों के साथ चर्चा चल रही है।”
4. किसानों के प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हरियाणा सरकार, केंद्र फिर बातचीत को तैयार
हरियाणा सरकार (Haryana Government) किसानों के प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) के इस मसले पर सुनवाई से इनकार के बाद राज्य सरकार यह कदम उठा सकती है. दरअसल, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी तथा अन्य मांगों पर सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए राष्ट्रीय राजधानी की ओर कूच कर रहे हैं. उधर, किसानों के दिल्ली मार्च के बीच सूत्रों से बड़ी ख़बर सामने आ रही है कि सरकार अभी भी किसानों से बातचीत के लिए तैयार है. सरकार ने अधिकारियों को बातचीत का रोडमैप बनाने के निर्देश दिया है ताकि समस्या का समाधान जल्दी निकले. चौथे दौर की बातचीत में उर्वरकता पर ध्यान देने का मुद्दा उठाया था. सरकार ने अरहर, उड़द और मसूर पर 100% खरीदने के लिए तैयार होने की बात भी कही थी और ये सरकार लिखित में भी देने को तैयार थी, लेकिन किसान इस पर सहमत नहीं हो सके.
5. किसान आंदोलन का असर: 300 करोड़ के कारोबार का नुकसान, कपड़ा मार्केट ठप
किसान आंदोलन का असर (Impact of farmers movement) कारोबार पर भी दिखने लगा है. देश के कारोबारियों की संस्था कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के आंकड़ों के मुताबिक किसानों के प्रदर्शन से कारोबार प्रभावित हो रहा है. किसान आंदोलन से अबतक करीब 300 करोड़ के कारोबार का नुकसान अकेले दिल्ली को झेलना पड़ रहा है. वहीं अंबाला शहर का कपड़ा मार्केट ठप हो चुका है. दरअसल आस-पास के राज्यों से दिल्ली के लिए खरीदारी करने के लिए प्रतिदिन आमतौर पर लगभग 5 लाख व्यापारी अन्य राज्यों से दिल्ली खरीदारी करने आते हैं. किसान आंदोलन के चलते इन कारोबारियों का दिल्ली आना बंद हो गया है. कैट के मुताबिक रोड ब्लॉक क्षेत्रों के पास स्थित दुकानों को व्यापार का बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है, क्योंकि हाईवे ब्लॉक न केवल ग्राहकों को प्रभावित करता है बल्कि लॉजिस्टिक कार्यों को भी प्रभावित करती है. इस आंदोलन का बोझ अब मंहगाई के रुप में आम जनता पर भी पड़ने वाला है. दरअसल ट्रकों की आवाजाही प्रभावित होने से सप्लाई-डिमांड गैप का खेल शुरु हो जाता है. जिसके चलते रोजमर्रा की चीजें आम लोगों तक आसानी से नहीं पहुंच पाती. अगर ये पहुंचती भी है तो उनके दाम आसमान पर जा चुके होते है. बाजार में पहले ही लहसुन और प्याज जैसी रोज इस्तेमाल होने वाली चीजे महंगी हो चुकी है, अगर आंदोलन नहीं थमा तो आने वाले दिनों में मंहगाई का बोझ और ज्यादा बढ़ सकता है.
6. PM मोदी से मिलकर ग्रीक के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस बोले- भारत आना सौभाग्य की बात
ग्रीक के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस (Greek Prime Minister Kyriakos Mitsotakis) बुधवार को दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंचे. ग्रीक के प्रधानमंत्री का ये भारत दौरान काफी अहम माना जा रहा है. दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर द्विपक्षीय चर्चा होने वाली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रीक के प्रधानमंत्री का गर्मजोशी से स्वागत किया है. वहीं राष्ट्रपति भवन में ग्रीक के प्रधानमंत्री के सम्मान में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. नई दिल्ली पहुंच कर किरियाकोस मित्सोताकिस ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी. मित्सोताकिस के साथ उनकी पत्नी मारेवा ग्रेवोव्स्की भी भारत आई हैं. ग्रीक के प्रधानमंत्री मित्सोताकिस ने भारत आगमन पर प्रसन्नता जताई है. उन्होंने कहा है कि भारत आना हमारे लिए सौभाग्य की बात है. प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर उत्साहित हूं. ग्रीक के प्रधानमंत्री किरियाकोस मित्सोताकिस का कहना है कि दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी काफी अहमियत रखती है. किरियाकोस मित्सोताकिस ने ये भी कहा है कि भारत के साथ मित्रता से दोनों देशों के संबंधों में सकारात्मक बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ होने वाली वार्ता का मुझे बेसब्री से इंतजार है. ग्रीक के प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ महीने पहले प्रधानमंत्री मोदी की ग्रीक यात्रा के अनुरूप भारत आना और उनके बात करना काफी अहम है.
