1. तत्काल युद्ध रुकवा दें भारत, फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
गाजा में इजरायल (Israel in Gaza)के द्वारा किए जा रहे हमलों से फिलिस्तीन(attacks on Palestine) परेशान है। इस बीच फिलिस्तीन (Palestine)के प्रधानमंत्री ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)को चिट्ठी लिखी है और तत्काल युद्ध विराम के लिए दबाव बनाने का आग्रह किया है। साथ ही उन्होंने युद्धग्रस्त गाजा को मिलने वाली सहायता बढ़ाने के लिए दुनिया के बाकी देशों पर दबाव बढ़ाने की अपील की है। फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद मुस्तफा ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री मोदी को ग्लोबल लीडर बताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई देते हुए फिलिस्तीन के प्रधानमंत्री ने कहा कि आप एक वैश्विक नेता हैं। मानवाधिकारों और शांति को महत्व देने वाले राष्ट्र के रूप में गाजा में नरसंहार को समाप्त करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है।
2. राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाने की मांग ने पकड़ा जोर, बढ़ा दबाव
कांग्रेस (Congress) में यह मांग तेज हो रही है कि कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Former President Rahul Gandhi ) को लोकसभा (Lok Sabha) में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) की भूमिका में आना चाहिए। विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद पिछली दो लोकसभा में कांग्रेस 10 फीसदी सीटें भी नहीं ला पाई थी, जिसके चलते उसे नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं मिला। इस बार पार्टी को 99 सीटें मिली है। इसके बाद कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष के पद का दावा बनता है। कांग्रेस के भीतर एक राय है कि राहुल गांधी को नेता प्रतिपक्ष बनना चाहिए। पिछले दिनों कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग से लेकर कांग्रेस संसदीय दल की बैठक तक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Congress President Mallikarjun Kharge) सहित तमाम नेताओं ने एक सुर से राहुल गांधी के सामने अपनी मांग रखी। इस मांग पर राहुल गांधी ने सोचने के लिए कुछ वक्त मांगा है।
लोकसभा का स्पीकर कौन बनेगा, इसको लेकर सस्पेंस जारी है. 24 जून से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो रहा है. 26 जून को लोकसभा स्पीकर का चुनाव है. स्पीकर टीडीपी का बनेगा या बीजेपी का, लेकर राजनीति शुरू हो गई है. इस बीच स्पीकर पोस्ट को लेकर शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि लोकसभा के स्पीकर पद की लड़ाई बहुत महत्वपूर्ण लड़ाई है. संसद में अब 2014 और 2019 वाली स्थिति नहीं है. अगर राहुल गांधी बोलते हैं कि हम कभी भी सरकार गिरा सकते हैं, उसका मतलब आप समझ जाइए. एनडीए की जो सरकार बनी है वो स्थिर नहीं है. कुछ भी हो सकता है. संजय राउत ने आगे कहा कि हमने सुना है कि चंद्र बाबू नायडू ने लोकसभा स्पीकर का पद मांगा है जो उनसे डील हुआ है. चंद्रबाबू की बात भी ठीक है लेकिन हम जानते हैं की अगर लोकसभा स्पीकर पद पर एनडीए का कोई व्यक्ति नहीं बैठा तो सबसे पहले नरेंद्र मोदी और अमित शाह टीडीपी तोड़ देंगे और यह काम शुरू कर दिया है. ये नीतीश की पार्टी जेडीयू, जयंत चौधरी की पार्टी, चिराग पासवान की पार्टी तोड़ देंगे. बीजेपी का काम ही यही है. जिसका नमक खाते हैं उसी को खत्म कर देते हैं. जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं.
4. NEET विवाद: धर्मेंद्र प्रधान ने कहा-एनटीए में सुधार की जरूरत, गुनाहगार को नहीं छोड़ेंगे
नीट पेपर लीक (neet paper leak) मामले में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) का यूटर्न नजर आ रहा है. देशभर में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के खिलाफ बड़े पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शन (Protest) के बीच उन्होंने माना है कि नीट परीक्षा (neet exam) परिणाम में कुछ गड़बड़ियां हुई हैं, जो भी बड़े अधिकारी इसमें शामिल पाए जाएंगे उन्हें बक्शा नहीं जाएगा. उन्होंने यह भी माना कि एनटीए में सुधार की जरूरत है. नीट परीक्षा परिणाम में धांधली को लेकर देशभर में छात्र और अभिभावक एनटीए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी जैसे बड़े शिक्षण संस्थानों के छात्र संगठन NSUI, AISA, SFI और ABVP भी छात्रों के साथ जमकर आवाज उठा रहे हैं. उधर, बिहार के पटना-नालंदा और गुजरात के गोधरा में नीट पेपर लीक की ओर संकेत करने वाले कई सबूत मिले हैं, गिफ्तारियां हो रही हैं. बिहार में पकड़े गए कई आरोपियों ने EOU की पूछताछ में पेपर लीक और एजेंसी के अधिकारियों से सांठगांठ की बात कबूल की है. अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने भी नीट में गड़बड़ियों की बात मानी है.
