इस्लामाबाद, 03 अगस्त । कुलभूषण जाधव मामले में सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने सोमवार को पाकिस्तान सरकार को आदेश दिया कि वह मौत की सजा पाए कैदी के लिए वकील नियुक्त करने के लिए भारत को एक और मौका दे। 50 वर्षीय सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव को अप्रैल 2017 में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को 3 सितम्बर तक के लिए स्थगित कर दी है।
सुनवाई के दौरान कुलभूषण के कानूनी प्रतिनिधित्व का मसला उठा, तब चीफ जस्टिस ने सरकार को आदेश दिया कि इस मामले में भारत सरकार से संपर्क करके कुलभूषण जाधव को कानूनी प्रतिनिधित्व दिलाने की व्यवस्था करे। जज की टिप्पणी का जवाब देते हुए पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने कहा कि जाधव की सजा के खिलाफ भारत को समीक्षा याचिका दायर करने का अवसर देने के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि हम विदेश कार्यालय के माध्यम से फिर भारत से संपर्क करेंगे। सुनवाई के दौरान यह भी कहा गया कि वकील पाकिस्तान का होना चाहिए। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, ‘इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के दो कांसुलर अधिकारियों को जाधव के लिए निर्बाध कांसुलर एक्सेस प्रदान किया गया।’ जाधव से किस जगह पर मुलाकात हुई, अभी इस बारे में पता नहीं चल सका है।
उल्लेखनीय है कि भारत ने पाकिस्तान के जाधव तक कांसुलर एक्सेस से इनकार करने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था जिसमें आईसीजे ने जुलाई 2019 में फैसला सुनाया था कि पाकिस्तान को जाधव की सजा और सजा की “प्रभावी समीक्षा और उस पर पुनर्विचार” करना चाहिए। साथ ही भारत को आगे किसी देरी के बिना काउंसर एक्सेस प्रदान करना चाहिए।
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