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    12 जुलाई की 10 बड़ी खबरें

  • July 12, 2024

    1. एशियाई देशों के बीच नेतृत्व को मजबूत करने की तैयारी में भारत, चीन को भी चुनौती

    बिम्स्टेक (BIMSTEC) के जरिए भारत एशियाई देशों (india asian countries) के बीच अपने नेतृत्व को मजबूती (Strengthening the leadership)से रखने के लिए प्रयास(effort) कर रहा है। कभी दक्षेस के जरिये भी ऐसे प्रयास हुए थे लेकिन उसमें पाकिस्तान की नकारात्मक भूमिका के बाद भारत ने बिम्स्टेक मंच को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी है। नई दिल्ली में बिम्स्टेक देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भी जयशंकर ने स्पष्ट रूप से इसके संकेत दिए। उन्होंने दो टूक कहा कि यह मंच हमारी पड़ोस प्रथम, एक्ट ईस्ट और सागर विजन को आगे बढ़ाएगा। बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल (बिम्स्टेक) हालांकि, ढाई दशक पुराना मंच है लेकिन मोदी सरकार में इस मंच को ज्यादा तरजीह दी गई है। इसमें भारत के अलावा छह अन्य देशों में बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका तथा थाइलैंड शामिल हैं। भारत इसका सबसे बड़ा सदस्य देश है। इसलिए इस मंच के जरिए न सिर्फ भारत बिम्स्टेक देशों के साथ अपने कारोबारी और राजनयिक रिश्तों को मजबूत कर रहा है, बल्कि इस मंच को अन्य एशियाई और आशियान देशों के साथ भी रिश्ते मजबूत करने का जरिया बना रहा है।

    2. चुनौतियों से भरा होगा आम बजट… हर वर्ग को है इससे कुछ न कुछ उम्मीद

    केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 (Narendra Modi government 3.0) के पहले आम बजट (First General Budget) से खासी उम्मीदें हैं। निम्न और मध्यवर्ग (Lower and middle class) को सरकार महत्वाकांक्षी योजनाओं के जरिये विशेष लाभ दे सकती है। नौकरीपेशा लोगों (Employed people) के लिए भी आयकर छूट सीमा (Income tax exemption limit) बढ़ाए जाने और स्लैब में परिवर्तन किए जाने की चर्चाएं हैं। बदले हुए समीकरणों के बीच सरकार के लिए यह बजट सहयोगी दलों के अपने राज्यों की मांगों के चलते चुनौतियों से भरा भी है। केंद्र की मोदी सरकार पर हर वर्ग की झोली में कुछ न कुछ डालने का दबाव है। चूंकि चार राज्यों के चुनाव सामने हैं, ऐेसे में इन राज्यों के लोगों की भी उम्मीदें टिकी हैं। राजनीतिक रूप से सरकार को मतदाताओं को साधने की भी कवायद करनी पड़ रही है। सरकार की कोशिश होगी कि वह अपने बिखरे जनाधार को समेटने और सहयोगी दलों के साथ तालमेल को बेहतर बनाए।

    3. नेपाल में बड़ा हादसा, भूस्खलन के बाद नदी में बहीं दो बसें, 7 भारतीयों की मौत, 50 से ज्यादा लापता

    नेपाल (Nepal) में एक बड़ा हादसा हुआ है. पड़ोसी देश में लैंडस्लाइड (landslide) के बाद दो बसें (two buses) एक नदी (river) में बह गई हैं. इस हादसे में सात भारतीयों (7 Indians) की मौत हो गई है. जबकि, बस में सवार सभी (करीब 60) यात्री लापता हैं. हादसे की भयावहता को देखते हुए मरने वालों का आंकड़ा बढ़ भी सकता है. नेपाल में खराब मौसम लोगों के लिए आफत बना हुआ है। बताया जा रहा है कि आज यानी शुक्रवार सुबह मध्य नेपाल में मदन-आश्रित राजमार्ग पर भूस्खलन की वजह से लगभग 63 यात्रियों को ले जा रही दो बसें त्रिशूली नदी में बह गईं। सभी लापता बताए जा रहे हैं। चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दोनों बसों में चालकों सहित कुल 63 लोग सवार थे। हादसा सुबह करीब 3:30 बजे हुआ। हम घटनास्थल पर हैं और तलाशी अभियान चल रहा है। लगातार बारिश के कारण लापता बसों की तलाश में हमें दिक्कत आ रही है। इस बीच मौसम खराब रहने के कारण काठमांडू से भरतपुर, चितवन तक की सभी उड़ानें आज के लिए रद्द कर दी गई हैं।


    4. बॉम्बे हाईकोर्ट का केंद्र को आदेश, भारत में 5 साल से फंसी चीनी महिला को दिया जाए 10 लाख का मुआवजा

