1. महाराष्ट्र सीएम पर सस्पेंस खत्म, देवेंद्र फडणवीस होंगे नए मुख्यमंत्री, भाजपा नेता का बयान
महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री (new chief minister of maharashtra)देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis)होंगे। मीडिया ने एक भाजपा के सीनियर नेता(senior BJP leader) के हवाले से यह खबर दी है। उन्होंने रविवार रात को बताया कि फडणवीस का नाम तय हो गया है, जिन्हें 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इससे पहले, निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह नए मुख्यमंत्री के चयन के भाजपा के फैसले का समर्थन करेंगे। भाजपा के सीनियर नेता ने बताया, ‘महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है। भाजपा के नए विधायक दल की बैठक दो या तीन दिसंबर को होगी।’ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को भारी जीत मिलने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद भी नई सरकार का गठन नहीं हुआ है। चुनाव में भाजपा 132 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। भाजपा ने घोषणा की है कि नई महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल होंगे। भाजपा सतर्कता के साथ कदम बढ़ रही है, क्योंकि उसके सहयोगी दलों, खासकर शिवसेना की आकांक्षाएं चुनाव में मिली भारी जीत के बाद काफी बढ़ गई हैं।
बॉलीवुड एक्टर विक्रांत मैसी (Bollywood actor Vikrant Massey) इंडस्ट्री में अपनी दमदार एक्टिंग (Strong acting) के लिए जाने जाते हैं। विक्रांत की फिल्म ‘द साबरमती रिपोर्ट’ (film ‘The Sabarmati Report’) पिछले महीने रिलीज हुई है। इस मूवी ने बॉक्स ऑफिस पर भले ही कमाल न दिखाया हो लेकिन इसमें विक्रांत की एक्टिंग की खूब तारीफ हो रही है। ऐसे में अब विक्रांत के एक पोस्ट ने सभी को हैरान कर दिया है। 1 दिसंबर को, विक्रांत मैसी ने एक्टिंग से संन्यास लेने की घोषणा की है। विक्रांत के इस पोस्ट के सामने आते ही सोशल मीडिया पर फैंस के जमकर कमेंट्स आ रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) के लिए आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने कांग्रेस के साथ गठबंधन से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी किसी से गठबंधन नहीं करेगी और अकेले चुनाव लड़ेगी। इससे पहले कांग्रेस (Congress) ने भी राजधानी में गठबंधन की बात से साफ इनकार कर दिया था। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने इस पर कुछ नहीं कहा था। लेकिन आज उन्होंने भी गठबंधन की किसी भी संभावना को खारिज कर दिया है। दरअसल अरविंद केजरीवाल ने उन पर कल हुए हमले को लेकर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इसी दौरान उनसे दिल्ली चुनाव के लिए गठबंधन को लेकर सवाल किया गया। इसका जबाव देते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोई गठबंधन नहीं होगा।
4. हेमंत सोरेन को ममता बनर्जी से मिली बड़ी टेंशन, आमने-सामने झारखंड और बंगाल सरकार
झारखंड (Jharkhand) में जेएमएम (JMM) के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन की सरकार बनी है. हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. इस दौरान पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) मौजूद थीं, लेकिन चंद दिनों के बाद बंगाल और झारखंड सरकार आमने-सामने आ गई हैं. दरअसल, ममता सरकार ने आलू की खेप को रोक दिया है, जिसके बाद सीएम हेमंत सोरेन एक्शन में आ गए और उन्होंने तत्काल इसे सुलझाने के निर्देश दिए हैं. झारखंड सीएमओ ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बंगाल बॉर्डर पर आलू के वाहन रोकने की खबरों पर संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव को मामला सुलझाने का निर्देश दिया है. झारखंड की मुख्य सचिव की ओर से मामले में हस्तक्षेप के बाद पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने कमेटी बनाकर मामले के जल्द निष्पादन का भरोसा दिया है.’
