छत्तीसगढ़ शासन की नीतियों एवं विकास कार्य के प्रभाव से तथा क्षेत्र में सुरक्षा बलों के नक्सल विरोधी अभियान के बढ़ते दबाव से क्षेत्र में नक्सलियों का जनाधार एवं पकड़ कमजोर हुआ है। इसलिए अब नक्सली आम ग्रामीणों पर बलपूर्वक दबाव बनाकर नवयुवक एवं नवयुवतियों को जबरदस्ती अपने साथ शामिल करने का प्रयास कर रहे है। इसी प्रकार का एक मामला थाना केशकाल क्षेत्र के नक्सल प्रभावित अंचल में बसे ग्राम माडगांव से भी सामने आया है।
पिछले माह थाना केशकाल क्षेत्र के ग्राम माडगांव से दो युवक एवं दो युवतियों को बलपूर्वक ग्रामीणों को धमकाकर नक्सली दलम में शामिल करने के उद्देश्य से किसकोडो दलम के नक्सली ले गये थे। चारोंं युवक-युवतियों ने नक्सलियों के विचारों से विमुख होकर समाज की मुख्य धारा में जुड़ने का निर्णय लिया तथा स्वयं अपने ग्राम माडगांव वापस आ गये और आज 09 अगस्त को ग्राम के अन्य रहवासियों की मदद से इन्हें कोण्डागांव पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कराया गया।
पूछताछ के दौरान इन चारों ने खुलासा किया कि गत् माह 12 जुलाई को ग्राम माड़गांव से नक्सली किसकोडो एलजीएस कमांडर लखमू एवं अन्य 07 नक्सली गांव से उन्हें बलपूर्वक धमकाकर अपने साथ ले गये थे । इस दौरान उन्हें नक्सलियों द्वारा हथियार चलाने, बम बनाने एवं अन्य नक्सल संबंधित प्रशििक्षण दिया गया तथा जबरदस्ती अपने साथ घुमाकर इनके जेहन में नक्सल संबंधी वीडियों, साहित्य इत्यादि के माध्यम से अपने साथ शामिल करने का प्रयास किया गया। इन नौजवानों ने नक्सलियों का साथ छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का निर्णय लिया है और आश्वासान दिया है कि पुनः नक्सलियों का साथ नहीं देंंगे। तथा सभी अपने गांव में रहकर गांव के विकास में भागीदार बनेंगे। पूछताछ में कुछ अन्य महत्वपूर्ण नक्सल संबंधी सूचनाए भी दी गयी है। इस मौके पर कोण्डागांव पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ तिवारी ने नक्सलवाद की राह में भटके हुए साथियों से यह अपील की है कि नक्सलवाद को किसी भी स्वरूप में बढ़ावा न दें तथा शासन और समाज की मुख्य धारा में शामिल होकर आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से लाभान्वित होवें । इसी तारतम्य में कोण्डागांव पुलिस द्वारा दो युवक एवं दो युवतियों कुल चार निवासी माडगांव को उनके इस सराहनीय कदम हेतु प्रत्येक को 10 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदाय की गई है।
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