1. Kolkata की घटना से बेकफुट पर ममता सरकार, महिलाओं की रात में ड्यूटी न लगाने की बात आई सामने
कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (RG Kar Medical College and Hospital) में स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर (Post Graduate Trainee Doctor.) की दुष्कर्म के बाद हत्या की घटना से बंगाल सरकार बैकफुट (Bengal government backfoot) पर नजर आ रही है। कोलकाता की घटना को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। यही वजह है कि बंगाल सरकार ने भी महिलाओं की सुरक्षा (Women’s safety) मजबूत करने के लिए कुछ दिशा निर्देश जारी करने की तैयारी की हैं। इनके मुताबिक महिला सुरक्षा से जुड़ी एक मोबाइल एप लॉन्च की जाएगी। साथ ही सुरक्षाकर्मियों में महिलाओं की भी भर्ती की जाएगी और साथ ही संस्थानों को महिलाओं की रात की ड्यूटी न लगाने के लिए कहा जाएगा। महिला सुरक्षा के मुद्दे पर शनिवार को एक बैठक हुई, जिसमें सीएम ममता बनर्जी भी वर्चुअली शामिल हुईं। इस बैठक में ही सरकारी संस्थानों में महिला सुरक्षा के लिए दिशा निर्देश तय किए गए। मुख्यमंत्री के सलाहकार अलापन बंदोपाध्याय ने बताया कि जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी कर दिया जाएगा और जल्द ही उन्हें लागू कर दिया जाएगा।
एक दशक के लंबे इंतजार के बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) में विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) कराने की चुनाव आयोग ने घोषणा कर दी है। इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) की नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) जैसी पार्टियों ने चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के अपने रुख में संभावित बदलाव के संकेत दिए हैं। हाल तक पूर्व सीएम महबूबा और एनसी के उमर अब्दुल्ला दोनों ने दृढ़ रुख बनाए रखा था। उन्होंने कहा था कि वे तब तक किसी भी चुनाव में भाग नहीं लेंगे जब तक कि 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद छीने गए जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता है। 18 सितंबर से 1 अक्टूबर तक तीन चरणों में चुनावों की चुनाव आयोग की घोषणा ने राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया है। पीडीपी के अंदरूनी सूत्रों ने सुझाव दिया कि महबूबा भी चुनावों से दूर रहने के अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकती हैं। वहीं, एनसी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने पार्टी कार्यकर्ताओं से चुनावों के लिए कमर कसने को कहा और जमीनी स्तर पर आधार मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया।
3. डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए बनाएं कानून, IMA ने PM मोदी को लिखा पत्र
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) ने प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) से डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए कानून लाकर कार्यक्षेत्र को अनिवार्य सुरक्षा अधिकार के तहत सुरक्षित क्षेत्र घोषित (Declared safe area) करने को लेकर हस्तक्षेप करने की मांग की है। आईएएम ने कोलकाता के अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर (Trainee doctor in Kolkata hospital) के साथ हुई अमानवीय वारदात के बाद चल रहे प्रदर्शनों के दौरान हुई तोड़फोड़ के मामले में यह पत्र लिखा है। इस पत्र के द्वारा आईएमए ने पीएम मोदी के सामने अपनी 5 मांगों को भी रखा। इसके साथ ही आईएमए ने देशभर में गैर-आपातकालीन सेवाएं बंद रखने का आह्वान किया था। इसके बाद आईएमए ने एक बयान जारी करके कहा था कि सभी आपातकालीन सेवाएं जारी रखीं जा रही हैं और इन आपातकालीन वार्डों में कर्मियों की तैनाती की गई है।
दिल्ली हाईकोर्ट (HC) ने लोकप्रिय टेलीविजन धारावाहिक तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) के नाम, पात्रों और सामग्री के अनधिकृत उपयोग पर रोक लगा दी है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यदि धारावाहिक के कंटेंट के अनधिकृत इस्तेमाल पर अंतरिम रोक नहीं लगाई गई तो वादी को अपूरणीय क्षति होगी। इस धारावाहिक के निर्माताओं ने आरोप लगाया है कि कई संस्थाएं व्यावसायिक लाभ के लिए वेबसाइट संचालित कर, सामान बेचकर और यहां तक कि यूट्यूब पर अश्लील वीडियो प्रसारित कर इसके नाम, पात्रों की तस्वीरें आदि का इस्तेमाल कर रही हैं। बता दें कि बीते 16 वर्षों से ज्यादा समय से प्रसारित हो रहे इस धारावाहिक के लगभग चार हजार एपिसोड आ चुके हैं। धारावाहिक के प्रोड्यूसर की याचिका पर न्यायमूर्ति मिनी पुष्करणा की पीठ ने तमाम ज्ञात और अज्ञात संस्थाओं के खिलाफ एक अंतरिम आदेश पारित किया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यदि एकतरफा अंतरिम रोक नहीं लगाई गई तो वादी को अपूरणीय क्षति होगी। वादी नीला फिल्म प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड ने कहा कि उसके पास धारावाहिक और इसके पात्रों से संबंधित रजिस्टर्ड ट्रेडमार्क पर वैधानिक अधिकार हैं।
5. अमेरिका में दोबारा दस्तक दे रहा कोरोना वायरस? महामारी ने 2 साल का रिकॉर्ड तोड़ा
अमेरिका (America) में एक बार फिर कोविड महामारी (covid pandemic) ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। देश में पिछले दो साल में सबसे ज्यादा कोविड मरीजों (covid patients) को ट्रेस किया गया है। इस बात की पुष्टि खुद यू.एस. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के वेस्टवाटर डैशबोर्ड ने की है। उसने बताया कि अमेरिका में कोविड-19 की एक बड़ी लहर चल रही है। इसका खुलासा लोगों के घरों से निकलने वाले अपशिष्ट जल (सीवेज का पानी) से हुआ है। अपशिष्ट जल में वायरल एक्टिविटी के पिछले दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने से हुई है। सीडीसी ने बताया है कि अपशिष्ट जल में वायरल गतिविधि का माप 10 अगस्त को बढ़कर 8.82 हो गया है, जो जुलाई 2022 में 9.56 के चरम से थोड़ा ही कम है। वर्तमान में अमेरिका के पास कोविड वायरस के स्तर का पता लगाने के लिए सीवेज का पानी ही एकमात्र उपाय है।
कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर अस्पताल (RG Kar Hospital) में डॉक्टर (doctors) से रेप-मर्डर मामले की जांच सीबीआई (CBI) के हाथों में है. इसी बीच कोलकाता पुलिस (kolkata police) ने दो अलग-अलग मामलों में FIR दर्ज की है. इसमें एक मामला गलत जानकारी फैलाने के लिए है तो दूसरा पीड़िता की पहचान उजागर करने के लिए. इन दोनों मामलों में कोलकाता पुलिस ने दो डॉक्टर्स और बीजेपी नेता (BJP leader) लॉकेट चटर्जी (Locket Chatterjee) को पूछताछ का नोटिस भेजा है. कोलकाता पुलिस ने पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में कथित तौर पर भ्रामक जानकारी फैलाने के आरोप में डॉ. सुबर्ण गोस्वामी और डॉ. कुणाल सरकार को पूछताछ के लिए बुलाया है. हालांकि, सुबर्ण गोस्वामी का दावा है कि उन्हें अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है. अगर मिलेगा तो वह पूछताछ में शामिल होंगे. वहीं, डॉ कुणाल सरकार ने स्वीकार किया है कि उन्हें आज सुबह कोलकाता पुलिस से नोटिस मिला है. वह कल पुलिस मुख्यालय में पेश होंगे क्योंकि वह आज किसी काम से बाहर हैं.
7. UPSC की जगह RSS से हो रही भर्ती, छीना जा रहा आरक्षण : राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद (Congress MP) और लोकसभा (Lok Sabha) में विपक्ष (Opposition) के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर एक बार फिर निशाना साधा। हाल ही में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से निकाली गई भर्ती का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार बड़े पदों पर भर्ती संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से कर रही है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट कर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जरिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है।
8. MP सरकार आवारा पशुओं को सड़कों से हटाने के लिए चलाएगी विशेष अभियान, बनाई गई समिति
मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने प्रमुख मार्गों से आवारा मवेशियों (stray cattle) को हटाने के लिए 15 दिवसीय विशेष अभियान चलाएगी। इस अभियान के तहत सड़कों से मवेशियों को हटाने के लिए एक समिति बनाई गई है, जिसमें विभिन्न विभागों के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को शामिल किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस विशेष अभियान के लिए आईएएस अधिकारियों को अध्यक्ष और सदस्य के रूप में नियुक्त किया है। ये अधिकारी 15 दिनों के भीतर अभियान चलाकर सड़कों से आवारा मवेशियों को हटाने का काम करेंगे। समिति में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अध्यक्ष, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव सदस्य, नगरीय विकास एवं आवास विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य सचिव, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के प्रमुख सचिव सदस्य होंगे।
9. कोलकाता रेप-हत्या मामले में मंगलवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कोलकाता कांड (Kolkata incident) को लेकर स्वतः संज्ञान ले लिया है. कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल (RG Kar Medical College Hospital, Kolkata) में हुई ट्रेनी डॉक्टर के रेप- हत्या के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होगी. कोर्ट ने इस पर स्वतः संज्ञान लिया है. मंगलवार 20 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud), न्यायमूर्ति जेबी, पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. बता दें कि 17 अगस्त को राष्ट्रव्यापी आक्रोश और चिकित्सा बिरादरी की हड़ताल के बीच सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इसी मुद्दे पर एक याचिका दायर की गई थी. चीफ जस्टिस को प्रेषित इस पत्र याचिका में सुप्रीम कोर्ट से 9 अगस्त को कोलकाता में पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या की भयावह और शर्मनाक घटना का स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया गया था.
झारखंड (Jharkhand) में सियासी अटकलों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन (Former Chief Minister Champai Soren) का बड़ा बयान सामने आया है. बीजेपी में जाने की अटकलों के बीच चंपई सोरेन (Champai Soren) ने कहा है किमेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं. झारखंड का मुख्यमंत्री रहते हुए मेरा अपमान हुआ था. विधायक दल की बैठक में ही मैंने भारी मन से कहा था कि आज से मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होने जा रहा है. इसमें मेरे पास तीन विकल्प थे. पहला, राजनीति से सन्यास लेना, दूसरा, अपना अलग संगठन खड़ा करना और तीसरा, इस राह में अगर कोई साथी मिले, तो उसके साथ आगे का सफर तय करना. सोशल मीडिया पर एक के बाद एक पोस्ट करते हुए चंपई सोरेने कहा कि अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज उठाने से लेकर झारखंड आंदोलन तक, मैंने हमेशा जन-सरोकार की राजनीति की है. आदिवासियों, मूलवासियों, गरीबों, मजदूरों को उनका अधिकार दिलवाने का प्रयास करता रहा हूं. हर पल जनता के लिए उपलब्ध रहा. जिन्होंने झारखंड राज्य के साथ, अपने बेहतर भविष्य के सपने देखे थे.
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