1. केजरीवाल के इस्तीफा न देने पर बोले मनीष सिसोदिया, ‘वे ऐसा करते तो गिर जाती सरकार’
17 महीने जेल में बिताकर बाहर आए दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने कहा है कि जेल जाने के बाद यदि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) ने इस्तीफा दिया होता तो सरकार पर खतरा उत्पन्न हो सकता था। सिसोदिया ने यह जवाब तब दिया जब उनसे पूछा गया कि जेल जाने के बाद उन्होंने पद छोड़ दिया, लेकिन केजरीवाल ने ऐसा क्यों नहीं किया। सिसोदिया ने कहा कि भाजपा (BJP) की साजिश को नाकाम करने के लिए केजरीवाल ने इस्तीफा नहीं दिया। पीटीआई को दिए इंटरव्यू में सिसोदिया ने कहा कि उनके पास कई विभाग थे और सरकार का कामकाज प्रभावित ना हो इसलिए उन्होंने तुरंत इस्तीफा दे दिया था। पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि एक मंत्री के जेल जाने से सरकार नहीं गिरती है। एक मंत्री को अंदर डालने पर मुख्यमंत्री दूसरा मंत्री बना सकते हैं, जबकि सीएम को जेल में डालने पर तो सरकार ही खत्म हो जाएगी। हालांकि, विधानसभा में केजरीवाल सरकार के पास प्रचंड बहुमत है। 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत हासिल की थी।
2. कोरोना पॉजिटिव हुए कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, सोशल मीडिया पर दी जानकारी
कांग्रेस नेता (Congress leader) दिग्विजय सिंह ( Digvijay Singh) की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव (corona tests positive) आई है. इसकी जानकारी उन्होंने अपने ‘एक्स’ अकाउंट पर दी है. दिग्विजय सिंह ने लिखा, ‘मेरा COVID test पॉजिटिव आया है. मुझे 5 दिनों तक आराम करने के लिए कहा गया है. इसलिए मैं कुछ समय किसी से नहीं मिल पाउंगा. क्षमा करें. आप सभी भी COVID से बचने के लिए अपना ख्याल रखें.’
3. बंगाल में राष्ट्रपति शासन की तैयारी? द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचे राज्यपाल सीवी आनंद बोस
कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) में महिला ट्रेनी डॉक्टर (female trainee doctor) के साथ दरिंदगी की घटना को लेकर पूरे देश में आक्रोश है। वहीं बर्बर घटना के बाद अस्पताल में भीड़ के हमले और तोड़फोड़ से भी बड़े सवाल खड़े हो गए हैं। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है। वहीं पश्चिम बंगाल (West Bengal) की ममता बनर्जी सरकार (Mamata Banerjee Government) की जमकर आलोचना भी हो रही है। यहां तक कि टीएमसी के अंदर भी मामले को लेकर विरोध के स्वर मुखर होने लगे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस भी रेप और हत्या की बर्बर घटना को लेकर ऐक्शन मोड में हैं। राज्यपाल मंगलवार को गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुमू से मुलाकात करने दिल्ली पहुंचे हैं। उन्होंने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से भी मुलाकात की। ऐसे में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन के भी कयास तेज हो गए हैं।
4. कोलकाता कांड : सुप्रीम कोर्ट की 10 बड़ी टिप्पणियां, जानें क्या कहा?
कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर अस्पताल (RG Kar Hospital) में ट्रेनी डॉक्टर (trainee doctor) से हुई दरिंदगी मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) सरकार और राज्य की प्रशासन व्यवस्था को लेकर कई सख्त टिप्पणियां की. सीजेआई (CJI) की अध्यक्षता में हुई इस सुनवाई में कोर्ट ने पूछा कि आखिर मामले के एफआईआर (FIR) में इतनी देरी क्यों की गई. अस्पताल में हुई तोड़फोड़ पर भी कोर्ट ने सवाल उठाए. पूर्व प्रिंसिपल पर भी सख्त टिप्पणी की. आइए जानते हैं कि इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की 10 बड़ी टिप्पणी… सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हर बार बलात्कार और हत्या होने पर देश की अंतरात्मा नहीं जागनी चाहिए. यह केवल भयावह घटना नहीं बल्कि पूरे भारत में डॉक्टरों की सुरक्षा की कमियों को उजागर करता है. सीजेआई ने कहा कि हम अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंतित हैं.
UPSC में लेटरल एंट्री (lateral entry) को लेकर बहस छिड़ने के बीच मंगलवार को केंद्र सरकार (central government) ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन (advertisement) पर रोक लगा दी है. इस संबंध में कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी (UPSC) चेयरमैन को पत्र लिखा है. केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश पर सीधी भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगाई गई है. कार्मिक मंत्री ने पत्र में कहा कि सरकार ने यह फैसला लेटरल एंट्री के व्यापक पुनर्मूल्यांकन के तहत लिया गया है. दरअसल लेटरल एंट्री को संविधान में निहित समानता एवं सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप करने की जरूरत थी. इससे पहले UPSC ने 17 अगस्त को एक विज्ञापन जारी किया था, जिसमें लेटरल एंट्री के जरिए 45 जॉइंट सेक्रेटरी, डिप्टी सेक्रेटरी और डायरेक्टर लेवल की भर्तियां निकाली गई थी.
कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (RG Kar Medical College and Hospital) में ट्रेनी डॉक्टर (trainee doctor) से दुष्कर्म-हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) सुनवाई शुरू हो गई। शीर्ष अदालत ने जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या और अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले पर स्वत:संज्ञान लिया। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल रहे। बेंच ने इस मामले में पीड़िता की पहचान उजागर होने पर चिंता जाहिर की। साथ ही केस में पुलिस जांच से लेकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका तक पर सवाल उठाए। कोर्ट ने मामले में आठ सदस्यीय टास्क फोर्स के गठन का फैसला किया। इसमें एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवासन के अलावा कई और डॉक्टरों का नाम शामिल किया गया।
राजस्थान (Rajasthan) के अजमेर (Ajmer) में सबसे बड़े ब्लैकमेल कांड (Blackmail scandal) के बाकी बचे 6 आरोपियों को दोषी ठहरा दिया गया है। आज दोपहर 2 बजे कोर्ट इन पर सजा सुनाई। बता दें कि कोर्ट (Court) ने नफीस चिश्ती, नसीम उर्फ टार्जन, सलीम चिश्ती, इकबाल भाटी, सोहेल गनी व सैयद जमीर हुसैन को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास (life imprisonment) व प्रत्येक पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दरअसल, अजमेर के एक गैंग ने 1992 में स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली करीब 250 लड़कियों की नग्न तस्वीरें हासिल की। फिर उन्हें लीक करने की धमकी देकर 100 से अधिक छात्राओं के साथ गैंगरेप किया। गैंग के लोग स्कूल में पढ़ने वाली छात्राओं को फार्महाउस पर बुलाते थे। उनके साथ गैंगरेप करते थे। कई स्कूल तो अजमेर के जाने-माने प्राइवेट स्कूल थे। एक अखबार ने जब इसका खुलासा किया तो मामला सामने आया। इन बच्चियों की उम्र उस समय 11 से 20 साल की हुआ करती थी। फिलहाल मामले में 4 आरोपी पूर्व में सजा काट चुके हैं। फैसले को लेकर बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता कोर्ट के बाहर मौजूद है।
8. सोशल मीडिया से हटानी होगी पीड़िता की तस्वीर… कोलकाता केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोलकाता में डॉक्टर से रेप (doctor raped in kolkata) और मर्डर मामले में बड़ा आदेश दिया है. अदालत ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पीड़िता का सोशल मीडिया से सभी तस्वीर को हटाने का आदेश दिया है. याचिकाकर्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक रेप पीड़िता की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है. उसके बावजूद पीड़िता की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर है. जिसके बाद सीजेआई ने इसे हटाने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि डॉक्टर की तस्वीर और उसके परिवार की पहचान को उजागर करने से परिवार की प्रतिष्ठा प्रभावित हो रही है. याचिका में सोशल मीडिया के बड़े प्लेटफॉर्म के साथ-साथ केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों को भी पक्षकार बनाया गया था. इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने लोगों से पीड़िता की पहचान को उजागर नहीं करने की अपील की थी और फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करने से बचने के लिए कहा था.
बीजेपी (BJP) ने राज्यसभा उपचुनाव (Rajya Sabha by-election) के लिए 9 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी ने हरियाणा से किरण चौधरी (Kiran Chaudhary from Haryana) को मैदान में उतारा है. वहीं, राजस्थान की एक सीट के लिए रवनीत सिंह बिट्टू को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. बिहार की एक सीट के लिए मनन मिश्रा, असम की दो सीट के लिए रामेश्वर तेली और मिशन रंजन दास को कैंडिडेट बनाया है. मध्यप्रदेश के लिए जॉर्ज कुरियन को उम्मीदवार (George Kurien is the candidate for Madhya Pradesh) घोषित किया है. राज्यसभा सांसदों के लोकसभा सांसद बन जाने के बाद यह सीटें खाली हुई हैं. सात राज्यों में 10 सीटों पर नामांकन का कल यानी बुधवार को आखिरी तारीख है. ऐसे में बीजेपी ने आखिर में आकर अपने पत्ते खोल दिए हैं. महाराष्ट्र में दो सीटें खाली हो रही हैं, लेकिन बीजेपी वहां गठबंधन में है, ऐसे में एक सीट एनसीपी मुखिया अजित पवार के खाते में चली गई है.
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में शाम तक चली मोहन कैबिनेट की बैठक (Mohan cabinet meeting) में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. बैठक दोपहर 3 बजे से शुरू हुई, जो करीब 5 बजे तक चली. आज की कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण प्रदेश नगर पालिका द्वितीय संशोधन अध्यादेश में धारा 43 में संशोधन किया गया है. नगर पालिका एवं नगर परिषदों में निर्वाचित अध्यक्ष के खिलाफ अब अविश्वास प्रस्ताव, जो 2 वर्षों के बाद लाया जाता था उसमें परिवर्तन करते हुए 3 वर्ष कर दिया गया है. अब तीन वर्ष के बाद ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा. इसके लिए अब तक दो तिहाई पार्षदों की जरुरत होती थी, लेकिन अब तीन चौथाई पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के लिए जरूर होंगे. मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम में बड़ा संशोधन किया गया. कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पास हुआ. अब 2 साल की जगह 3 साल में नगर पालिका और परिषद के अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकेंगे. अध्यक्ष को हटाने के लिए दो तिहाई की जगह तीन तिहाई बहुमत होना जरूरी होगा. पूरे प्रदेश भर में साइबर तहसील लागू करने को लेकर भी लगी मुहर.
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