1. जम्मू-कश्मीर में जल्द होंगे चुनाव, इलेक्शन कमीशन ने दिया बड़ा संकेत
जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में विधानसभा चुनाव (assembly elections) का इंतजार लंबे समय से हो रहा है। अब चुनाव आयोग (Election Commission) ने जल्द चुनाव करवाने को लेकर बड़ा संकेत दिया है। चुनाव आयोग ने केंद्र शासित प्रदेश के प्रशासन से कहा है कि जिन अधिकारियों की नियुक्ति उनके गृह जिले में है, उनका ट्रांसफर किया जाए। इसी तरह के निर्देश महाराष्ट्र, हरियाणा (Maharashtra, Haryana) और झारखंड (Jharkhand) की सरकारों को भी दिए गए हैं। इन राज्यों में इसी साल चुनाव होने हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून में ही श्रीनगर में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में ना केवल विधानसभा के चुनाव करवाए जाएंगे बल्कि इसको राज्य का दर्जा भी वापस किया जाएगा। बीते साल अनच्छेद 370 हटाए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई करते वक्त सुप्रीम कोर्ट ने भी चुनाव आयोग से कहा था कि 30 सितंबर 2024 तक विधानसभा के चुनाव करवाए जाएं।
2. महंगाई से आम जनता को मिलेगी कुछ राहत, आज से टमाटर 50 रुपये किलो बेचेगी सरकार
केंद्र सरकार (Central government) के उपभोक्ता मामले विभाग (Department of Consumer Affairs) ने एक अगस्त, 2024 से मूल्य निगरानी के अंतर्गत 16 अतिरिक्त वस्तुओं को शामिल किया है। दैनिक मूल्यों की निगरानी के अंतर्गत पहले से ही 22 वस्तुएं शामिल हैं। अब कुल 38 वस्तुओं के मूल्यों की निगरानी की जाएगी। केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रल्हाद वेंकटेश जोशी ने गुरुवार को मूल्य निगरानी प्रणाली मोबाइल ऐप (Price Monitoring System Mobile App) के 4.0 संस्करण की शुरुआत करते हुए कहा कि विभाग 34 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में 550 केन्द्रों से दैनिक कीमतों की मॉनिटरिंग कर रहा है। विभाग द्वारा निगरानी किया जा रहा मूल्य डाटा सरकार, आरबीआई और विश्लेषकों को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जुड़ी मुद्रास्फीति के बारे में नीतिगत निर्णय के लिए अग्रिम जानकारी प्रदान करता है। सूचकांक में इन 38 वस्तुओं का कुल भार लगभग 31 प्रतिशत है, जबकि 22 वस्तुओं का सीपीआई भार 26.5 प्रतिशत है।
महाराष्ट्र (Maharashtra) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) की तैयारियां जारी हैं। इसी बीच अटकलें हैं कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को राज्य में बड़े नुकसान की चिंता सता रही है। इसे लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की सीटों में गिरावट दर्ज की गई थी। इसके अलावा कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि RSS यानी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भाजपा के साथ अजित पवार के गठबंधन से कुछ नहीं है। खबरें हैं कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भाजपा की मदद से सत्ता में लौटने का भरोसा है। जबकि, न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा अपने प्रदर्शन को लेकर चिंतित नजर आ रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा की तरफ से कराए गए आंतरिक सर्वे संकेत दे रेह हैं कि पार्टी 288 विधानसभा सीटों में से सिर्फ 55 से 65 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है। जबकि, 2014 में आंकड़ा 122 और 2019 में 105 विधायक थे।
4. मैं इसका विरोध करता हूं… NTA और NEET को लेकर राज्यसभा में पेश हुआ प्राइवेट मेंबर बिल
संसद के चालू मॉनसून सत्र (monsoon session of Parliament) का आज 10वां दिन हैं. इस बीच राज्यसभा सदस्यों ने NEET और NTA परीक्षा को निरस्त करने पर चर्चा की वैधता पर बहस की. राज्यसाभा में DMK सांसद एम. मोहम्मद अब्दुल्ला ने एक प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव में सरकार से शिक्षा को समवर्ती सूची से हटाकर राज्य सूची में शामिल करने तथा NEET और NTA को समाप्त करके राज्य सरकार के मानदंडों के आधार पर मेडिकल प्रवेश की अनुमति देने के लिए कानून लाने का आग्रह किया गया. BJP सांसद अनिल सुखदेवराव बोंडे ने इस पर चर्चा तकर करते हुए इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि मैं इस विधेयक का विरोध करता हूं क्योंकि देश के सभी छात्रों को एक समान परीक्षा देनी चाहिए. भारत में मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की पिछली प्रक्रियाओं को याद करते हैं. सांसद कहते हैं कि विभिन्न विश्वविद्यालयों के लिए कई प्रवेश परीक्षाओं के लिए आवेदन करना छात्रों पर बोझ था, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों या वंचित पृष्ठभूमि से आने वाले छात्रों पर.
