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    16 फरवरी की 10 बड़ी खबरें

  • February 16, 2024

    1. MSP पर अड़े किसान, केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक रही बेनतीजा, रविवार को फिर होगी वार्ता

    किसानों के दिल्ली कूच (Farmer Protest) का आज तीसरा दिन है। किसान यूनियनों (farmer unions) के साथ बैठक खत्म होने के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा (Union Minister Arjun Munda) का कहना है, “आज सरकार और किसान यूनियनों के बीच बहुत सकारात्मक चर्चा (Positive discussion) हुई. किसान यूनियन द्वारा उठाए गए विषयों पर ध्यान केंद्रित करते हुए हमने फैसला किया है कि अगली बैठक रविवार शाम 6 बजे होगी। हम सभी शांतिपूर्वक समाधान निकालेंगे। किसानों की केंद्रीय मंत्रियों के साथ तीसरी बैठक बेनतीजा रही है। बल प्रयोग पर किसानों ने विरोध जताया है। वहीं किसान एमएसपी पर अड़े हुए हैं। अगली वार्ता रविवार को होगी। किसानों और सरकार में तीसरे दौर की वार्ता खत्म हो गई है, किसान अगली बातचीत जल्दी चाह रहे थे।

    2. MSP लागू होने से पंजाब और MP के किसानों को होगा नुकसान, जानें क्या है गणित

    एमएसपी (MSP) पर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट (Swaminathan Commission report) के मुताबिक एमएसपी लागू करने सहति अन्य मांगों को लेकर पंजाब (Punjab) के किसान आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने ‘दिल्ली चलो’ का नारा भी दिया है। हालांकि, पंजाब और मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में किसानों (farmers) को गेहूं के एमएसपी की गणना के लिए C2+50% फॉर्मूला के लागू होने से लाभ होने की संभावना नहीं है। ऐसा इसलिए कि उन्हें मौजूदा फॉर्मूले के तहत भी इतनी ही राशि मिलेगी।इसके अलावा इसके लागू होने से जटिलताएं पैदा होने की भी आशंका है। क्योंकि सरकार को राज्यों में किराए के आधार पर कीमतें तय करनी होंगी। मुंबई या दिल्ली के आसपास भूमि का किराया ओडिशा या मणिपुर जैसे राज्यों में खेती योग्य भूमि की तुलना में कई गुना अधिक है। एक अधिकारी ने बताया, “किसी को एमएसपी पर विचार करते समय पूरे देश की भूमि लागत या किराया के औसत पर आवेदन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। दिल्ली के नजफगढ़ में भूमि का किराया बिहार या छत्तीसगढ़ के एक गांव में भूमि की लागत या किराए से काफी अधिक होगा।”

    3. राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड से मिला 16 हजार करोड़ का चंदा, BJP को मिले 6.5 हजार करोड़

    राजनीतिक दलों (Political parties) को 16 हजार करोड़ रुपये (worth Rs 16 thousand crores) का चंदा चुनावी बॉन्ड (Election bonds) से मिला। पिछले वित्त वर्ष तक सभी राजनीतिक दलों (Political parties) को कुल मिलाकर 12 हजार करोड़ रुपये के बॉन्ड मिले थे, इसमें सबसे ज्यादा 55 प्रतिशत हिस्सा अकेले भाजपा (BJP) को मिला, जो 6,565 करोड़ रुपये था। चुनाव आयोग (election Commission) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) (Association for Democratic Reforms (ADR).) के उपलब्ध डाटा में ये जानकारियां दर्ज हुई हैं। मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 का डाटा राजनीतिक दलों के सालाना ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के बाद सामने आएगा। एडीआर ने मार्च 2018 से जनवरी 2024 तक 16,518.11 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड बेचे जाने की जानकारी दी है। राजनीतिक दलों को मिलने वाले कुल चंदे का करीब 50 प्रतिशत इन्हीं से आ रहा है। वहीं राज्यों की सत्ता पर काबिज कुछ क्षेत्रीय दल को 90 प्रतिशत तक चंदा इन बॉन्ड से मिल रहा है। भाजपा 2013-14 में कांग्रेस को पीछे छोड़ देश की सबसे अमीर पार्टी बनी थी…उस वर्ष भाजपा की आय 673.8 करोड़ और कांग्रेस की 598 करोड़ दर्ज हुई थी। इसके बाद से भाजपा की आय लगातार बढ़ती गई, तो वहीं कांग्रेस की आय कुछ वर्ष को छोड़ दें तो गिरती रही।