5. दक्षिणी गाजा में अपने 8 सैनिकों की मौत के बाद इजरायल ने की युद्ध विराम की घोषणा
इजरायली सेना (Israeli Army) ने आज रविवार को अचानक दक्षिणी गाजा पट्टी में युद्ध विराम की घोषणा कर दी है। इजरायल ने यह घोषणा तब की है, जब हमास के एक बड़े और घातक हमले में उसके 8 सैनिकों की मौत हो गई है। बता दें कि इजरायल ने युद्ध विराम का ऐलान किसी डर की वजह से नहीं किया है, बल्कि मानवीय सहायता सुलभ कराने के लिए यह फैसला किया है। इजरायली सेना के अनुसार दक्षिणी गाजा पट्टी में अधिक से अधिक मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए संघर्ष के दौरान सामरिक विराम की घोषणा की गई है। इजरायली सेना ने बताया कि रफाह में सुबह आठ बजे से लेकर शाम सात बजे तक ‘सामरिक विराम’ रहेगा और अगले आदेश तक यह प्रभावी रहेगा। सेना ने बताया कि इजरायल के नियंत्रण वाले केरेम शालोम चौराहे तक सहायता ट्रकों को पहुंचाने के उद्देश्य से सामरिक विराम की घोषणा की गई है, जिसके बाद ये ट्रक गाजा के अन्य भागों में सहायता सामग्री पहुंचाने के लिए सलाह-ए-दीन राजमार्ग पर सुरक्षित रूप से जा सकेंगे।
6. NCERT की किताबों में बड़ा बदलाव, बाबरी मस्जिद का जिक्र नहीं; अयोध्या विवाद भी 2 पेज में सिमटा
एनसीईआरटी की नई रिवाइज्ड किताबें बाजार में आ चुकी हैं। इसमें कई तरह का बदलाव किया गया है। किताबों में अयोध्या विवाद, बाबरी मस्जिद और गुजरात दंगों के संदर्भ में बदलाव किए गए हैं। कक्षा 12 की राजनीति विज्ञान की संशोधित किताब में बाबरी मस्जिद का जिक्र नहीं है। बाबरी मस्जिद की जगह ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ का जिक्र किया गया है। वहीं अयोध्या विवाद के टॉपिक को 4 पेज की जगह 2 पेज का कर दिया गया है। गुजरात दंगों से संबंधित संदर्भों को भी हटाया गया है और किताब में कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक विवरण हटा दिए गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने रविवार को जम्मू-कश्मीर पर एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें अमरनाथ की आगामी वार्षिक तीर्थयात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था और “हाल के आतंकवादी हमलों के मद्देनजर जम्मू क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति” की समीक्षा की गई। सूत्रों के अनुसार, शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और केंद्र शासित प्रदेश के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को “जम्मू क्षेत्र में उभरते आतंकवाद को कुचलने और किसी भी कीमत पर इसे फिर से पनपने नहीं देने” का निर्देश दिया, साथ ही यात्रा के लिए पूर्ण सुरक्षा कवर पर जोर दिया। यह बैठक नई दिल्ली में हुई, जिसमें सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, आईबी निदेशक तपन डेका, सीआरपीएफ के डीजी अनीश दयाल सिंह शामिल हुए। इस बैठक में जम्मू-कश्मीर से एलजी सिन्हा, मुख्य सचिव अटल डुलू, डीजीपी आरआर स्वैन, विजय कुमार, एडीजीपी, जम्मू-कश्मीर के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और खुफिया अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
8. चुनाव आयोग ने EVM हैकिंग के आरोप को किया खारिज, कहा- किसी से कनेक्ट नहीं…
चुनाव आयोग (Election Commission) ने महाराष्ट्र में ईवीएम हैकिंग के आरोप (Allegations of EVM hacking in Maharashtra) को पूरी तरह से खारिज कर दिया है. महाराष्ट्र में आरोप लगे हैं कि ईवीएम को मोबाइल फोन से कनेक्ट किया गया था. महाराष्ट्र में चुनाव आयोग की रिटर्निंग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आज जो खबर आई है, उसको लेकर कुछ लोगों ने ट्वीट किए हैं. लेकिन ये आरोप पूरी तरह से गलत हैं. उन्होंने साफ कहा कि ईवीएम को अनलॉक करने के लिए कोई OTP नही लगता है. ईवीएम डिवाइस किसी से कनेक्ट नहीं रहता है. ईवीएम स्टैंडअलोन सिस्टम है. खबर पूरी तरह से गलत है. हमने पेपर को नोटिस इश्यू किया है. आईपीसी की 499 धारा के तहत डिफेमेशन का केस दर्ज किया गया है. वंदना सूर्यवंशी ने कहा कि मैंने पेपर के रिपोर्टर को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन इसके बावजूद गलत खबर प्रकाशित की गयी. अब उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 505 एवं 499 के तहत नोटिस भेजेंगे. दिनेश गुरव को, जिसे मोबाइल रखने की इजाजत दी गई थी, वो उसका खुद का मोबाइल था.
