एटा। उत्तर प्रदेश स्थित एटा में 2 कॉन्सटेबल समेत एक पुलिस इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिसकर्मियों पर आरोप है कि उन्होंने ढाबे पर खाना खाने के बाद पैसा देने से इनकार कर दिया। जब पैसे मांगे तो पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर फर्जी एनकाउंटर की कहानी कहानी गढ़कर ढाबा मालिक समेत 9 अन्य को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिसकर्मियों ने इन सभी लोगों के पास से अवैध देशी शराब और भांग बरामद होने का दावा करके जेल भेज दिया। बताया गया कि घटना के 40 दिन बाद उनके आरोपी साथियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई हुई और वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी होने के बाद ही जांच के आदेश दिए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ढाबा मालिक और जिन ग्राहकों ने कथित तौर पर उनकी ओर से हस्तक्षेप किया, सभी को 4 फरवरी को ‘गिरफ्तार’ किया गया। इस गिरफ्तारी को लेकर एक प्रेस नोट भी जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था ये सभी शराब और ड्रग्स की तस्करी करने की कोशिश कर रहा थे और रात में ‘मुठभेड़’ के बाद गिरफ्तार किए गए। पुलिस प्रेस नोट में कहा गया कि इनके पास से छह देसी रिवाल्वर, 12 जिंदा कारतूस, दो किलो गांजा और 80 लीटर अवैध शराब बरामद की गई।
#एटा में आवेदक श्री प्रवीण कुमार द्वारा दिए गए प्रा0 पत्र जिसमें जनपद एटा में फर्जी मुठभेड़ मामले में कतिपय पुलिस कर्मियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं के संबंध में #adgzoneagra @Rajeevkrishna69 द्वारा दी गई बाइट@Uppolice@HomeDepttUP@CMOfficeUP@Etahpolice@igrangealigarh pic.twitter.com/NGYbqpvAXE
— ADG ZONE AGRA (@adgzoneagra) March 23, 2021
वहीं ढाबा मालिक के भाई प्रवीण ने कहा कि ‘4 फरवरी को दोपहर 2 बजे, कुछ पुलिसकर्मी मेरे ढाबे पर खाना खा रहे थे। मेरा भाई वहां था… मैं घर पर था। इन पुलिस वालों ने खाने का पैसा देने पर मेरे भाई के साथ बहस की। वे रोजाना आते थे लेकिन खाने की पेमेंट नहीं करते थे। कभी-कभी वे 100 रुपये दे देते थे जबकि इसके चार गुना ज्यादा कीमत का खाना खाते थे।’
प्रवीण ने कहा कि पुलिस ने दावा किया कि उसके भाई और अन्य को ‘मुठभेड़’ के बाद गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने यहां तक कहा कि मेरे भाई ने उन पर एक देश-निर्मित रिवॉल्वर से छह राउंड फायर किए ।।। उन्होंने 11 लोगों को उठाया था, एक को छोड़ दिया और बाकी जेल में हैं।’ एटा पुलिस ने ट्विटर पर एक बयान पोस्ट किया, जिसमें क्षेत्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है और प्रथमदृष्टया उनके खिलाफ आरोप सही थे।
इस मामले पर आगरा पुलिस जोन के इंचार्ज एडीजीपी राजीव कृष्णा ने कहा कि कोतवाली देहात पुलिस स्टेशन के इंचार्ज के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए। मैंने एसपी (क्राइम) से जांच करने के लिए कहा। प्रथमदृष्टया आरोप सही साबित हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘मैंने संबंधित कर्मियों को निलंबित करने का आदेश दिया है और इसमें शामिल पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए जांच को एटा से अलीगढ़ स्थानांतरित कर दिया गया है।’
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