इंदौर। संजय शुक्ला और विशाल पटेल जैसे बड़े नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद इंदौर कांग्रेस को एक बड़ा झटका तो लगा है, वहीं आज सुबह अचानक राजनीतिक उलटफेर के बाद इंदौर के कई पूर्व पार्षद पदाधिकारियों के भी कांग्रेस में जाने की अटकलें लगाई जा रही है। संजय शुक्ला और विशाल पटेल इंदौर में कांग्रेस की राजनीति में एक बड़ा नाम है। दोनों ही नेता राहुल गांधी के करीबी भी रहे हैं। दो बार की राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में दोनों नेताओं को बड़ी जवाबदारी भी दी गई थी।
दोनों ही नेताओं से भाजपा के कई वरिष्ठ नेता पिछले कई दिनों से सक्रिय थे। जब प्रदेश में कमलनाथ के भाजपा में जाने की अटकलें लगाई गई तो इंदौर से भी एक बड़े धड़े के भाजपा में शामिल होने की बात कही जा रही थी, लेकिन बाद में अटकलें खारिज हो गई। हालांकि अब कहा जा रहा हैकि सुरेश पचोरी और अन्य बड़े नेताओं से भाजपा के नेता संपर्क म ें लगे हुए थे।
इस अभियान में मंत्री कैलाश विजयर्गीय, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा की भूमिका महत्वपूर्ण बताई जा रही है। आज सुबह जब भोपाल में कां्रगेसियों ने भाजपा की सदस्यताली तो दोनों कद्दावर नेताओं के अलावा मुख्यमंत्री मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी मौजूद थे। विजयवर्गीय को आज सुबह जल्द हरियाणा पहुंचना था, लेकिन वे अचानक भोपाल पहुंचे। अब वे यहां से हरियाणाके लिए रवाना होंगे। वैसे मुख्यमंत्री मोहन यादव का भी आज हरियाणा दौरा था, लेकिन वे भी भाजपा कार्यालय पहुंच गए। भाजपा कार्यालय में कई नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया। हालांकि रात से ही इसको लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि सुरेश पचौरी अगर जाते हैं तो संजय शुक्ला भी भाजपा में जा सकते हैं और आज सुबह इसकी पुष्टि भी हो गई जब दोनों नेताओं ने भाजपा का दुपट्टा पहन लिया।
दरअसल भाजपा कांग्रेस पर मानसिक दबाव बनाकर ऑपरेशन लोटस चला रही है। दोनों बड़े नेताओं के भाजपा में शामिल होने के बाद उनके साथ उनके समर्थक भी बड़ी संख्या में भाजपा का दामन थाम सकते हैं। फिलहाल दोनों नेताओं ने ही भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। संजय शुक्ला लंबे समय से कांग्रेस की राजनीति का एक बड़ा हिस्सा रहे हैंऔर एक नंबर विधानसभा में उनके समर्थक बड़ी संख्या में हैं। कुछ पुराने पार्षद और पदाधिकारी भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि अभी तक न तो संजय शुक्ला ने नामों का खुलासा किया है और न ही समर्थकों ने आगे होकर भाजपा में जाने की बात कही है। शुक्ला के इंदौर लौटने के बाद ही तय हो पाएगा कि उनके साथ और कौन-कौन भाजपा में जाएगी। यही स्थिति देपालपुर विधानसभा की है। यहां भी कांग्रेस का एक बड़ा धड़ा विशाल पटेल के साथ जुड़ा हुआ है। उनके कई समर्थक अलग-अलग गांवों में हैं। सत्तू पटेल और उनकी पटरी कभी नहीं बैठी। जब से सत्तू पटेल ने इंदौर की ओर रूख किया तब से ही विशाल पटेल ने अपने समर्थकों की संख्या में इजाफा किया। पटेल के साथ और कौन-कौन भाजपा के साथ जाएंगे, इसको लेकर भी कयास लगाए जा रहे हैं। कुल मिलाकर तो यह तय है कि इंदौर जिले में एक नंबर और देपालपुर विधानसभा में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता इधर से उधर होंगे, जिसका फायदा लोकसभा चुनाव में भाजपा को मिलेगा। वैसे कल ही कैलाश विजयवर्गीय कह चुके हैं कि इंदौर लोकसभा 8 लाख मतों से अधिक से जीतेंगे, उनका इशारा कांग्रेस नेताओं के सपोर्ट को लेकर भी था, जो आज हकीकत में बदल गया।
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