    4. RBI ने कहा- लगातार चौथे साल 7% से अधिक रहेगी विकास दर, महंगाई पर काबू पाने में अभी कई चुनौतियां

    भारत कई चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना कर सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था (major economies) के रूप में उभरा है। हालांकि, महंगाई को काबू करने के मोर्चे पर अभी कई चुनौतियां हैं। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि विवेकपूर्ण मौद्रिक एवं राजकोषीय नीतियों ने मुश्किल परिस्थितियों से निपटने में भारत की सफलता का मार्ग प्रशस्त किया है। 2024-25 में जीडीपी की वृद्धि दर 7 फीसदी रहने का अनुमान है। यह लगातार चौथा साल होगा, जब विकास दर 7 फीसदी या उससे अधिक रहेगी। इसके साथ ही, खाद्य कीमतों की ओर से बार-बार झटके लगने और देशों के बीच नए तनाव पैदा होने से महंगाई से निपटने में बाधा आ रही है। दास ने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था एक चौराहे पर खड़ी है। चुनौतियां भी तमाम हैं। लेकिन, नए अवसर भी दस्तक दे रहे हैं। हम यहां से जो रास्ता अपनाएंगे, वही हमारा भाग्य तय करेगा। हमें ऐसी नीतियां चाहिए, जो वैश्विक जीडीपी की नई वास्तविकताओं के अनुरूप हों। अनिश्चित दुनिया में केंद्रीय बैंकों को अपने उद्देश्यों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए सक्रिय होने की जरूरत है।

    भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवारों ने 27 फरवरी को होने वाले राज्यसभा चुनावों (Rajya Sabha Election) के लिए नामांकन कर लिया है. बीजेपी ने कुछ सीटों पर सरप्राइज (surprised) करने वाले उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जबकि कई नेताओं (leaders) के टिकट काट (canceled tickets) दिए हैं. साथ ही चुनावी समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. पार्टी ने संगठन से जुड़े और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को वरीयता दी है. बीजेपी का किला माने जाने वाले गुजरात में पार्टी ने राज्यसभा की चार सीटों के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा, हीरा कारोबारी गोविंद ढोलकिया, डॉ जशवंत सिंह परमार और मयंक नायक को उम्मीदवार बनाया है. खास बात यह है कि इन नामों तक दूर दूर तक चर्चा नहीं थी. इससे पहले गुजरात से एक महिला के साथ किसी सेलिब्रेटी और एक आदिवासी चेहरे को राज्यसभा भेजे जाने के कयास लगाए जा रहे थे. ऐसे में बीजेपी ने इन चारों नेताओं को राज्यसभा का टिकट देकर सबको चौंका दिया है.

    6. प्रियंका गांधी अस्पताल में भर्ती हुईं, नहीं जुड़ पाएंगी भारत जोड़ो यात्रा के साथ

    तबीयत खराब होने के कारण कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी (Congress General Secretary Priyanka Gandhi) को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उन्होंने ट्वीट कर खुद ये जानकारी साझा की है. ट्वीट में प्रियंका गांधी ने लिखा, ‘मैं बड़े चाव से उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के पहुंचने का इंतजार कर रही थी, लेकिन बीमारी की वजह से मुझे आज ही अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.” हालांकि उन्होंने कहा है कि वो ठीक होने के बाद फिर से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के साथ जुड़ेंगी. उन्होंने इस बात का जिक्र ट्वीट में करते हुए लिखा, ”थोड़ा बेहतर होते ही मैं यात्रा में जुड़ेगी. तब तक के लिए चंदौली-बनारस पहुंच रहे सभी यात्रियों, पूरी मेहनत से यात्रा की तैयारी में लगे उत्तर प्रदेश के मेरे सहयोगियों और प्यारे भाई को शुभकामनाएं देती हूं.” प्रियंका गांधी को शुक्रवार (16 फरवरी, 2024) को ही उत्तर प्रदेश के चंदौली में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होना था. दरअसल, राहुल गांधी की अगुवाई में मणिपुर से मुंबई तक भारत जोड़ो न्याय यात्रा निकाली जा रही है.


    7. सत्ता में आई INDIA गठबंधन, तो MSP को देंगे कानूनी गारंटी; किसान आंदोलन पर राहुल गांधी ने दिया बड़ा बयान

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को कहा कि यदि आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बाद विपक्षी दलों का गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (INDIA Alliance) सत्ता में आता है तो उनकी पार्टी देश में किसानों (farmers) की लंबे समय से लंबित मांगों को स्वीकार करेगी और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी सुनिश्चित करेगी। गांधी अपनी ‘‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’’ (Bharat Jodo Nyay Yatra) के तहत राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव के साथ रोहतास जिले के चेनारी थाना क्षेत्र के टेकारी में आयोजित ‘किसान न्याय महापंचायत’ में पहुंचे और उन्होंने खाट पर बैठकर किसानों की समस्याओं पर चर्चा की। राहुल गांधी ने किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए दावा किया, ‘‘किसानों को उनकी फसलों का सही दाम नहीं मिल रहा है।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र की सत्ता में आने के बाद कांग्रेस एमएसपी को कानूनी गारंटी देगी। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी किसानों ने कांग्रेस से कुछ मांगा हैं, उन्हें दिया गया है। चाहे कर्ज माफी हो या एमएसपी, कांग्रेस ने हमेशा किसानों के हितों की रक्षा की है और हमेशा ऐसा करती करेगी।’’