5. ‘राहुल गांधी पर हो सकता है हमला, विदेश में रची जा रही साजिश’, संजय राउत का बड़ा दावा
शिवसेना सांसद संजय राउत (Shiv Sena MP Sanjay Raut) ने शुक्रवार को बीजेपी की केंद्र सरकार को घरते हुए बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर हमला हो सकता है. राउत ने कहा कि राहुल गांधी और इंडिया ब्लॉक के सदस्यों के खिलाफ साजिश रची जा रही है. संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी लोकसभा में लोकतंत्र की आवाज उठा रहे हैं. राहुल गांधी ने सरकार को आईना दिखाने का काम किया है. इसलिए उन्हें फिर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा, हम तैयार हैं. भले ही बीजेपी ने अपना बहुमत खो दिया हो, लेकिन लगता है कि असंवैधानिक काम करने की लत उनसे छूट नहीं रही है. राहुल गांधी और हम सभी के खिलाफ साजिश रची जा रही है. ये साजिश यहां नहीं बल्कि विदेश में बन रही है.
6. ‘ED में हैं मेरे मुखबिर’, राहुल गांधी ने खुद पर रेड को लेकर किया बड़ा दावा
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार (2 अगस्त) को दावा किया कि संसद में उनके ‘ चक्रव्यूह ‘ भाषण के बाद उनके खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की ओर से छापेमारी की योजना बनाई जा रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि जांच एजेंसी ईडी में उनके भी मुखबिर हैं, जिन्होंने उन्हें छापेमारी की चेतावनी दी है. हालांकि, नेता विपक्ष राहुल ने कहा कि वह खुले दिल से उनका इंतजार कर रहे हैं. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया, “जाहिर है कि दो में से एक को मेरा चक्रव्यूह वाला भाषण पसंद नहीं आया. ईडी के सूत्रों से मुझे मालूम चला है कि छापेमारी की तैयारी की जा रही है.” उन्होंने लिखा कि मैं खुले दिल से इंतजार कर रहा हूं. हालांकि, चाय और बिस्कुट का नाश्ता मेरी तरफ से होगा. राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में ईडी को टैग भी किया है.
7. लाखों भारतीयों ने छोड़ दी नागरिकता, जानिए क्यों भारत से मुंह फेर रहे लोग
भारत की नागरिकता (Indian Citizenship) छोड़ने वालों का आंकड़ा पिछले कुछ सालों में लगातार बढ़ता जा रहा है. साल 2023 में 2 लाख से भी ज्यादा भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है. इस ट्रेंड के पीछे बेहतर आर्थिक अवसर, लिविंग स्टैंडर्ड और शिक्षा को मुख्य कारण बताया जा रहा है. नागरिकता छोड़ने वालों का बढ़ता आंकड़ा चिंता पैदा कर रहा है. हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय पासपोर्ट की रैंकिंग भी 82वें नंबर पर पहुंच चुकी है. भारत के लोगों को बिना वीजा के 58 देशों में जाने का मौका मिलता है. राज्य सभा में पेश किए गए आंकड़ों के अनुसार, साल 2019 में 1,44,017 लोगों ने भारतीय नागरिकता छोड़ी थी. इसके अलावा 2020 में 85,256, साल 2021 में 1,63,370 और 2022 में 2,25,620 लोगों ने भारतीय नागरिकता को त्याग दिया था. साल 2023 में यह आंकड़ा 2,16,219 लोगों तक पहुंच चुका है. सरकार इसके लिए कई व्यक्तिगत कारणों को जिम्मेदार मानती है. हालांकि, वह विदेश में जा बसे भारतीय नागरिकों के रिसोर्स और क्षमताओं का इस्तेमाल कर रही है.
8. इलेक्टोरल बॉण्ड स्कीम की नहीं होगी SIT जांच, सुप्रीम कोर्ट खारिज कीं सभी याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनावी बॉण्ड योजना की अदालत की निगरानी में जांच के अनुरोध वाली कई याचिकाओं को शुक्रवार को खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस जे. बी. पारदीवाला की बेंच ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस चरण में हस्तक्षेप करना अनुचित और समय पूर्व कार्रवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस धारणा पर इलेक्टोरल बॉण्ड की खरीद की जांच का आदेश नहीं दे सकती कि यह अनुबंध देने के लिए एक तरह का लेन-देन था। बता दें कि चुनावी बॉण्ड योजना को सुप्रीम कोर्ट ने इस साल फरवरी में रद्द कर दिया था। बेंच ने याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा, ‘अदालत ने चुनावी बॉण्ड को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार किया क्योंकि इसमें न्यायिक समीक्षा का पहलू था। लेकिन आपराधिक गड़बड़ियों से जुड़े मामलों को अनुच्छेद 32 के तहत नहीं लाया जाना चाहिए, जब कानून के तहत उपाय उपलब्ध हैं।’ सुप्रीम कोर्ट गैर सरकारी संगठनों ‘कॉमन कॉज’ और ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन’ (CPIL) तथा अन्य द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। दोनों गैर सरकारी संगठनों की जनहित याचिका में इस योजना की आड़ में राजनीतिक दलों, कॉरपोरेशन और जांच एजेंसियों के बीच स्पष्ट मिलीभगत का आरोप लगाया गया।
9. दिल्ली में सब्सिडी के कारण बढ़ रही आबादी? पूरी व्यवस्था की जांच की जरूरत: हाई कोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में शुक्रवार को ओल्ड राजेंद्र नगर हादसे को लेकर सुनावई हुई। इस सुनवाई में कोर्ट ने एमसीडी को फटकार लगाते हुए मामले की जांच CBI को सौंप दी है। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने राजधानी की पूरी व्यवस्था और बढ़ती आबादी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाई कोर्ट ने ये तक कह दिया है कि पूरी दिल्ली व्यवस्था की दोबारा जांच की जरूरत है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील से पूछा है कि कैबिनेट की बैठक कब होने की संभावना है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की अराजकता से हम निपट रहे हैं। सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि दिल्ली की आबादी 3.3 करोड़ है और गिनती बढ़ती जा रही है। क्यों? क्योंकि दिल्ली में सब्सिडी है। हाई कोर्ट ने कहा कि यह बड़े नीतिगत फैसले हैं। हम जानते हैं कि दिल्ली कहां जा रही है। इन मुद्दों पर बात करने की जरूरत है। हाई कोर्ट ने कहा कि हम कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं लेकिन हम देख रहे हैं कि जांच वैज्ञानिक तरीके से नहीं हो रही है।
10. हाईकोर्ट ने CBI को सौंपी दिल्ली कोचिंग हादसे की जांच, श्रेया, तान्या और नेविन को मिलेगा न्याय?
दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग हादसे की जांच CBI को दे दी है. आज यानी शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाई कोर्ट ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए एमसीडी और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की जमकर फटकार भी लगाई. कोर्ट ने कहा मामले में कई बड़े अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं. ऐसे में इसकी गंभीरता को देखते हुए इस घटना की जांच सीबीआई को सौंपी जा रही है. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि घटना की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए और यह सुनिश्चित करने के लिए कि जनता को जांच के संबंध में कोई संदेह नहीं रहे, यह कोर्ट जांच को CBI को ट्रांसफर करती है. केंद्रीय सतर्कता आयोग यानी (CVC) को निर्देश दिया जाता है कि वह CBI जांच पर निगरानी रखने के लिए एक सीनियर अधिकारी की नियुक्ति करें ताकि समयबद्ध तरीके से जांच पूरी हो. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि MCD कमिश्नर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नालियां चालू हों और अगर उनकी क्षमता बढ़ानी है, तो इसे व्यवस्थित तरीके से किया जाना चाहिए. क्षेत्र में अतिक्रमण के साथ-साथ बरसात के पानी की निकासी नालियों पर निर्माण सहित अवैध निर्माण को तुरंत हटाया जाना चाहिए.
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