नई दिल्ली (New Delhi) । केवाईसी रजिस्ट्रेशन (KYC registration) करने वाली इकाइयां यानी केआरए ने मंगलवार को कहा कि सेबी (SEBI) के नियामक दायरे में आने वाले लगभग 11 करोड़ निवेशकों (Investors) में से, लगभग 1.3 करोड़ खाते होल्ड पर हैं । इसका मतलब यह है कि ये निवेशक इनका इस्तेमाल करके स्टॉक, म्यूचुअल फंड और कमोडिटी में ट्रांजैक्शन नहीं कर सकते हैं। क्योंकि, ये विभिन्न वजहों से सेबी के नियमों के अनुरूप नहीं हैं।
पांच केआरए ने संयुक्त रूप से एक विस्तृत विज्ञप्ति जारी की है। विभिन्न श्रेणियों के तहत केवाईसी को रिक्लासिफाई करने की आवश्यकता तब हुई, जब यह पाया गया कि कई निवेशकों के केवाईसी अभी भी पैन और आधार के साथ अपडेट नहीं किए गए थे। इनमें से कई केवाईसी यूटिलिटी बिल (बिजली, टेलीफोन), बैंक खाता डिटेल्स आदि जैसे दस्तावेजों का उपयोग करके किए गए थे, जिन्हें अब सेबी द्वारा केवाईसी अनुपालन के लिए वैध दस्तावेजों के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता है।
1 अप्रैल से प्रभावी केवाईसी अपडेट करने की प्रक्रिया के तहत केआरए ने हर निवेशक के केवाईसी को तीन कैटेगरी में वर्गीकृत किया है। ये तीन कैटेगरी है, वैलिडेट, रजिस्टर्ड और होल्ड पर। केआरए के एक अधिकारी ने कहा कि वर्गीकरण निवेशकों के पैन, आधार, ईमेल और मोबाइल नंबर की उपलब्धता पर आधारित था। केआरए के मुताबिक लगभग 11 करोड़ निवेशकों में से लगभग 7.9 करोड़ या 73% के पास वैलिड केवाईसी है। लगभग 1.6 करोड़ निवेशकों के केवाईसी रजिस्टर्ड कैटेगरी के अंतर्गत हैं।
वैलिडेट केवाईसी वाले निवेशकों को अपडेशन की आवश्यकता नहीं है और वे अपनी निवेश प्रक्रिया जारी रख सकते हैं। रजिस्टर्ड केवाईसी वाले लोग भी अपना निवेश जारी रख सकते हैं, लेकिन अगर वे किसी नए फंड हाउस में निवेश करते हैं या नया डीमैट खाता खोलते हैं तो उन्हें रीकेवाईसी प्रक्रिया का सहारा लेना होगा।
बैंक डिटेल्स, यूटिलिटी बिल और अन्य समान दस्तावेजों का उपयोग करके किए गए केवाईसी अब रोक दिए गए हैं और इन केवाईसी वाले निवेशक अब निवेश नहीं कर सकते हैं, जब तक वे केवाईसी दस्तावेज अपडेट नहीं कर लेते, उन्हें धनराशि निकालने की भी अनुमति नहीं दी जाएगी।
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