वैलेंटाइन वीक
इंदौर। इंदौर (indore) में वैलेंटाइन वीक (valentines week) को लेकर फूलों (florists) के व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं। इंदौर में पूरे सप्ताह सूर्ख लाल गुलाबों (red roses) का बाजार गुलजार रहने वाला है। मंडी (mandi) में फूलों की बिक्री वैलेंटाइन वीक (valentines week) के पहले ही दिन से आम दिनों की तुलना में तीन गुना बढ़ गई है। इस पूरे सप्ताह हर दिन करीब एक लाख गुलाब के फूलों (कली) मांग रहेगी। कल रोज-डे पर भी दिनभर फूलों की दुकान पर रौनक रही।
इंदौर के राजबाड़ा (rajbara), पलासिया, गीता भवन, विजयनगर (vijaynagar) सहित शहर के अन्य बाजारों के फूल विक्रेताओं ने डंडी वाले गुलाबों से दुकानों को सजाना शुरू कर दिया है। आम दिनों में 20 रुपए में बिकने वाला ये गुलाब कल 50 से 100 रुपए प्रति नग बिका। इंदौर के इलाकों के हिसाब से इन गुलाब की कलियों के दाम कम-ज्यादा होते रहे। यूं तो इस पूरे सप्ताह इन फूलों की मांग रहेगी, लेकिन सबसे ज्यादा बुकिंग (booking) वेलेंटाइन-डे को लेकर की गई है। लाल गुलाब के साथ ही दुकानों पर पीले, गुलाबी और सफेद गुलाब भी नजर आ रहे हैं। इंदौर फूल मंडी के थोक व्यापारी राकेश गोयल ने बताया कि आम दिनों में मंडी से इंदौर और इंदौर से बाहर के मिलाकर दो हजार बंडल फूलों की मांग रहती है, जो इस पूरे सप्ताह बढ़ जाएगी। फिलहाल बड़े थोक व्यापारी हर दिन मंडी से करीब 6 हजार बंडल फूलों की बिक्री करेंगे। फूलों की मांग के साथ ही इन दिनों फूलों के दाम भी बढ़ गए हैं। थोक में जो कली मंडी से 5 से 6 रुपए प्रति बिक रही थी, उसी के दाम मंडी में 15 से 20 रुपए हो गए हैं। बाजार में ये 50 से 100 रुपए प्रति कली इन दिनों बिकेगी। थोक व्यापारियों के अनुसार, पूरे सप्ताह इंदौर और आसपास मिलाकर गुलाब की इन कलियों 40 हजार से ज्यादा बंडल बिकेंगे। एक बंडल में 20 गुलाब के फूल आते हैं।
ऑनलाइन बुकिंग से भी घर पहुंच रहे गुलाब
सोशल मीडिया (social media) और इंटरनेट फ्रेंडली इस युग में कई फूलों के व्यापारियों को ऑनलाइन बुकिंग (online booking) मिल रही है। फूलों के साथ तोहफे सीधे अपनों तक पहुंचाएं जा रहे हैं, बावजूद इसके इस पूरे सप्ताह फूलों की दुकान पर भी तैयार बुके और कस्टमाइज बुके के लिए लोग पहुंचेंगे।
नासिक, बंगलुरू से ज्यादा आता है ये गुलाब
इंदौर में ये गुलाब पूणे (pune), बंगलुरू (bangalore) और नासिक से ज्यादा आता है। पिछले कुछ साल से इंदौर से लगे बेटमा और उसके आसपास भी कुछ किसानों ने इन गुलाबों की खेती शुरू की है, लेकिन इंदौर शहर की खपत का केवल 5 फीसद उत्पादन ही हो पा रहा है, जिसके चलते इंदौर में इनकी आपूर्ति अभी भी बाहरी शहरों से ही हो रही है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved