पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के ड्रीम प्रोजेक्ट (Dream Project) बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु (Bakhtiyarpur-Tajpur Ganga Mahasetu) के संपर्क पथ पर बीती रात एक बड़ा हादसा हुआ। देर रात को पटोरी के निकट नंदनी लगुनिया रेलवे स्टेशन के पास पुल का एक स्पैन भरभरा कर गिर गया। इस घटना के बाद निर्माण एजेंसी के कर्मियों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2011 में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु की आधारशिला रखी थी। अब तक 45 किलोमीटर लंबे संपर्क पथ एवं 5.575 किलोमीटर लंबे पुल का लगभग 60 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है।
पटोरी के निकट नंदनी लगुनिया की घटना
1603 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट का निर्माण नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड कर रही है। जानकारी के अनुसार कल रविवार की देर रात नंदनी लगुनिया स्थित पुल का एक स्पैन अचानक गिर गया। गनीमत रही कि हादसे के वक्त कोई वहां से गुजर नहीं रहा था। फिलहाल वहां निर्माण कार्य रोक दिया गया है।
1603 करोड़ की लागत से बन रहा पुल
प्रशासन और निर्माण कंपनी के वरीय अधिकारी मौके पर पहुंचे हुए हैं। हादसे से पुल निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं। निर्माण में घटिया सामग्री के आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया है। अभी वहां मजदूर जेसीबी से मलबा हटाने में जुटे हैं। निर्माण एजेंसी के अधिकारियों का कहना है कि हादसे की वजह की जांच की जाएगी।
कुछ महापूर्व पिलरो के बीच चढ़ाया गया था स्पेन
शाहपुर पटोरी एवं मोहिउद्दीननगर के बीच नंदिनी लगुनियां रेलवे स्टेशन के समीप रेल लाइन के ऊपर इस महासेतु के संपर्क पथ का निर्माण हो रहा है। कुछ माह पूर्व इनके पिलरों पर स्पैन चढ़ाएं गए थे। रविवार रात रेल लाइन के उत्तरी हिस्से में दो पिलरों पर अवस्थित यह स्पैन गिरकर धराशायी हो गया। इससे पुल की गुणवत्ता पर भी प्रश्न चिह्न लग गया है।
वर्ष 2011 में मुख्यमंत्री ने रखी थी आधारशिला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2011 में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में बख्तियारपुर-ताजपुर गंगा महासेतु की आधारशिला रखी थी। 45 किलोमीटर लंबे संपर्क पथ एवं 5.575 किलोमीटर लंबे नदी पुल के निर्माण में कुल 1603 करोड रुपए खर्च किए जाने हैं। अबतक पुल का लगभग 60 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है। इसमें लगभग हजार करोड रुपए से अधिक खर्च किए जा चुका है। पुल का निर्माण वर्ष 2016 में ही हो जाना था। परंतु, वर्ष 2024 में भी यह कार्य पूरा नहीं हो सका है। महासेतु के निर्माण में 307.50 करोड़ रुपये राज्य सरकार द्वारा एवं 277.50 करोड रुपए केंद्र सरकार द्वारा खर्च किया जा रहा है।
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