कानपुर, 10 अगस्त । कहते हैं जब खुद का पेट भरा हो तो सामने वाले भूखे का दर्द किसी को नहीं दिखाई देता है। कुछ ऐसा ही हो रहा है हैलट अस्पताल में आउट सोर्सिंग पर काम कर रहे आपरेटरों के साथ। इन आपरेटरों को चार माह से वेतन नहीं मिल रहा है और अफसर सुनने को तैयार नहीं है। बीते दिनों जब इन लोगों ने काम ठप कर दिया था तो कहा गया था जल्द वेतन दिलाया जाएगा। इस आश्वासन को एक माह बीत गया पर आपरेटरों का दर्द नहीं गया।
गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज से संबद्ध लाला लाजपतराय चिकित्सालय (हैलट) में सिल्वर टच कम्पनी के अधीन करीब दस कम्प्यूटर आपरेटर अलग अलग विभागों में काम कर रहे है। कोरोना काल शुरू होने के बाद मार्च में इस कम्पनी का टेंडर खत्म हो गया। इन आपरेटरों की सैलरी नहीं मिली। इस पर बीते माह एक बार आपरेटरों ने काम बंद कर दिया तो मरीज परेशान होने लगे। यह देख तत्कालीन सीएमएस डॉ आरके मौर्य आगे आये और कहा आश्वासन दिलाया कि कंपनी से बातकर जल्द वेतन दिलाया जाएगा। इसके बावजूद आज तक आपरेटरों को वेतन नहीं मिल पाया। चार माह से बिना वेतन के सिर्फ आश्वासन पर यह आपरेटर काम कर रहे हैं। उन दिनों सीएमएस ने कोरोना का भी हवाला दिया था कि इस लड़ाई में आपका साथ जरुरी है। तब से आज तक आश्वासन की घुट्टी लिये ये आपरेटर काम कर रहे हैं। एक आपरेटर ने बताया कि ज्यादातर बाहर शहरों से आकर यहां काम कर रहे है। चार माह से सैलरी न मिलने के कारण अपने घर से पैसा मंगा कर काम चला रहे है। सैलरी कौन देगा, कब देगा ये बताने वाला कोई नहीं है। कम्पनी की तरफ से भी कोई जवाब नहीं मिल रहा है। हैलट के अधिकारियों, बाबुओं से कई बार कहा पर कोई सुनने वाला नहीं है। बता दे कि कई विभागों में ये आपरेटर इस वक्त भी अहम भूमिका निभा रहे है।
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