ताइपे। चीन(China) ने ताइवान (Taiwan) के ऊपर और ज्यादा दबाव बढ़ाते हुए फाइटर जेट(fighter jet) भेजने का अपना रेकॉर्ड मात्र एक दिन बाद ही तोड़ दिया है। चीन ने कुल 39 फाइटर जेट ताइवान के हवाई रक्षा पहचान जोन(China sent 39 fighter jets to Taiwan’s Air Defense Identification Zone) में भेजे। इससे पहले शुक्रवार को उसने 38 लड़ाकू विमान उड़ाए थे। चीनी सेना (chinese army) की इस दादागिरी से अब साउथ चाइना सी (South China Sea) में तनाव(Tension) अपने चरम पर पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि चीनी विमानों को जवाब देने के लिए ताइवान ने अपने फाइटर जेट भेजे और मिसाइलों को तैनात कर दिया।
ताइवानी सेना ने मिसाइलों को निगरानी के लिए तैनात किया
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन ने शनिवार को दो बार में कुल 39 फाइटर जेट उसके हवाई रक्षा इलाके में भेजे। इसमें 20 विमान दिन में भेजे और रात को 19 विमान भेजे गए। इनमें से ज्यादातर विमान जे-16 और रूसी मूल के सुखोई-30 थे। इन दोनों ही अभियानों के दौरान चीनी विमान ताइवान के नियंत्रण वाले प्रतास द्वीप के पास से गुजरे। ताइवान ने दोनों ही अपने फाइटर जेट को चीनी विमानों को खदेड़ने के लिए दौड़ाया।
यही नहीं ताइवान की सेना ने अपनी मिसाइलों को भी चीनी विमानों की निगरानी के लिए तैनात कर दिया था। ताइवान ने चीन के इस कदम की कड़ी आलोचना की है। ताइवान की राष्ट्रपति सू त्सेंग चांग ने कहा कि चीनी विमानों की कार्रवाई डराने-धमकाने वाली है। अभी तक चीन की ओर से कोई बयान नहीं आया है। इससे पहले चीन अब तक 500 से ज्यादा बार ताइवान के हवाई रक्षा इलाके में अपने विमान भेज चुका है।
चीन से निपटने की तैयारी में जुटा ताइवान
इस तनाव से दक्षिण चीन सागर में चीन और ताइवान के बीच विवाद गहराता ही जा रहा है। चीन की ओर से लगातार परमाणु बॉम्बर भेजे जाने और युद्धाभ्यास के बीच ताइवान ने भी पिछले दिनों ड्रैगन को करारा जवाब देने का अभ्यास किया था। ताइवान की सेना ने बुधवार सुबह एक युद्धाभ्यास में अमेरिका निर्मित घातक एफ-16 और फ्रांस निर्मित मिराज 2000-5 विमानों को सड़क पर उतारकर अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। यह अभ्यास इसलिए था कि यदि शत्रु बल उनके एयरबेस को नष्ट देते हैं, तो वे क्या करेंगे। ताइवान ने हान गुआंग सैन्य अभ्यास भी किया है, ताकि वह चीन के किसी भी हमले के लिए द्वीप के बलों को तैयार कर सके।
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