नई दिल्ली। बीमा उद्योग के खिलाफ वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 1.27 लाख शिकायतें मिलीं हैं। इसमें से 22 फीसदी यानी 26,107 शिकायतें गलत तरीके से पॉलिसी बेचने की रही हैं। हालांकि, 2021-22 की 1.55 लाख शिकायतों की तुलना में 28 हजार की कमी आई है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडाई) की सालाना रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, कुल शिकायतों में सरकारी कंपनियों के खिलाफ 81,494 और निजी कंपनियों के खिलाफ 45,884 शिकायतें मिलीं हैं। मिससेलिंग में सरकारी के खिलाफ 2,978 और निजी के खिलाफ 23,129 शिकायतें रही हैं। जीवन बीमा की तरह ही स्वास्थ्य बीमा में 66 फीसदी शिकायतें दावों के निपटान के मामले में मिलीं हैं।
इस तरह की गलत बिक्री पर बीमा उद्योग ने सात लाख एजेंटों को नौकरी से निकाल भी दिया है। बीमा उद्योग में कुल 26.28 लाख एजेंट हैं। इसमें सरकारी कंपनी के 13.47 लाख और निजी के 12.80 लाख एजेंट हैं। पिछले वित्त वर्ष में 8.85 लाख नए एजेंट जुड़े, लेकिन सात लाख को निकाल भी दिया गया। कुल प्रीमियम में व्यक्तिगत एजेंटों का योगदान सबसे अधिक 52.76 फीसदी रहा है।
2022-23 में स्वास्थ्य बीमा में कुल 2.36 करोड़ दावों का निपटान किया गया। इसमें 70,930 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ। स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में महाराष्ट्र, दिल्ली, कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात का योगदान 64 फीसदी है।
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