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भारतीय रेलवे ने माल यातायात को प्रोत्साहन के लिए विभिन्न नवीन योजनाओं की शुरुआत की

August 06, 2020

माल ढुलाई को बढ़ावा देने के भारतीय रेलवे के उद्देश्य की पूर्ति के लिए पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के ऊर्जावान नेतृत्व और कुशल मार्गदर्शन में जोनल मुख्यालय और मंडल कार्यालयों में पिछले दिनों मल्टी- डिसिप्लिनरी बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट्स (बीडीयू) की स्थापना की गई। इन इकाइयों को स्थापित करने का उद्देश्य नये विचारों और पहलों को शामिल करके माल बाजार में माल यातायात के व्यवसाय की सम्भावनाओं में सुधार करना है।रेलवे बोर्ड के निर्देशों के अनुसार, पश्चिम रेलवे अब माल ढुलाई करने वालों को आकर्षित करने के लिए पांच नई प्रोत्साहन योजनाएं लेकर आई है, जिनके माध्यम से माल ग्राहकों को उनके माल और पार्सल के परिवहन के लिए रेलवे के साथ गठजोड़ करने हेतु बढ़ावा दिया जायेगा। इन नई प्रोत्साहन योजनाओं की मदद से, भारतीय रेलवे प्रतिस्पर्धी इकाई दरों पर माल ग्राहकों को ट्रैफिक की पेशकश करेगी, जो सड़क परिवहन की तुलना में काफी कम हैं और इसके अंतर्गत उनका माल सुनिश्चित समय के साथ त्वरित गति से गंतव्य तक पहुंचाया जायेगा।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार मालभाड़ा प्रोत्साहन योजनाओं से ग्राहकों को व्यापार करने में आसानी होगी तथा रेलवे को अतिरिक्त यातायात एवं राजस्व की प्राप्ति होगी। रेलवे के जरिये माल परिवहन हेतु पांच नवीनतम बड़ी प्रोत्साहन योजनाओं का विवरण नीचे दिया जा रहा है।

पीईटी कोक के लिए अनुज्ञेय भार वहन क्षमता : BOXN & BONHL वैगनों में पैट कोक की लोडिंग के लिए अनुज्ञेय कैरिंग कैपिसिटी (PCC) को 13 अक्टूबर, 2019 से 2 से 5 टन तक कम किया गया है, जबकि BOXNHS वैगनों में यह योजना 27 जून, 2020 से प्रभावी हो गई है। इसी तरह, BOXNR, BOXNCR, BOXNHSM1, BOXNM1 और BOXNEL की संशोधित पीसीसी को 5 अगस्त, 2020 से लागू किया गया है। लोडिंग में यह छूट 11 अक्टूबर, 2020 तक मान्य हैं।

लदान किए गए कंटेनरों के संचलन हेतु ढुलाई प्रभार पर रियायत : रिक्त कंटेनर एवं रिक्त फ्लैट वैगन के संचलन हेतु टीईयू के अनुसार ढुलाई दर पर 25% रियायत दी जा रही है बोर्ड में लदान किए गए कंटेनर्स के संचालन हेतु दरों के अनुसार धुलाई दर पर 5% की रियायत दी है। यह रियायत 4 अगस्त, 2020 से 30 अप्रैल, 2021 तक लागू रहेगी।

औद्योगिक उपयोग हेतु नमक का वर्गीकरण : बोर्ड ने “औद्योगिक उपयोग हेतु नमक” के वर्गीकरण को कम करके उसे श्रेणी 120 से 100 ए में करने पर मंजूरी दे दी है। औद्योगिक उपयोग हेतु नमक को ओपन वैगनों में लूज कंडीशन में लदान करने संबंधी अनुमति प्रदान कर दी गई है। नमक की लूज लोडिंग को इस शर्त के साथ अनुमति दी गई है कि फर्श और साइडों को तारपोलिन से कवर किया जाए जिससे कि नमक के कारण वैगनों को कोई क्षति न पहुंचे अथवा कोरोज़न न लगे। वैगनों को इस प्रकार की क्षति पहुंचने अथवा उनमें कोरोजन लगने की स्थिति में ग्राहक को ऐसे नुकसान के लिए भुगतान करना देय होगा। ये अनुदेश 5 अगस्त, 2020 से प्रभावी होंगे और आगे तक वैध रहेंगे।

मालभाड़ा प्रोत्साहन योजना के तहत ओपन वैगनों में फ्लाई ऐश का लदान : यूनिफॉर्म बैग्ड स्थिति में फ्लाई ऐश के लदान के लिए रियायत दी गई थी। रेलवे बोर्ड ने फ्लाई ऐश हेतु तीन तरह के वैगनों के लिए लूज/थोक लोडिंग की अनुमति दी है, जैसे ओपन वैगन्स के लिए लागू वर्ग की एनटीआर पर 40% रियायत बैग या थोक/ लूज की पैकिंग स्थिति के साथ, फ्लैट वैगनों पर पैकिंग की स्थिति के साथ लागू वर्ग का एनटीआर पर 40% रियायत समान नियमानुसार तथा कवर किए गए वैगनों के रूप में जिसे बैग एलआर 1 के एनटीआर में पैकिंग स्थिति के साथ चार्ज किया जाएगा। ग्राहक ध्यान दें कि ओपन वैगन्स को बल्क/लूज लोडिंग के लिए भी अनुमति दी गई है।

बैग्ड फ्लाई ऐश के मामले में, यह मानक आकार के समान बैगों में होना चाहिए और लूज फ्लाई ऐश के मामले में, ग्राहक को फ्लाई ऐश को हाइड्रेट करना और वैगनों को तिरपाल से ढंकना अपनी लागत पर सुनिश्चित करना होगा। तिरपाल, यदि खुले वैगनों में बैगेड फ्लाई ऐश को कवर करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, तो ग्राहकों को उनकी लागत भी देनी होगी। ग्राहक को फॉरवर्डिंग नोट पर एक अंडरटेकिंग प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी, जिसमें लिखा होगा कि खुले और सपाट वैगनों में बैग्ड फ्लाई ऐश को लोड करने के लिए वह सहमति प्रदान करता है और वह खेप के नुकसान का पूरा जोखिम वहन करेगा। ग्राहक प्रदूषण नियंत्रण के सम्बंध में राज्य/केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित शर्तों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेगा। ये निर्देश 8 अगस्त, 2020 से प्रभावी होंगे।

कंटेनर यातायात के मामले में स्टैबलिंग इन प्रभार : रेलवे बोर्ड ने प्रतिदिन प्रति वैगन को लागू 525 रु. के स्टेबलिंग प्रभार में छूट दी है। 18 मई, 2020 से 31 अक्टूबर, 2020 तक कंटेनर यातायात के मामले में कोई भी स्टेबलिंग प्रभार नहीं लगाया जाएगा। ठाकुर ने बताया कि पहले माल ढुलाई ग्राहकों के लाभ के लिए 14 प्रोत्साहन योजनाएं लागू की गई थीं और अब इनके अलावा 5 और प्रोत्साहन योजनाओं की शुरुआत की गई है, जो निश्चित रूप से पश्चिम रेलवे पर माल यातायात को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगी।

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