9. रक्षामंत्री के घर NDA नेताओं की बड़ी बैठक, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव को लेकर बनाई रणनीति
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defence Minister Rajnath Singh) के घर पर एनडीए नेताओं की बड़ी बैठक हुई. इस बैठक में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) के अलावा, अश्विनी वैष्णव, किरण रिजिजू, ललन सिंह और चिराग पासवान मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के चुनाव (Election of Lok Sabha Speaker and Deputy Speaker) को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई. बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए की नई सरकार के गठन के बाद मंत्रियों के विभागों का भी बंटवारा कर दिया गया है. अब लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर को लेकर सियासी रणनीति बननी शुरू हो गई है. नई सरकार बनने के बाद अब 24 जून से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र भी शुरू हो जाएगा. 26 जून को लोकसभा के स्पीकर का चुनाव होना है. ऐसे में स्पीकर बीजेपी का कोई नेता होगा या फिर एनडीए के सहयोगी दलों का, इसे लेकर अब विचार विमर्श चल रहा है. चुनाव में बीजेपी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है इसलिए सहयोगी दलों को लेकर चलना उसकी मजबूरी है. ऐसे में लोकसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का पद भी काफी अहम हो जाता है. विपक्षी दल पहले से ही कहते आ रहे हैं कि एनडीए की मौजूदा सरकार स्थिर नहीं है, भविष्य में कुछ भी हो सकता है.
स्विस सम्मेलन (Swiss conference) में दुनिया के अस्सी देशों ने संयुक्त रूप (Eighty countries have jointly) से आह्वान किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia–Ukraine War) को समाप्त करने के लिए किसी भी शांति समझौते के लिए यूक्रेन की “क्षेत्रीय अखंडता” को आधार बनाया जाए, हालांकि सम्मेलन में कुछ प्रमुख विकासशील देश इसमें शामिल नहीं हुए हैं. स्विट्जरलैंड के बर्गेनस्टॉक रिसॉर्ट में दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है. हालांकि इसमें रूस उपस्थित नहीं था. रूस को सम्मेलन में आमंत्रित भी नहीं किया गया था, लेकिन कई उपस्थित लोगों ने आशा व्यक्त की कि वे शांति के रोडमैप पर शामिल हो सकते हैं. रविवार को देशों ने इस बात पर बातचीत फिर से शुरू की कि रूस के दो साल के युद्ध के कारण यूक्रेन से परमाणु सुरक्षा, कैदियों के आदान-प्रदान और खाद्य निर्यात के मुद्दों को कैसे सुलझाया जाए. कई पश्चिमी देशों और इक्वाडोर, सोमालिया और केन्या सहित अन्य देशों के नेता एक दिन यूक्रेन में शांति कैसी दिख सकती है, इस बारे में अपने दृष्टिकोण को सामने रखने के लिए स्विस रिसॉर्ट बर्गेनस्टॉक में मुलाकात की. कई लोगों को उम्मीद है कि रूस एक दिन इसमें शामिल होगा, लेकिन उनका कहना है कि उसे यूक्रेन के क्षेत्र का सम्मान करने के लिए सहमत होने की आवश्यकता है, जिसका लगभग एक चौथाई हिस्सा उसके कब्जे में है.
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