7. सपा और कांग्रेस के बीच फाइनल हुआ सीटों का फॉर्मूला, वाराणसी से प्रत्याशी वापस लेंगे अखिलेश यादव
काफी लंबे समय से जारी बातचीत के बाद सपा और कांग्रेस के बीच सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है. इसका ऐलान कभी भी हो सकता है. वाराणसी कांग्रेस के ही खाते में रहेगी. अखिलेश यादव यहां से अपना उम्मीदवार वापस लेंगे. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन (alliance with congress) होगा, जल्द गठबंधन होगा, गठबंधन में कोई दिक्कत नहीं है. कांग्रेस आलाकमान ने अखिलेश की दी हुई सीटों पर आखिर में सिर्फ दो बदलाव मांगे. पहला- हाथरस सपा को वापस देकर सीतापुर दी जाए. सपा ने कांग्रेस की इस मांग को मान लिया. वहीं दूसरा ये कि बुलंदशहर या मथुरा में से एक सीट सपा ले ले और कांग्रेस को श्रावस्ती दे दें. इस पर सपा ने विचार करने की बात कही है. कांग्रेस आलाकमान अब संतुष्ट है. कभी भी समझौते का ऐलान हो सकता है. दोनों पार्टियों के बीच काफी दिनों से इसको लेकर जद्दोजहद चल रही थी. आखिरकार दोनों के बीच यह मसला सुलझ गया है.
8. मध्य प्रदेश पर बढ़ा कर्ज का बोझ! नई सरकार ने फिर लिए 5000 करोड़ रुपये
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की मोहन यादव (Mohan Yadav) सरकार ने एक बार फिर से कर्ज (Loan) लिया है. इस बार प्रदेश सरकार ने पांच हजार करोड़ (five thousand crores) का कर्ज लिया है. यह कर्ज तीन हिस्सों में लिया गया है. बता दें वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक प्रदेश सरकार 27500 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. मध्य प्रदेश सरकार ने 20 फरवरी को बाजार से पांच हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है. आरबीआई (RBI) के माध्यम से गवर्मेन्ट सिक्युरिटीज का विक्रय कर यह कर्ज कुल तीन हिस्सों में लिया गया है. पहला कर्ज 1,500 करोड़ 16 वर्ष और इतनी ही राशि का दूसरा कर्ज 20 वर्ष के लिए लिया गया. 2000 करोड़ का तीसरा कर्ज 21 वर्ष में चुकाया जाएगा. तीनों ही कर्ज पर साल में दो बार कूपन रेट पर ब्याज का भुगतान भी किया जाएगा. बता दें मध्यप्रदेश की सरकार वित्तीय वर्ष 2023.24 में अब तक कुल 27 हजार 500 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है. 5000 करोड़ के इस कर्ज को मिला लिया जाए तो यह राशि 32 हजार 500 करोड़ हो गई है. 31 मार्च 2023 की स्थिति में सरकार पर तीन लाख 31 हजार करोड़ रुपए से अधिक कर्ज है. उल्लेखनीय यह भी है कि इसी माह 06 फरवरी को डॉ. मोहन यादव की सरकार ने तीन हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था.
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी (Congress and Samajwadi Party) के बीच आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए गठबंधन की आधिकारिक घोषणा (Official announcement of alliance) कर दी गई है. गठबंधन में उत्तर प्रदेश के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी हुआ है. मध्य प्रदेश की एक लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी अपना प्रत्याशी उतारेगी, जबकि बाकि 28 सीटों पर सपा कांग्रेस का समर्थन करेगी. खजुराहो लोकसभा सीट से फिलहाल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा लोकसभा सांसद हैं. समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में गठबंधन की चर्चा सियासी गलियारों में पहले से चल रही थी, लेकिन आज दोनों पार्टियों ने गठबंधन का ऐलान कर दिया है. मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी को एक लोकसभा सीट दी गई है. हालांकि बताया जा रहा है कि सपा ने खजुराहो के साथ-साथ टीकमगढ़ लोकसभा सीट भी मांगी थी. क्योंकि दोनों ही लोकसभा सीटें यूपी से सटी हैं और यहां समाजवादी पार्टी का जनाधार माना जाता है. लेकिन गठबंधन के तहत केवल खजुराहो सीट पर ही बात बनी है. टीमकगढ़ सीट कांग्रेस के पास ही रहेगी. टीमकगढ़ लोकसभा सीट से मोदी सरकार में मंत्री वीरेंद्र खटीक फिलहाल सांसद हैं.
10. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मायावती को तगड़ा झटका, BJP में शामिल होंगे BSP के 4 सांसद!
लोकसभा चुनाव 2024 (lok sabha election 2024) में मायावती (Mayawati) ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी अकेले ही चुनाव में उतरने वाली है. बीएसपी (BSP) के सामने इस वक्त संकट बहुत बड़ा है, क्योंकि पार्टी का जनाधार लगातार कम हो रहा है. ऐसे वक्त में 4 सांसद भी हाथी से उतरकर कमल का हाथ थाम सकते हैं. 2019 के चुनाव में बसपा ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. एसपी और बीएसपी के गठबंधन का फायदा पार्टी को हुआ था, लेकिन अब 4 जीते हुए सांसद अपना पाला बदलने वाले हैं. गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को पहले ही सपा टिकट दे चुकी है. एक और सांसद दानिश अली को पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है. सूत्रों का कहना है कि यूपी की लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में बीजेपी यूपी की 80 सीटों के लिए क्षेत्रवार योजना बना रही है. दूसरी पार्टी के ऐसे नेताओं से संपर्क में है जिनका टिकट कट सकता है और उनके जीतने की संभावना है. बीएसपी के 4 सांसदों से बीजेपी संपर्क में है और उनका टिकट भी पक्का माना जा रहा है. बसपा (BSP) के इन सांसदों को अपने टिकट कटने की आशंका है.
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