नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने कहा है कि वो मिड-डे मील पाने वाले छात्रों को फूड सिक्योरिटी अलाउएंस देने की प्रक्रिया जल्द ही पूरी करेगा। दिल्ली हाईकोर्ट को दिए हलफनामे में दिल्ली सरकार ने कहा है कि लॉकडाउन की वजह से मिड-डे मील के कई लाभार्थी अपने गृहनगर चले गए हैं जिसकी वजह से उनके बैंक खाते का पता लगाने में दिक्कत हो रही है। मामले की अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी।
दिल्ली सरकार ने हलफनामे में कहा है कि केंद्र सरकार की ओर से मिले 27 करोड़ 24 लाख रुपये शिक्षा विभाग को फुड सिक्योरिटी अलाउएंस के लिए दे दिए गए हैं। फुड सिक्योरिटी अलाउएंस की ये रकम अप्रैल से जून महीने के लिए जारी किए गए हैं। इसके अलावा मिड डे मील स्कीम पर खर्च करनेवाले स्कूलों का संचालन करनेवाली एजेंसियों को 21 करोड़ 17 लाख रुपये जारी किए गए हैं। दिल्ली सरकार ने कहा है कि फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया और दूसरे खर्चों के लिए पांच करोड़ 19 लाख रुपये जारी किए गए हैं।
पिछले 30 जून को सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया था कि मिडडे मील के लिए मिलनेवाला फंड अभी आना बाकी है। तब कोर्ट ने कहा था कि ये ठीक नहीं है कि मिडडे मील के लिए बच्चों को इंतजार करना पड़े। याचिका महिला एकता मंच नामक एनजीओ ने दायर किया है। याचिकाकर्ता की ओर से वकील कमलेश कुमार ने याचिका में मांग की है कि मिड डे मील के तहत पका भोजन छात्रों को उपलब्ध कराया जाए या इसके बदले उनके खाते में पैसा ट्रांसफर किया जाए।
याचिका में कहा गया है कि स्कूलों में पढ़नेवाले बच्चों के अभिभावकों ने याचिकाकर्ता एनजीओ से संपर्क कर बताया कि वे मिड डे मील के लाभार्थी हैं। उन्हें मिड डे मील नहीं मिल रहा है। याचिका में कहा गया है कि मिड डे मील की योजना लाने के पीछे दो वजहें थीं। पहला यह कि इससे वंचित वर्ग के बच्चे स्कूल में पढ़ने आते हैं और दूसरा कि पांच वर्ष से 15 वर्ष तक के बच्चों में कुपोषण से लड़ा जा सकता है।
याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस ने जब देश में अपना पांव पसारा तो सरकारी एजेंसियां और मेडिकल एक्सपर्ट लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाने पर विचार कर रही थी। लेकिन दिल्ली सरकार ने गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए मिड डे मील बंद कर दिया। याचिका में कहा गया है कि मिड डे मील योजना के तहत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ने छात्रों को दोपहर का भोजन उपलब्ध करवाया जाता है। मिड डे मील सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, स्थानीय निकायों की ओर से संचालित स्कूलों, मदरसों और मकतबों में दिया जाता है। इसके लाभार्थी समाज के वंचित और गरीब तबके के बच्चे होते हैं। लेकिन दिल्ली में इन बच्चों को कोरोना जैसे संकट की घड़ी में मिड डे मील नहीं दिया जा रहा है। (एजेंसी, हि.स.)
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