5. दो से अधिक बच्चों वाले मोहन भागवत के बयान पर बवाल, विपक्ष ने की आलोचना; बचाव में उतरी भाजपा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने रविवार को जनसंख्या (Population) में गिरावट को लेकर चिंता व्यक्त की थी। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि प्रजनन दर (Fertility Rate) 2.1 से नीचे नहीं जानी चाहिए। मौजूदा समय में दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने की आवश्यकता है। उनके इस बयान पर देशभर में बहस तेज हो गई। विपक्षी नेताओं ने भागवत के इस बयान की आलोचना की। हालांकि, भाजपा (BJP) ने आरएसएस प्रमुख का बचाव किया। राकांपा-एसपी नेता क्लाइड कैस्ट्रो ने मोहन भागवत के दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले बयान पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “मोहन भागवत एक जिम्मेदार नेता हैं और वह जो कुछ कहते हैं, उन्हें कई लोग सुनते हैं। मुझे ऐसा लगता है कि वे जैसा बयान दे रहे हैं, उन्हें इसके पीछे के कारणों पर भी गौर करना चाहिए। सिर्फ बयान देना और लोगों को अपनी बातें सुनाने से काम नहीं चलता है। मुझे लगता है कि जब वे बयान देते हैं तो उन्हें जिम्मेदार होना चाहिए। उन्हें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसका असर देश पर न पड़े।”
6. सरकार ने पेट्रोल-डीजल निर्यात पर अप्रत्याशित कर हटाया, जानें किन्हें मिलेगा फायदा
सरकार (Goverment) ने कई महीनों के विचार-विमर्श के बाद सोमवार को एविएशन टर्बाइन फ्यूल (Aviation Turbine Fuel) कच्चे तेल (Crude Oil) के उत्पादों, पेट्रोल और डीजल (Petrol Diesel) उत्पादों पर लगने वाले अप्रत्याशित कर को खत्म कर दिया। यह कदम तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। सरकार के इस कदम से तेल निर्यात करने वाली रिलायंस और ओएनजीसी जैसी कंपनियों को राहत मिलेगी। इस फैसले से उनके सकल रिफाइनिंग मार्जिन में बढ़ोतरी हो सकती है। विंडफॉल टैक्स घरेलू कच्चे तेल उत्पादन पर एक विशेष कर है, जिसे जुलाई 2022 में वैश्विक कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के बाद उत्पादकों की अप्रत्याशित लाभ से राजस्व प्राप्त करने के लिए पेश किया गया था। सरकार के फैसले के बाद सोमवार को दोपहर 1.04 बजे रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर हरे निशान में 1,300.05 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। इसके अलावा, सरकार ने पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर भी वापस ले लिया है। इस संबंध में संसद में एक अधिसूचना भी रखी गई है। सितंबर में, भारत सरकार ने अगस्त में कच्चे तेल पर 1,850 रुपये प्रति टन से विंडफॉल टैक्स को खत्म करने की घोषणा की थी। डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स को भी समाप्त कर दिया गया था।
7. बांग्लादेश को लगा बड़ा झटका! भारत के इस राज्य ने वापस मांगे उधारी के 135 करोड़ रुपये
त्रिपुरा (Tripura) ने बांग्लादेश (Bangladesh) से 135 करोड़ रुपये के बिजली बकाए (Electricity Dues) की तुरंत वसूली की मांग की है. यह बकाया एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (NTPC Vidyut Vyapar Nigam Limited) के माध्यम से किए गए बिजली व्यापार समझौते (Electricity Trade Agreement) के तहत है. त्रिपुरा सरकार ने बकाए के त्वरित भुगतान पर जोर दिया है. यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब बांग्लादेश में “भारत विरोधी गतिविधियों” की घटनाएं बढ़ रही हैं. शनिवार को ब्राह्मणबारिया जिले में ढाका के रास्ते कोलकाता जा रही अगरतला-कोलकाता बस पर कथित हमले की खबर आई थी. यह घटना तब हुई जब एक ट्रक और ऑटो रिक्शा के बीच टक्कर हो गई. हालांकि कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन आरोप है कि एक समूह ने यात्रियों को धमकाया और भारत विरोधी नारे लगाए.