    8. CM केजरीवाल का बड़ा बयान, बोले- विधानसभा में आज पेश करूंगा विश्वास मत, क्या है कारण

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर अहम जानकारी साझा की है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट लिखते हुए कहा, ‘विधानसभा मैं आज मैं विश्वास मत रखूंगा।’ हालांकि केजरीवाल सरकार के खिलाफ विपक्ष ने कोई अविश्वास प्रस्ताव नहीं रखा है। लेकिन अरविंद केजरीवाल के इस पोस्ट के सामने आने के बाद राजनीतिक हलचल अब तेज हो गई है। सीएम केजरीवाल ने शुक्रवार को सदन में विश्वास मत पेश करने की घोषणा की है। बता दें कि अरविंद केजरीवाल पहले ही भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा चुके हैं। बता दें कि दिल्ली पुलिस एक तरफ उनसे सबूत मांगने में लगी हुई है और दूसरी तरफ केजरीवाल आज विधानसभा में विश्वास मत पेश करने जा रहे हैं। हालांकि अबतक यह नहीं बताया गया है कि आखिर केजरीवाल द्वारा विश्वास मत क्यों लाया जा रहा है। इसके पीछे क्या कारण है।


    पंजाब और हरियाणा के किसानों के आंदोलन (Farmers movement of Punjab and Haryana) के बीच उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) ने राज्य में छह महीने के लिए हड़ताल पर पाबंदी लगा दी है. यह नियम राज्य सरकार के अधीन सरकारी विभागों, निगम और प्राधिकरण पर लागू रहेगा. अपर मुख्य सचिव कार्मिश डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इस संंबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है. इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एस्मा एक्ट लगने के बाद भी अगर कोई कर्मचारी हड़ताल या प्रदर्शन करते पाया जाता है, तो हड़ताल करने वालों को एक्ट उल्लंघन के आरोप में बिना वारंट के गिरफ्तार किया जाएगा. बता दें कि यूपी सरकार पहले भी इसी तरह का फैसला दे चुकी है. राज्य सरकार ने 2023 में भी छह महीने के लिए हड़ताल पर बैन लगा दिया था. उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना के मद्देनजर एस्मा एक्ट लागू कर हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया था. एस्‍मा यानी एसेंशियल सर्विसेज मैनेजमेंट एक्ट (Essential Services Management Act) कानून का इस्तेमाल उस समय किया जाता है, जब कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं. इस कानून को हड़ताल को रोकने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. खास बात यह है कि यह कानून अधिकतम छह महीने के लिए लगाया जा सकता है.

    10. MP में मोदी की गारंटी लागू करने के लिए भारतीय किसान संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी

    मध्य प्रदेश में मोदी की गारंटी लागू (Modi’s guarantee implemented in Madhya Pradesh) करने के लिए भारतीय किसान संघ (Indian Farmers Union) ने डॉ मोहन यादव सरकार (Mohan Yadav government) को सख्त चेतावनी दी है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े भारतीय किसान संघ ने मध्य प्रदेश सरकार से मांग की है कि चुनाव घोषणा पत्र के मुताबिक अन्नदाताओं को गेहूं का मूल्य 2700 रुपए प्रति क्विंटल और धान का मूल 3100 रुपये प्रति क्विंटल दिया जाए. भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर ने साफ कहा है कि सरकार ने जो वादा किया है, उसे पूरा किया जाए अन्यथा किसान आंदोलन की राह पकड़ेंगे. दरअसल, मध्य सरकार द्वारा इस सीजन के लिए गेंहू का समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है, जिससे भारतीय किसान संघ भड़क गया है.संघ के प्रदेश महामंत्री चंद्रकांत गौर ने कहा कि मोदी की गारंटी के नाम पर विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 2700 रुपये प्रति क्विंटल गेंहू के दाम किसानों को देने की बात अपने घोषणा पत्र में कही थी. इसी प्रकार धान के समर्थन मूल्य 2100 रुपये पर 1000 बढ़ाकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल देने का वादा किया गया था. जबकि, कांग्रेस ने गेंहू का मूल्य 2600 रुपये प्रति क्विंटल देने कहा था.

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    हिंसक किसान आंदोलन के निहितार्थ

    Sat Feb 17 , 2024
    – आर.के. सिन्हा मरने -मारने के अंदाज में किसान एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। चुनाव माहौल गरम होते ही वे दिल्ली को घेरने के इरादे पर डट जाते हैं। पंजाब से दिल्ली आ रहे किसान हरियाणा में पुलिस से जगह-जगह पर बिना किसी बात के भिड़ रहे हैं। किसानों का ‘दिल्ली चलो’ […]
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