1. Karnataka: पूर्व विदेश मंत्री एसएम कृष्णा का निधन, 92 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
कर्नाटक (Karnataka) के पूर्व मुख्यमंत्री (Former Chief Minister), विदेश मंत्री (Foreign Minister) और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल एसएम कृष्णा (SM Krishna) का निधन हो गया. आज सुबह 2:45 बजे बेंगलुरु (Bangalore) स्थित अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके पार्थिव शरीर को आज मद्दुर ले जाया जाएगा. एस एम कृष्णा का जन्म 1932 में हुआ था. उनका पूरा नाम सोमनाहल्ली मल्लैया कृष्णा है. वे साल 1999 से 2004 कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे और वर्ष 2004 से 2008 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे. 22 मई 2009 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कृष्णा को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया और 23 मई 2009 विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी. मार्च 2017 में एसएम कृष्णा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. 2023 में सरकार ने एसएम कृष्णा को पद्म विभूषण से सम्मानित किया.
आम सहमति (Consensus) बनाने में माहिर माने जाने वाले भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) के नवनियुक्त गवर्नर (Newly appointed Governor) संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने नई आयकर व्यवस्था (New Income Tax System) को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह ऐसे समय में केंद्रीय बैंक की कमान संभालने जा रहे हैं, जब अर्थव्यवस्था (Economy) धीमी वृद्धि दर और उच्च मुद्रास्फीति (High Inflation) की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है। आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस में स्नातक और प्रिंसटन विश्वविद्यालय से सार्वजनिक नीति में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल करने वाले 56 वर्षीय मल्होत्रा वर्तमान में वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव हैं और वह शक्तिकान्त दास का स्थान लेंगे। उनके पास बिजली, वित्त और कराधान जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता के साथ सार्वजनिक नीति में तीन दशक से अधिक का अनुभव है।
3. सरकार इसी सत्र में पेश कर सकती है एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक
केंद्र सरकार (Central government) अपनी एक राष्ट्र (One Nation) एक चुनाव (One Election) योजना को लागू करने के लिए प्रस्तावित विधेयक (Bill) पर व्यापक विचार-विमर्श (Discussion) के पक्ष में है। हालांकि, विधेयक को अभी कैबिनेट (Cabinet) की मंजूरी नहीं मिली है, पर सरकार इसे संसद (Parliament) के वर्तमान सत्र (session) में पेश (present) कर सकती है। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इस बिल को विस्तृत चर्चा के लिए संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के पास भी भेजा जा सकता है। सरकार इस बिल पर आम राय बनाने के पक्ष में है। जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी। साथ ही, सभी राज्य विधानसभाओं के स्पीकरों को भी बुलाया जा सकता है। साथ ही देश के प्रबुद्ध वर्गों के साथ ही सिविल सोसायटी की भी राय ली जाएगी। वन नेशन-वन इलेक्शन पर विचार करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में पिछले साल 2 सितंबर को एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया था। समिति ने इस वर्ष 14 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंपी थी। समिति ने 18,626 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है। समिति ने 62 राजनीतिक दलों से संपर्क किया था, जिनमें से 32 ने एक देश, एक चुनाव का समर्थन किया, जबकि 15 पार्टियों ने विरोध जताया था।
4. SC ने मणिपुर सरकार से मांगी जातीय हिंसा में जलाए गए घरों, संपत्ति व अतिक्रमण की पूरी जानकारी
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को मणिपुर सरकार (Manipur Government) को निर्देश दिया कि वह राज्य में जातीय हिंसा (Manipur Racial Violence) के दौरान पूरी तरह या आंशिक रूप से जलाए गए आवासों और संपत्तियों (Burnt Residences and Properties) और इन पर अतिक्रमण की जानकारी सीलबंद लिफाफे में रख कर सौंपे। न्यायालय ने राज्य सरकार से पूछा कि संपत्तियों पर अतिक्रमण और आगजनी करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ ने राज्य से विस्थापित लोगों की शिकायतों का समाधान तथा उनकी संपत्तियों को वापस करने के लिए कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। पीठ ने मणिपुर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से विशिष्ट विवरण प्रदान करने के लिए कहा, जैसे कि ‘जलाए गए या आंशिक रूप से जलाए गए भवन, लूटे गए भवन, अतिक्रमण या कब्जाए गए भवन।’
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों को लेकर बड़ी संख्या में भारतीय अमेरिकियों ने व्हाइट हाउस से यूएस कैपिटल तक मार्च निकाला। शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों ने हमें न्याय चाहिए और हिंदुओं की रक्षा हो जैसे नारे लगाते हुए बाइडन प्रशासन और आगामी ट्रंप प्रशासन से बांग्लादेश की सरकार से हिंदुओं की रक्षा के लिए कदम उठाने को कहने का अनुरोध किया। साथ ही यह भी मांग की कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले के विरोध में सोमवार को मार्च निकाला गया। कार्यक्रम के आयोजकों स्टॉपहिंदूजेनोसाइड.ओआरजी , बांग्लादेशी प्रवासी संगठनों और हिंदूएक्शन ने मांग की कि अमेरिकी कंपनियां बांग्लादेश से कपड़े खरीदना बंद कर दें। बता दें, ढाका अमेरिका को कपड़े निर्यात करने पर बहुत अधिक निर्भर है।
