इंदौर। आज सुबह न्यू देवास रोड पर मालवा मिल जीन में शुरू होने वाली रामकथा के पंडाल में जैन मुनि 108 विनम्रसागर महाराज पहुंच गए। उन्होंने रामकथा और उसे सुनने वालों की महिमा बताने के साथ-साथ कल घटना को लेकर कहा कि यहां कुत्ते पालने की छूट है, लेकिन गाय पालने की नहीं। दरअसल मुनिश्री पिछले तीन दिनों से न्यू देवास रोड पर विहार कर रहे हैं। उन्हें जब मालूम पड़ा कि यहां आज से रामकथा शुरू हो रही है तो वे राम की महिमा का महत्व बताने के लिए पंडाल में पहुंच गए। मुनिश्री का स्वागत स्थानीय लोगों और कथा के आयोजकों ने किया।
उन्हें जब जानकारी लगी कि कल इंदौर में गाय के बाड़े तोड़े गए तो उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि हमारे यहां कुत्ते पालने की छूट है, लेकिन गाय पालने की नहीं। विनम्रसागरजी ने वाल्मीकि रामायण को सबसे बड़ी और पुरानी रामायण बताते हुए उसकी महत्ता से लेकर तुलसीदास की रामायण पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इसे सुनने और सुनाने वाला मन, वचन और कर्म से पावन होना चाहिए। उसे एक श्रोता की तरह नहीं, बल्कि एक योद्धा की तरह कथा सुनना चाहिए। उन्होंने कारसेवा के माध्यम से अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर की घटना का जिक्र भी किया। उन्होंने कहा कि कितने ही लोगों ने इसमें एक योद्धा की तरह बलिदान दिया, भले ही उसका कलश किसी ने भी चढ़ाया हो। मुनिश्री ने हिंदुओं की घटती आबादी पर भी चिंता जाहिर की।
हम दो-हमारे दो के नारे ने हमको घटा दिया
मुनिश्री ने अपने प्रवचन के आखिरी में कहा कि एक समय सरकार ने नारा दिया था हम दो-हमारे दो। ये नारा देकर हमको घटा दिया गया। उनके 50 देश हैं, लेकिन हिंदुस्तान केवल एक ही देश है, जो हमारा है। उन्होंने लगातार हो रहे धर्मांतरण की ओर इशारा करते हुए कहा कि अगर आप आंकड़े देखेंगे तो आंखें फटी की फटी रह जाएंगी। आदिवासियों को कन्वर्ट कर दिया गया। उनका कोई गुरु और न भगवान था। उनका 25 दिसंबर हमने मना लिया। जिस तरह से लोगों को कन्वर्ट किया जा रहा है, उससे वे कभी भी अपनी सरकार बना लेंगे। राम की बात हमें करना होगी और श्रोता नहीं योद्धा की तरह उनकी कथा को सुनना होगा। यह हमारे घरों में ही सुनना होगी। वे लोग नहीं सुनेंगे, जो आज 30 करोड़ हो गए हैं।
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