    भारत (India) में 2019 से फंसी एक चीनी महिला (Chinese Woman) को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने दस लाख रुपये मुआवजा (Compensation) देने का आदेश जारी किया है. यह रकम केंद्र सरकार से भुगतान करने को कहा गया है. हाईकोर्ट ने कहा कि “भारत सरकार के आचरण” की वजह से उसे (चीनी महिला को हुई) मानसिक पीड़ा, ट्रॉमा और मुश्किलों के लिए उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने साथ ही इमिग्रेशन ब्यूरो को महिला को एग्जिट परमिट जारी करने का आदेश दिया है, ताकि वह अपने देश (चीन) लौट सके. जस्टिस पीके चव्हाण की बेंच ने 38 वर्षीय कांग लिंग द्वारा दायर याचिका पर आदेश जारी किया है. वह फ्लाइट डायवर्जन की वजह से मुंबई पहुंच गई थी और वहां वह सांताक्रूज के एक चॉल में रह रही थी. महिला चीन के शांडोंग शेंग की रहने वाली है. जस्टिस चव्हाण ने चीनी महिला की ‘दयनीय दुर्दशा’ देखी, जो 2019 में 12 दिसंबर को बीजिंग से चाइना एयरलाइंस से भारत आई थी.

    5. अरविंद केजरीवाल को ED केस में SC से अंतरिम जमानत, लेकिन नहीं हो सकेंगे रिहा, मामला बड़ी बेंच को गया

    दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) को शराब घोटाले मामले (liquor scam case) में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है. लेकिन कोर्ट ने मामले को बड़ी बेंच को सौंप दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका के मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया है. अब सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी. लेकिन केजरीवाल फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. वह फिलहाल सीबीआई की कस्टडी में हैं लेकिन उन्हें जमानत ईडी केस में मिली है. ऐसे में अभी वह जेल में ही रहेंगे. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। दरअसल, उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी शुक्रवार को सुनवाई हुई। याचिका में दिल्ली में कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय की ओर से उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने इस याचिका को बड़ी पीठ के पास भेज दिया है। इससे पहले पीठ ने 17 मई को केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।

    बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में अभी एक साल से ज्यादा का वक्त बचा है, लेकिन सियासी बिसात अभी से ही बिछाई जाने लगी है. लोकसभा चुनाव से बाद से ही बीजेपी से लेकर आरजेडी और अन्य दल अपने-अपने समीकरण को दुरुस्त करने में जुट गई हैं. वहीं, चुनावी रणनीतिकार से सियासी पिच पर उतरने वाले प्रशांत किशोर ने भी अपने पत्ते खोल दिए हैं. पीके गांधी जयंती पर अपनी पार्टी की घोषणा करेंगे. प्रशांत किशोर ने साथ सूबे की सियासत में असदुद्दीन ओवैसी के तर्ज पर मुस्लिम राजनीति करने का फैसला किया है. प्रशांत किशोर ने कहा है कि वह अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारेंगे. बिहार की कुल 243 सीटों में से 75 विधानसभा सीट पर मुस्लिम समुदाय से उम्मीदवार देने का ऐलान किया है. पीके ने मुसलमानों को उनकी आबादी के लिहाज से विधानसभा चुनाव में टिकट देने की बात कही है. एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की राजनीति का एजेंडा भी मुस्लिम प्रतिनिधित्व रहा है, जिसे लेकर बिहार में अपनी सियासी जड़े जमाने की कोशिश नौ सालों से कर रहे हैं.


    7. भारत ने फिर निभाई दोस्ती, UN में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर मतदान से बनाई दूरी; जानें पूरा मामला

    भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र (United Nations) में रूस का साथ देकर अपनी दोस्ती निभाई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) में बृहस्पतिवार को उस मसौदा प्रस्ताव पर हुए मतदान से भारत दूर रहा, जिसमें रूस से यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता तत्काल रोकने और जापोरिझ्झिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र से रूसी सैनिकों व अन्य अनधिकृत कर्मचारियों को फौरन वापस बुलाने की मांग की गई थी। 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा में 99 देशों ने उक्त मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया। जबकि बेलारूस, क्यूबा, उत्तर कोरिया, रूस और सीरिया सहित नौ देशों ने इसके खिलाफ मतदान किया। इस प्रस्ताव पर भारत, बांग्लादेश, भूटान, चीन, मिस्र, नेपाल, पाकिस्तान, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका सहित 60 देश मतदान से दूर रहे। “यूक्रेन के जापोरिझ्झिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र सहित अन्य परमाणु प्रतिष्ठानों की रक्षा एवं सुरक्षा” शीर्षक वाले मसौदा प्रस्ताव में रूस से “यूक्रेन के खिलाफ आक्रामकता तुरंत बंद करने और यूक्रेनी क्षेत्र से अपने सभी सैन्य बलों को बिना शर्त अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर वापस बुलाने की मांग की गई है।” प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि रूस जापोरिझ्झिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र से अपने सैनिकों व अन्य अनधिकृत कर्मचारियों को तत्काल वापस बुलाए तथा संयंत्र की रक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसका नियंत्रण फौरन यूक्रेन के संप्रभु और सक्षम प्राधिकारियों के पूर्ण नियंत्रण में लौटाए।

    8. नेपाल में गिरी ‘प्रचंड’ की सरकार, विश्वास मत हारे पुष्प कमल दहल, PM पद से दिया इस्तीफा

    नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ (Nepal’s Prime Minister Pushpa Kamal Dahal ‘Prachanda’) को बड़ा झटका लगा है. कारण, प्रचंड संसद में विश्वास मत हार गए (Prachanda lost the confidence vote in Parliament) हैं. 19 महीने सत्ता में रहने के बाद अब उन्हें पद छोड़ना पड़ा. दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री के.पी शर्मा (Former Prime Minister K.P. Sharma) की अगुवाई वाली सीपीएन-यूएमएल द्वारा प्रचंड की सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उनको विश्वास मत हासिल करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. सीपीएन-यूएमएल द्वारा समर्थन वापस लेने के कारण प्रचंड के पास विकल्प सीमित हो गए थे, जिसके कारण उन्हें तुरंत पद छोड़ने या एक महीने के भीतर विश्वास मत का सामना करने के बीच चयन करना पड़ा. शुक्रवार को संसद में विश्वास मत परीक्षण हुआ, जहां वह हार गए.


    9. 25 जून को मनेगा ‘संविधान हत्या दिवस’, केंद्र सरकार ने की घोषणा, नोटिफिकेशन जारी

    विपक्ष के संविधान बचाओ के नारे को लेकर चल रही सियासी जंग के बीच केंद्र ने आपातकाल के मुद्दे (Emergency issues) को अपना हथियार बनाया है। केंद्र सरकार (Central government) ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित कर दिया है। केंद्र ने अपने इस फैसले को आपातकाल के खिलाफ लोकतंत्र बहाली की जंग लड़ने के दौरान अमानवीय यातना झेलने वाले लाखों लोगों का सम्मान करार दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाना इस बात की याद दिलाएगा कि उस दिन क्या हुआ था और संविधान को कैसे कुचला गया था।गौरतलब है कि 1975 में इसी दिन तत्कालीन इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने देश पर आपातकाल लगाने का एलान किया था और देश में करीब 21 महीने तक आपातकाल लगा रहा था। गृह मंत्रालय से 11 जुलाई को जारी अधिसूचना में कहा गया है कि 25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी। इसके बाद उस समय की सरकार ने सत्ता का घोर दुरुपयोग किया और भारत के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए गए। और जबकि भारत के लोगों को देश के संविधान और देश के मजबूत लोकतंत्र पर दृढ़ विश्वास है।

    10. ‘महाराष्ट्र MLC चुनाव में NDA के सभी उम्मीदवार जीते, MVA के खाते में 2 सीट

    महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव (Maharashtra Legislative Council Election) में एनडीए (महायुति) के सभी 9 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की (All 9 candidates won) है जबकि यूबीटी से एक और कांग्रेस से एक प्रत्याशीत को जीत (One candidate from Congress wins) मिली है. बीजेपी के योगेश तिलेकर, पंकजा मुंडे, सदाभाऊ खोत, अमित गोरखे और परिणय फुके (Yogesh Tilekar, Pankaja Munde, Sadabhau Khot, Amit Gorkhe and Parinay Phuke) सभी पांच उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. शिंदे ग्रुप के कृपाल त्रिमाने, भावना गवली और अजीतदादा ग्रुप के राजेश विटेकर, शिवाजीराव गरजे ने भी जीत हासिल की है. इस चुनाव में कांग्रेस के कई विधायकों की ओर से क्रॉस वोटिंग की भी संभावना जताई जा रही है. महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित पवार गुट के दोनों उम्मीदवार को जीत मिली है. अजित पवार ने इस जीत को बड़ी जीत माना है. उन्होंने कहा हमने सोचा था कि हमारे 42 वोट थे, लेकिन हमें 5 वोट ज्यादा मिले हैं. अजित गुट के राजेश विटेकर 23 वोटों से और शिवाजीराव गरजे 24 वोटों से जीते हैं. लोकसभा में हार के बाद अजित गुट की यह पहली बड़ी जीत है.

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    इंदौर में नाइट कल्चर बंद, कलेक्टर ने जारी किए आदेश

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    इंदौर: इंदौर (Indore) में बीआरटीएस के आसपास खाने पीने की दुकानें, रेस्टोरेंट और होटलों के 24 घंटे खुले रहने का आदेश (order to remain open 24 hours) जिला प्रशासन वापस ले लिया है. अब शहर में नाइटलाइफ कल्चर बंद (Nightlife culture closed) हो जाएगा. मुख्यमंत्री मोहन यादव की मौजूदगी में इंदौर संभाग की समीक्षा बैठक […]
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