जम्मू। केंद्र सरकार एवं रेल मंत्रालय द्वारा रेलवे का निजीकरण, निगमीकरण, पदों का सरेंडर, नई भर्ती पर रोक सहित तमाम समस्याओं को लेकर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन व नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के आह्वान पर रेल बचाओ देश बचाओ आंदोलन शुरू किया गया। इसके तहत नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन की जम्मू शाखा ने शाखा अध्यक्ष एस.बी. दास की अध्यक्षता में केंद सरकार व रेल मंत्रालय के खिलाफ रविवार को जमकर प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन में स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए यूनियन ऑफिस के बाहर कर्मचारियों ने अपनी मांगों को उठाया। शाखा के सचिव कॉमरेड शैम्बर सिंह ने इस दौरान कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मजदूरों के हितों को अनदेखी की जा रही हैं। सरकार पूंजीपति हितैषी नीतियों को लेकर तेजी से आगे बढ़ रही है और रेल को बेचने पर तुली हुई है। ऐसे में हमें अपने लिए नहीं अपने बच्चों के लिए संघर्ष करना होगा। उन्होंने सरकार से कहा कि वो रेल को पूंजीपतियों के हाथों बेचना बंद करे।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार केंद्र सरकार सभी सरकारी संस्थानों को बेच रही है आगे चलकर आने वाली पीढिय़ों का भविष्य अंधकारमय होगा। उन्होंने कहा कि आज से पिछले 75 वर्ष पूर्व इसी तारीख को अंग्रेजों को भगाने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन चलाया गया था। आज उसी इतिहास को दोहरते हुए हमें रेल को बचाने के लिए काले अंग्रेजों से लड़ऩा पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे के निजीकरण से सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इससे बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियां ख़त्म होंगीं क्योंकि निजी प्लेयर्स कम लोगों से ज्यादा काम करवाकर लाभ अर्जित करना पसंद करेंगे।
सारांश के तौर पर ऐसा कहा जा सकता है कि रेलवे का निजीकरण ठीक वैसा ही परिणाम लायेगा जैसा कि सरकारी और निजी स्कूलों के बीच है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई होती नहीं है और निजी स्कूलों की फीस इतनी ज्यादा है कि हर कोई नहीं दे सकता है। एक तरफ जहां रेल कर्मचारियों ने इस कोरोना काल में भी ट्रेनों को चलाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है उसे शाबासी की जगह उन्हें रेल को निजीकरण कर इनाम दिया जा रहा है।
वहीं, कॉमरेड के.के. शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि निजीकरण से सबसे बड़ा नुकसान युवाओं को है। मल्टी स्किल योजना को लागू कर एक कर्मचारी को तीन-तीन कर्मचारियों का काम देने की योजना है। कॉमरेड रामपाल शर्मा ने कहा कि सरकार ने महंगाई को काबू ना करके कर्मचारियों के महंगाई भत्ता को ही बंद कर दिया जो सरकार की मजदूर विरोधी नीति है। भारतीय रेल में 90 प्रतिशत यात्री निम्न और मध्यम वर्ग के लोग सफर करते हैं जिन्हें सस्ती, सुगम व सुरक्षित सुविधा प्राप्त हो रही है। लेकिन रेल को निजीकरण करने के बाद गरीब पर दोहरी मार पड़ेगी। इसलिए सभी साथी एकजुट होकर सरकार की गलत नीतियों का विरोध करें।
कॉमरेड रंजीत पासवान ने कहा कि सरकार देश के सार्वजनिक क्षेत्र के साथ-साथ जल, जंगल, जमीन, धन संपदा, श्रमिकों आदि को अंधाधुंध लूट के लिए पूंजीपतियों को सुपुर्द करने की पूरी तैयारी में है। इस मौके पर कर्मचारियों को मीडिया सचिव प्रकाश चन्द्र, कॉमरेड़ जेपी सिंह, कॉमरेड़ रोहित कुमार, पप्पू कुमार, विकाश कुमार, प्रदीप कुमार ने भी संबोधित किया।
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