लोकसभा (Lok Sabha) अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) ने सोमवार (2 दिसंबर 2024) को कई राजनीतिक दलों (Political Parties) के नेताओं से मुलाकात की. इस सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) में संसद में जारी गतिरोध खत्म करने के उपायों पर चर्चा की गई. उन्होंने सभी सदस्यों से सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से चलने देने की अपील की. बैठक में सभी दलों के प्रतिनिधियों ने 3 दिसंबर से लोकसभा की कार्यवाही को सुचारु रूप से चलाने पर सहमति जताई है. 13 और 14 दिसंबर को संविधान पर विशेष चर्चा आयोजित करने का फैसला लिया गया है. इस दौरान सदन में संविधान के महत्व और उसके कई पहलुओं पर गहन चर्चा की जाएगी. वहीं, 16 और 17 दिसंबर को राज्यसभा में भी इसी मुद्दे पर चर्चा आयोजित होगी. इस बैठक में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, कांग्रेस नेता सुप्रिया सुले, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी सहित कई प्रमुख नेता शामिल हुए. बैठक में समाजवादी पार्टी के सांसद धर्मेन्द्र यादव भी उपस्थित थे. इसके अलावा के. राधाकृष्णन (CPI(M)), अरविंद सावंत (शिव सेना-UBT), अभय कुशवाहा (RJD), दिलेश्वर कामैत (JD(U)), सुप्रिया सुले (NCP), टी.आर. बालू (DMK), गौरव गोगोई (कांग्रेस), और लवी कृष्ण देव रायलु (YSR कांग्रेस) भी बैठक में शामिल हुए.
9. फिलहाल दिल्ली कूच नहीं करेंगे किसान, दलित प्रेरणा स्थल में जारी रहेगा प्रदर्शन
हजारों किसान अपनी मांगों को लेकर नोएडा से दिल्ली (Noida to Delhi) की ओर कूच कर रहे थे. इन्हें दलित प्रेरणा स्थल में रोका गया है. पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के साथ लंबी बातचीत के बाद किसानों ने तय किया है कि वो फिलहाल प्रेरणा स्थल के अंदर अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे. किसानों के इस कदम के बाद दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स हटाए गए हैं. भारतीय किसान यूनियन के नेता चौधरी बी. सी. प्रधान का बड़ा बयान आया है. उनका कहना है कि प्रशासन से बातचीत के बाद फैसला लिया गया है कि वो लोग प्रेरणा स्थल के अंदर अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे, जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं. अगर मांगें जल्दी पूरी नहीं की जाएंगी तो एक बार फिर दिल्ली कूच करेंगे. इस बार आर-पार की लड़ाई है.
10. MP में बन सकते हैं तीन नए जिले, सरकार ने किया पुनर्गठन आयोग का गठन
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में लगातार नए जिले बनाने के मांग तेजी से उठ रही है. प्रदेश के कई जिलों और संभागों का नक्शा बदल सकता है, सरकार ने पुनर्गठन आयोग का गठन कर दिया है. पुनर्गठन आयोग (Reorganisation Commission) को प्रदेश में संभाग, जिले, तहसील, विकासखंड का नए सिरे से सीमांकन कर रूपरेखा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है. इस आयोग में रिटायर्ड आईएएस मनोज श्रीवस्तव और मुकेश कुमार शुक्ला को नियुक्त किया गया है. सीएम मोहन ने कहा था कि प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन सीमाओं को लेकर विसंगतियों है. उन्हें जल्द दूर किया जाएगा. प्रदेश में अब तीन जिले बनाने की मांग और तेज हो गई है. वहीं बीना को जिला बनाने की मांग लगभग 40 सालों से हो रही है, इसी को लेकर विधायक निर्मला सप्रे ने बीजेपी ज्वाइन की थी. लेकिन उनके बीजेपी ज्वाइन करने के बाद खुरई को जिला बनाने की लॉबिंग होने लगी. बीना को जिला बनाया जाता है तो खुरई, बीना, मालथौन कुरवाई, पठारी, बांदरी को इसमें शामिल किया जा सकता है.
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