पुराना भुगतान ही नहीं हुआ, आरटीओ ने लिखा पत्र
700 स्कूली बसें इस लोकसभा चुनाव के लिए अधिगृहीत करने की तैयारी
इंदौर। पुराना भुगतान नहीं होने के कारण जिला प्रशासन (district administration) के सामने लोकसभा चुनाव के लिए वाहनों का अधिग्रहण मुश्किल हो गया है। विधानसभा चुनाव में अधिगृहीत की गई बसों का अब भी एक करोड़ रुपए (1 Crore) का शुल्क चुकाया जाना बाकी है। ऐसे में अब छुट्टियों के दौरान 700 स्कूली बसों (School Bus) को लोकसभा चुनाव में अधिगृहीत कर तैनात करने की तैयारी की जा रही है।
नवंबर-दिसंबर 2023 में हुई चुनाव प्रक्रिया के दौरान लगाई गई बसों का अब भी लगभग 1 करोड़ का भुगतान किया जाना बाकी है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के लिए बसों और अन्य वाहनों का अधिग्रहण मुश्किल हो रहा है। परिवहन विभाग को चुनाव के दौरान इस्तेमाल में आने वाले वाहनों के अधिग्रहण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 1100 वाहनों का अधिग्रहण करने की तैयारी की जा चुकी है। 700 बसें जहां मतदान दलों को लाने-ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाएंगी, वहीं ईवीएम को लाने-ले जाने के लिए लगभग 20 ट्रकों की आवश्यकता है। छुट्टियों के दौरान 700 बसों की जरूरत को पूरा करने के लिए आरटीओ विभाग ने स्कूल बसों की सूची तैयार कर ली है। इंदौर आरटीओ प्रदीपकुमार शर्मा के अनुसार 13 मई को होने वाले मतदान के लिए यह योजना तैयार की गई है। चार दिन के लिए बसों का अधिग्रहण किया जाएगा।
बकाया के लिए लिखा पत्र
विभागीय अधिकारियों के अनुसार विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल किए गए वाहनों की बकाया राशि के लिए पत्र लिखा है। आरटीओ ने जिला प्रशासन व उच्च अधिकारियों को भुगतान के लिए सूचित किया है। अधिकारियों के अनुसार जल्द ही इसका भुगतान करने की प्लानिंग की जा रही है। ज्ञात हो कि जिले में 13 मई को मतदान की प्रक्रिया संपन्न कराई जाएगी। उसके एक दिन पहले मतदान दलों को सामग्री का वितरण किया जाएगा और उन्हें सुनिश्चित केंद्रों तक बसों द्वारा पहुंचाया जाएगा। वहीं कुछ मतदान दलों को मैजिक और छोटी बसों के माध्यम से आसपास के केंद्रों तक पहुंचाया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ 13 अप्रैल से ईवीएम की शिफ्टिंग नेहरू स्टेडियम में की जाना है, जिसके लिए भी 9 कंटेनर तैनात किए जाना हैं।
40 पेट्रोल पंपों से होगी रिफिलिंग
चुनाव कार्यालय में जिलेभर के करीब 40 पेट्रोल पंपों से चुनाव में लगे वाहनों में ईंधन रिफिलिंग के लिए चर्चा कर ली गई है। चुनाव में लगे वाहनों के लिए निश्चित मात्रा में पेट्रोल-डीजल आरक्षित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार पेट्रोल पंपों को लगभग 3000 लीटर पेट्रोल-डीजल अपने पास आरक्षित रखना होगा।
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