- तीन दिनों तक उलझाए रखा-पिछले दिनों हुई थी छायानगर की मल्टी में रहने वाले दंपत्ति के साथ भी हुई थी घटना-ठग अपने खाते में डलवा लेते हैं पैसा
- ठग ने खुद को पुलिस अधिकारी बताकर डराया-76 वर्षीय वृद्ध ने पत्नी और खुद के खाते से रुपए ट्रांसफर कर दिए
एसपी ने कहा जाँच में सुराग हाथ लगे हैं जल्द होगा खुलासा-पहले भी हुई है डिजिटल अरेस्ट से ठगी की घटनाएँ
उज्जैन। शहर में ऑनलाईन ठगी की घटनाएँ लगातार बढ़ रही है और एक बार फिर बदमाशों ने 76 वर्षीय वृद्ध को डिजिटल अरेस्ट कर 3 दिन में 2 करोड़ 55 लाख की चपत लगा दी। घटना के बाद से डिजिटल ठगों का शिकार हुए रिटायर अधिकारी बेहद घबराए हुए हैं। एसपी प्रदीप शर्मा ने कहा कि जाँच शुरू कर दी गई है और जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा।
माधवनगर थाना क्षेत्र की मंगल कॉलोनी निवासी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड कंपनी के सेवानिवृत्त अधिकारी 76 वर्षीय रवींद्र कुलकर्णी को सायबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर 2 करोड़ 55 लाख रुपये ठग लिए। अधिकारी को आरोपियों ने अश्लील वीडियो और मनी लांड्रिंग के केस में जेल भेजने व 5 लाख रुपये जुर्माना लगाने के नाम पर धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट किया गया। उसके बाद रवींद्र कुलकर्णी ने अपने व पत्नी के बैंक खातों से ठग के दिए बैंक अकाउंट में आरटीजीएस के जरिए 2.55 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। माधवनगर थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। पुलिस ने बताया कि रवींद्र कुलकर्णी ने 20 सितंबर को थाने में शिकायत की थी कि उनके मोबाइल पर 10 सितंबर को हेमराज कोली नामक व्यक्ति ने फोन किया था। कोली ने खुद को मुंबई पुलिस का एसआई बताया था। नकली एसआइ कोली ने कहा कि वह अंधेरी थाने पर पदस्थ हैं। कुलकर्णी के खिलाफ मनी लांड्रिंग के 17 केस दर्ज हैं। अश्लील वीडियो संबंधी शिकायतें भी हैं। तीन साल की कैद व पाँच लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। कुलकर्णी को जेल भेजने की धमकी देकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। 76 वर्षीय रविंद्र कुलकर्णी को मनी लांड्रिंग के केस में रुपये वेरिफाई कराने के नाम पर उनके बैंक खाते में जमा राशि को कोली के दिए बैंक खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर करने को कहा। डर के कारण कुलकर्णी ने 11 से लेकर 13 सितंबर तक ठग के दिए बैंक खातों में अपने व पत्नी अनामिका के बैंक खातों से 2.55 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। उसके बाद कुलकर्णी माधवनगर थाने पहुँचे। पुलिस ने उनकी शिकायत पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज किया है। उज्जैन में पूर्व में भी इस तरह की डिजिटल अरेस्ट की घटनाएँ हो चुकी है जिसमें अगस्त माह में से ठगी की एक बड़ी वारदात हो चुकी है जिसमें एसबीआई के सेवानिवृत्त प्रबंधक राकेश कुमार जैन के साथ सीबीआई के नकली अधिकारी बनकर ठगी की थी। डिजिटल अरेस्ट और धमकी देकर 55 लाख रुपये ठगों ने अपने खाते में जमा कर लिए थे। पुलिस की जाँच अभी जारी है। आठ अप्रैल को उज्जैन के ही एक कारोबारी चरणजीत के साथ भी इसी तरह की वारदात हो चुकी है। उसे धोखाधड़ी के केस में फँसाने की धमकी देकर नकली सीबीआइ अधिकारी बनकर ढाई 2 करोड़ रुपये ठगों ने अपने खाते में जमा करा लिए थे उसकी भी जाँच चल रही है। गत दिवस मंगल कॉलोनी निवासी रविंद्र कुलकर्णी के साथ हुई 2 करोड़ 55 लाख रुपए की ठगी के मामले में उज्जैन एसपी प्रदीप शर्मा ने अग्रिबाण को बताया कि जाँच में कुछ सुराग पुलिस को हाथ लगे हैं साइबर टीम पूरे मामले की जाँच कर रही है जल्द ही इस पूरे मामले का खुलासा होगा।