6. CM मोहन यादव ने PM मोदी से दिल्ली में की मुलाकात, कई अहम मुद्दों पर की चर्चा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Dr. Mohan Yadav) ने मंगलवार को दिल्ली (Delhi) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को राम मंदिर की प्रतिकृति भेंट की। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को ग्लोबल इन्वेटर्स समिट-2025 के शुभारंभ और केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के भूमिपूजन के लिए आमंत्रित किया। साथ ही प्रदेश में चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जानकारी दी और बहुमूल्य मार्गदर्शन प्रापत किया। सोशल मीडिया पर मुलाकात की तस्वीर भी साझा की और बताया कि इस मुलाकात के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। साथ ही यह भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में चल रही केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के भूमि पूजन समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया। 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर केन-बेतवा परियोजना का भूमि पूजन हो सकता है, और इसके लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से समय मांगा है।
7. बांग्लादेश छीन लेगा भारत से ये बड़ी ताकत! अगर हुआ ऐसा तो गिर जाएगी PM मोदी की साख
बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्ता पलट होने के बाद से भारत के साथ संबंधों में दरार पड़ गई है. हालिया घटनाओं के बाद से बांग्लादेश खुलकर भारत का विरोध कर रहा है. ताजा घटनाक्रम में अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर डॉ. मुहम्मद यूनुस ने यूरोपीय देशों से आग्रह किया है कि वे बांग्लादेशियों के लिए अपने वीजा केंद्रों को दिल्ली से हटाकर ढाका या किसी अन्य पड़ोसी देश में स्थापित करें. यह बात स्थानीय मीडिया में आई उन रिपोर्टों के कुछ दिनों बाद आई है, जिनमें कहा गया था कि ढाका आलू और प्याज जैसे मुख्य खाद्य पदार्थों के आयात के लिए अन्य स्रोतों पर विचार कर रहा है. यूनुस ने ढाका के तेजगांव स्थित अपने कार्यालय में यूरोपीय देशों के राजनयिकों के साथ बैठक के दौरान यह अपील की. बैठक में ढाका और नई दिल्ली दोनों जगहों पर तैनात 19 से अधिक राजनयिक मौजूद थे.
8. सरकार से बातचीत का नहीं मिला न्योता, इस दिन दिल्ली कूच करेंगे किसान
शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर डटे किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान किया है। किसान नेताओं का कहना है कि अभी तक सरकार की तरफ से बातचीत का कोई न्योता नहीं आया है, लिहाजा अब 14 दिसंबर को दिल्ली कूच किया जाएगा। 101 किसानों का जत्था दिल्ली जाएगा। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बताया कि अब हमलोग 14 दिसंबर को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे। हमारे प्रदर्शन को 303 दिन पूरे हो चुके हैं और किसानों का आमरण अनशन भी 15वें दिन पर पहुंच गया है। हमने हमेशा बातचीत का स्वागत किया है, लेकिन सरकार की ओर से किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया।
मध्य प्रदेश में जल्द ही अलग-अलग विभागों में खाली करीब एक लाख सरकारी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी. राज्य के ऊर्जा विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. मंगलवार को कर्मचारी चयन मंडल ने ऊर्जा विभाग में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 2,573 खाली पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है. भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी 24 दिसंबर 2024 से 23 जनवरी 2025 तक आवेदन कर सकते हैं. यह भर्ती पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की तरफ की जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में कहा कि राज्य में एक लाख पदों पर भर्ती के लिए MPPSC और कर्मचारी चयन मंडल को प्रस्ताव भेज दिया है. राज्य सरकार ने सभी विभागों से खाली पदों की जानकारी मांगी थी, जिसमें अब तक 55 हजार 410 पदों की जानकारी सामने आ चुकी है. सीएम के आदेश के बाद विभागों की ओर से भर्ती संबंधी प्रस्ताव भेजने का काम तेज हो गया है. अब जल्द ही विज्ञापन निकालने का काम शुरू किया जाएगा.
10. ‘उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया विपक्ष? जयराम रमेश ने गिनाए ये कारण
विपक्षी इंडिया ब्लॉक (Opposition India Bloc) ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) को पद से हटाने की मांग को लेकर राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव (Motion of no confidence) ला दिया है. जयराम रमेश (Jairam Ramesh) की अगुवाई में कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने मंगलवार को संविधान के अनुच्छेद 67 बी के तहत इससे संबंधित प्रस्ताव राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंप दिया. इसे लेकर अब जयराम रमेश का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि यह निजी मसला नहीं है. हमने केवल विपक्षी नेताओं के अपमान को लेकर अपनी आवाज उठाई है. जयराम रमेश ने यह भी कहा है कि आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार), झारखंड मुक्ति मोर्चा, डीएमके समेत विपक्षी दलों के सांसदों ने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने कहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर 60 सांसदों के हस्ताक्षर हैं.
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