कोलकाता। भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया कि ममता बनर्जी की तानाशाही और “भाइपो” (भतीजा) से तृणमूल के नेताओं में बहुत ही नाराजगी है। बता दें कि “भाइपो” बांग्ला शब्द है, जिसका हिंदी अनुवाद भतीजा है। भाजपा के नेता व विरोधी दल बंगाल में “भाइपो” शब्द का इस्तेमाल सीएम ममता बनर्जी के भतीजे व सांसद अभिषेक बनर्जी के लिए करते हैं। उन्होंने कहा, “लोग पार्टी में चल रहे सिंडिकेट राज, भ्रष्टाचार से खफा हैं। अभी तो केवल शुभेंदु अधिकारी ने ही मंत्री पद छोड़ा है। मेरी जानकारी है कि तृणमूल के छह से सात मंत्री भी अपना पद छोड़ेंगे, क्योंकि वे सभी ममता जी और “भाइपो” से नाराज हैं। आज ही टीएमसी के बागी विधायक मिहिर गोस्वामी बीजेपी में शामिल हुए हैं।
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “इससे साफ जाहिर है कि ममता जी की सरकार और टीएमसी में ममता जी के अहंकार के कारण असहजता है। शुभेंदु जैसे सीनियर नेता आज पार्टी छोड़ रहे हैं। मेरी जानकारी के अनुसार पिछले छह महीने से वह ममता जी से शिकायत कर रहे थे कि “भाइपो” की गतिविधियां रोकिए। कोयले की तस्करी रोकिए। गाय की तस्करी रोकवाइए। सोने की तस्करी रुकवाएं। इससे बदनामी हो रही है, पार्टी की। सिंडिकेट से वसूली हो रही है। अधिकारियों से वसूली हो रही है। इससे आम जनता नाराज है। ममता जी “भाइपो” को नियंत्रण नहीं कर पाई और शुभेंदु को इस्तीफा देना पड़ा।
उन्होंने कहा कि आपकी छवि के साथ हमलोगों की छवि को भी नुकसान पहुंच रहा है। ममता जी ने शुभेंदु की उपेक्षा करनी शुरू कर दी। ऐसे और भी मंत्री हैं, जो पार्टी के अंदर असहज महसूस कर रहे हैं। मेरी जानकारी में ऐसे 6-7 मंत्री हैं, जो पार्टी और सरकार में असहज हैं। वे या तो मंत्री पद से इस्तीफा देंगे या घर बैठेंगे। ममता जी के साथ आने वाले चुनाव में विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक उनकी शुभेंदु से बीजेपी में शामिल होने को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है। न ही हमसे संपर्क किया। वह टीएमसी के बड़े नेता हैं। हम पार्टी के शीर्ष नेताओं से चर्चा करेंगे और चर्चा करने के बाद यदि वह बीजेपी में आते हैं, तो हम उनका स्वागत करेंगे। (एजेंसी, हि.स.)
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved